नई दिल्ली। सत्रहवीं लोकसभा के ग्यारहवें सत्र का गुरुवार को अंतिम दिन था। 31 जनवरी से शुरू हुआ संसद का बजट सत्र दो भागों में था। इस दौरान 25 बैठकें हुईं और लगभग 46 घंटे कामकाज हुआ। इस सत्र के दौरान आठ सरकारी विधेयक पुर:स्थापित किए गए तथा छह विधेयक पारित किए गए।
बजट सत्र का दूसरा भाग विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच गतिरोध के चलते बाधित रहा। विपक्ष जहां अडानी-हिंडनबर्ग मामले में जेपीसी की मांग करता रहा तो वहीं सत्ता पक्ष राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान पर उनसे माफी मांगता रहा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बजट सत्र के दूसरे भाग के अंतिम दिन गुरुवार को बताया कि इस सत्र के दौरान 25 बैठकें की गईं और लगभग 45 घंटे 55 मिनट तक कार्यवाही चली। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने 31 जनवरी को एक साथ समवेत दोनों सभाओं के सदस्यों के समक्ष अभिभाषण प्रस्तुत किया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 13 घंटे 44 मिनट तक चली और इस चर्चा में 143 सदस्यों ने भाग लिया। चर्चा के अंत में प्रधानमंत्री ने वाद-विवाद का उत्तर दिया। सभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव को स्वीकार किया।
उन्होंने बताया कि इस सत्र में वित्त मंत्री द्वारा एक फरवरी को केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया गया। केंद्रीय बजट 2023-24 पर सामान्य चर्चा 14 घंटे 45 मिनट तक चली। वाद-विवाद में 145 सदस्यों ने भाग लिया और वित्त मंत्री ने चर्चा का उत्तर दिया। केंद्र सरकार के मंत्रालयों एवं विभागों की वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुदान मांगों को सभा द्वारा 23 मार्च को स्वीकृत किया गया तथा संबंधित विनियोग विधेयक को पारित किया गया। उसके उपरांत सभा द्वारा वित्त विधेयक पारित किया गया।
सत्र के दौरान 29 तारांकित प्रश्नों का मौखिक उत्तर दिया गया। प्रश्नकाल के बाद लोक महत्व के कुल 133 मामले उठाए गए तथा नियम 377 के अधीन कुल 436 मामले लिए गए। लोकसभा की विभागों से संबद्ध स्थायी समितियों ने 62 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। सत्र में निदेश 73ए के अधीन 14 और संसदीय कार्य मंत्री द्वारा संसदीय कामकाज के संबंध में दिये गये तीन वक्तव्य सहित 23 वक्तव्य दिए गए। सत्र के दौरान 2799 पत्र सभा पटल पर रखे गए।
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कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली ने शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच की गति से खुश नहीं हैं। सोमवार को सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि सीबीआई ने जो विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाई है वह आशानुरूप काम नहीं कर रहा। उन्होंने यह भी कहा कि आवश्यकता पड़ने पर एसआईटी के सदस्यों को बदला जाए।
गत 17 जून को न्यायमूर्ति गांगुली ने सीबीआई एसआईटी को राज्य के स्कूलों में भर्ती भ्रष्टाचार के सभी मामलों की जांच करने का आदेश दिया था। न्यायमूर्ति गांगुली ने यह आदेश देते हुए कहा कि भर्ती भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत दूर तक जा सकती हैं। अदालत ने यह भी निर्देश दिया था कि ”एसआईटी” उच्च न्यायालय की देखरेख में जांच करेगी और एसआईटी के सदस्यों को अदालत की अनुमति के बिना स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है।
कोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय जांच दल ने सीबीआई की ओर से छह सदस्यीय सीट टीम का गठन किया। इतने दिनों से इस सीट की जांच चल रही थी। हालांकि, न्यायमूर्ति गांगुली ने कहा कि सीबीआई के इस विशेष जांच दल के सदस्य ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। जस्टिस गांगुली ने सीबीआई के वकील से कहा कि जरूरत पड़ने पर सीट के सदस्यों को बदला जा सकता है।
सीबीआई सीट की इस टीम में एसपी धर्मबीर सिंह, डीएसपी सत्येंद्र सिंह, डीएसपी केसी रिशिनामुल, इंस्पेक्टर सोमनाथ विश्वास, इंस्पेक्टर मलय दास और इंस्पेक्टर इमरान आशिक हैं। अदालत ने कहा कि उनमें से कुछ ठीक से जांच नहीं कर रहे हैं।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार 10 लाख नौकरियां देने पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी अभियान से जुड़ रहे हैं जिससे इस संख्या में काफी इजाफा होगा।
प्रधानमंत्री मोदी वीडियो संदेश के माध्यम से गुजरात रोजगार मेले को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने हजारों युवा उम्मीदवारों को बधाई दी, जिन्हें विभिन्न ग्रेडों में विभिन्न पदों पर नियुक्ति पत्र दिए गए थे। प्रधानमंत्री ने याद किया कि धनतेरस के शुभ दिन पर उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार मेला शुरू किया जहां उन्होंने 75,000 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। प्रधानमंत्री ने धनतेरस दिवस पर कहा था कि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसी तरह के रोजगार मेलों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा, गुजरात तेजी से आगे बढ़ा है और आज गुजरात पंचायत सेवा बोर्ड से 5000 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र मिल रहे हैं, 8000 उम्मीदवारों को गुजरात सब इंस्पेक्टर भर्ती बोर्ड और लोकरक्षक भर्ती बोर्ड से नियुक्ति पत्र मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस त्वरित प्रतिक्रिया के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री और उनकी टीम की सराहना की। प्रधानमंत्री ने बताया कि हाल के दिनों में गुजरात में 10 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए और अगले एक साल में 35 हजार पदों को भरने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रधानमंत्री ने गुजरात में रोजगार और स्वरोजगार के कई अवसर पैदा करने का श्रेय राज्य की नई औद्योगिक नीति को दिया। उन्होंने ओजस जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म और श्रेणी 3 और 4 पदों में साक्षात्कार प्रक्रिया को समाप्त करने की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ‘अनुबंध’ मोबाइल एप और वेब पोर्टल के माध्यम से राज्य में नौकरी चाहने वालों और नौकरी देने वालों को जोड़कर रोजगार को सुगम बनाया जा रहा है। इसी तरह, गुजरात लोक सेवा आयोग के तेजी से भर्ती मॉडल की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले महीनों में इस प्रकार के रोजगार मेलों का आयोजन राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर होता रहेगा। जहां केंद्र सरकार 10 लाख नौकरियां देने पर काम कर रही है, वहीं राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी इस अभियान से जुड़ रहे हैं, संख्या में काफी इजाफा होगा।
2047 तक भारत के विकसित राष्ट्र के दर्जे की ओर बढ़ने में इन युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने उन्हें समाज और देश के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिए कहा। उन्होंने उनसे सीखना और कुशल होना जारी रखने और नौकरी खोजने को अपने विकास का अंत नहीं मानने के लिए भी कहा। प्रधानमंत्री ने निष्कर्ष निकाला, “यह आपके लिए कई दरवाजे खोलता है। समर्पण के साथ अपना काम करने से आपको असीम संतुष्टि मिलेगी और विकास और प्रगति के द्वार खुलेंगे।”