जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की। यह मुलाकात स्कोल्ज के दो दिवसीय दौरे का हिस्सा है, जिसमें भारत और जर्मनी के बीच द्विवार्षिक अंतर सरकारी परामर्श (आईजीसी) का आयोजन किया जाएगा। यह बैठक 25 और 26 अक्तूबर को नई दिल्ली में होगी, जिसकी सह-अध्यक्षता प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर स्कोल्ज करेंगे।
आईजीसी की शुरुआत 2011 में हुई थी, और यह कैबिनेट स्तर पर दोनों देशों के सहयोग की व्यापक समीक्षा करने और नए क्षेत्रों की पहचान करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जिनके साथ जर्मनी नियमित रूप से आईजीसी की बैठकें आयोजित करता है। इस बार, दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष एक साथ मिलकर कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
बैठक में प्रौद्योगिकी सहयोग को और मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही, रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के मुद्दे पर भी बातचीत की जाएगी। यह बैठक भारत और जर्मनी के बीच की गहन और विविध संबंधों को और मजबूती देने के लिए महत्वपूर्ण है।
इस साल, भारत और जर्मनी विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग के 50 वर्ष पूरे कर रहे हैं। इस सहयोग के तहत, दोनों देशों ने अंतरिक्ष अनुसंधान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), पृथ्वी और पर्यावरण विज्ञान जैसे वैश्विक और उभरते क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू की हैं।
चांसलर ओलाफ स्कोल्ज का यह दौरा दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल आर्थिक बल्कि वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में भी सहयोग को बढ़ावा देगा। इस प्रकार, आगामी आईजीसी बैठक को दोनों देशों के लिए एक नई दिशा देने वाला माना जा रहा है, जिससे दीर्घकालिक संबंध और मजबूत होंगे।