हमीरपुर जिला जेल में मासूम की दुष्कर्म और हत्या के आरोप में बंद एक कैदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से जेल में हड़कंप मच गया। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर शुक्रवार को पोस्टमार्टम की तैयारी शुरू कर दी है। घटना की सूचना मिलते ही मृतक के परिजनों में कोहराम मच गया।पिछले पांच सालों से जेल में बंद पप्पू उर्फ नफीस (50) ने गुरुवार शाम को फांसी लगा ली। जब जेल के अधिकारियों ने उसे फंदे पर लटका देखा, तो उनके होश उड़ गए। तत्काल उसे फांसी के फंदे से नीचे उतारकर सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना से जेल में अफरा-तफरी का माहौल है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
जेल अधीक्षक जीआर वर्मा ने बताया कि पप्पू उर्फ नफीस गुरुवार शाम तक पाकशाला में अन्य बंदियों के साथ काम कर रहा था। काम खत्म होने के बाद सभी बंदी वहां से चले गए, लेकिन पप्पू वहीं रुक गया और मौका देखकर फांसी लगा ली। अधीक्षक ने बताया कि पप्पू मासूम के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में बंद था और मुकदमा ट्रायल पर था। ऐसा माना जा रहा है कि जजमेंट में सजा के डर से उसने यह कदम उठाया। घटना की सूचना परिजनों को दे दी गई है।
पांच साल पहले दरिंदों ने घटना को दिया था अंजाम
हमीरपुर जिले के कुरारा थाना क्षेत्र के एक गांव में 7 जून 2019 को घर में चारपाई पर सो रही एक दस साल की बच्ची को अगवा कर कब्रिस्तान की झाड़ियाें में दरिंदे ले गए थे और मासूम से दंरिंदगी कर उसे उसे गला दबाकर मार डाला गया था। इस घटना को लेकर ग्रामीणों ने हंगामा किया था। दरिंदों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को लेकर परिजनों ने ग्रामीणों की भीड़ के साथ चार घंटे तक हंगामा किया था। तत्कालीन एसपी हेमराज मीणा के आश्वासन के बाद पुलिस ने मौके से शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा था।
घटना के खुलासे के लिए एसपी ने लगाई थी पांच टीमें
घटना की सूचना पर एडीजी प्रयागराज जोन व डीआईजी बांदा ने यहां आकर घटनास्थल का निरीक्षण किया था। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। घटना के खुलासा करने के लिए पांच टीमें लगाई गई थी। आक्रोश को देखते गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। तत्कालीन डीआईजी बांदा अनिल कुमार राय ने पत्रकारों के सामने घटना का खुलासा किया था। पुलिस ने पप्पू उर्फ नफीस को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। बाद में दुष्कर्म और हत्या के मामले में फरार ट्रक चालक बीरू भी जेल भेजा गया था।