पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट के अयोग्य घोषित होने की खबर ने पूरे देश को मायूस कर दिया है। आज सूरज की किरणों के साथ ही देश ने विनेश से कम से कम सिल्वर मेडल की आशा की थी, लेकिन जब पता चला कि भारतीय महिला रेसलर फाइनल में भाग नहीं ले पाएंगी, तो सारी उम्मीदें चूर हो गईं। इस निराशाजनक खबर से न सिर्फ आम भारतीय दुखी हैं, बल्कि क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर भी प्रभावित हुए हैं। सचिन ने सोशल मीडिया पर विनेश फोगाट और निशा दहिया की सराहना करते हुए एक लंबा पोस्ट लिखा है।
सचिन ने एक्स पर लिखा, “निशा दहिया और विनेश फोगाट, आपके साहस और अडिग दृढ़ता ने पूरे देश को प्रेरित किया है। निशा का चोट के बावजूद इतनी ताकत के साथ मुकाबला करना सच में सराहनीय था। विनेश, भले ही आप अयोग्य घोषित हो गईं, लेकिन फाइनल तक की आपकी शानदार यात्रा और युई सुसाकी पर आपकी जीत अद्वितीय थी। आप दोनों असली चैंपियन हैं। हालांकि, परिणाम हमारे अपेक्षित थे, लेकिन आप अपने सिर को ऊँचा रखें क्योंकि पूरा देश आपके साथ है। भारत के लिए आपकी पूरी मेहनत और समर्पण के लिए धन्यवाद। हमें आप दोनों पर गर्व है।”
विनेश फोगाट ने रेसलिंग के फाइनल तक पहुंचकर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की थी, और पूरा देश उनसे गोल्ड मेडल की आशा लगाए था। लेकिन महिलाओं की 50 किलो रेसलिंग के फाइनल से पहले जब उनका वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया, तो उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस खबर से विनेश को गहरा धक्का लगा और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। उन्होंने रातभर वजन घटाने की पूरी कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सकीं। विनेश ने वजन घटाने के लिए अत्यधिक मेहनत की, यहां तक कि अपने बाल भी काट दिए, लेकिन 50 किलो तक नहीं पहुंच पाईं।
जानकारी के लिए, जब रेसलर का वजन निर्धारित भारवर्ग से अधिक होता है, तो उसे वजन कम करने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। विनेश का वजन 56-57 किलो था और उन्हें 50 किलो तक पहुंचने में काफी संघर्ष करना पड़ा। आमंत्रण टूर्नामेंट्स में यूडब्ल्यूडब्ल्यू 2 किलो की छूट देता है, लेकिन ओलंपिक, विश्व चैम्पियनशिप और एशियन चैम्पियनशिप में यह नियम लागू नहीं होता। इसी वजह से खिलाड़ियों को वजन कम करने के लिए कई बार खाना और पानी के बिना भी रहना पड़ता है।