मुरादाबाद । मुरादाबाद लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को लेकर हो रही बीते दिन से चल रही खींचतान अब विराम लग गया है। इस सीट से आज नामांकन कराने वाली बिजनौर से पूर्व विधायक रुचि वीरा ही मुरादाबाद लोकसभा से सपा की अधिकृत उम्मीदवार होंगी।
इलाहाबाद के जिला निर्वाचन अधिकारी व जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने बुधवार देर शाम बताया कि सपा प्रत्याशी रुचि वीरा ने सिंबल के साथ बुधवार को नामांकन के अंतिम दिन अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। वह ही सपा की अधिकृत प्रत्याशी होंगी। जबकि पूर्व में सांसद एसटी हसन के द्वारा किए गए नामांकन पत्र को सपा का अधिकृत नामांकन पत्र नहीं माना जाएगा।
समाजवादी पार्टी ने इस सीट से पहले एसटी हसन को उम्मीदवार बनाया था और उन्होंने अपना नामांकन भी दाखिल कर लिया था। अब अंदरूनी कलह के चलते उन्हें अपना पांव पीछे छींचना पड़ा। उन्होंने ऐलान कर दिया है कि वह अपना नामांकन वापस लेंगे।
AZAM KHAN
लखनऊ। आखिरकार आजम खान और अखिलेश यादव की अंदरूनी कलह मुरादाबाद और रामपुर सीटों को लेकर सबके सामने जगजाहिर हो गयी। यह भी बात सामने आ गयी कि सपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसका असर पश्चिम के कुछ सीटों पर पड़ सकता है। वहीं रामपुर और मुरादाबाद में तो सपा उम्मीदवारों को अंदरूनी विरोध का सामना करना ही पड़ेगा।
सपा नेताओं को भी ताज्जुब हो रहा है कि मुरादाबाद से एसटी हसन के सासंद होने के बावजूद अंतिम समय में टिकट काटकर आजम के दबाव में रुचि वीरा को टिकट दे दिया गया। 2019 में एसटी हसन को मुरादाबाद से 50.65 प्रतिशत वोट मिले थे। उन्हें कुल 6,49,416 मत मिले थे, जबकि भाजपा उम्मीदवार कुंवर सर्वेश कुमार को 5,51,538 मत मिले थे। वहीं कांग्रेस के राज बब्बर 59,198 मत पाकर तीसरे स्थान पर थे। चौथे स्थान पर नोटा था, जिस पर 5,757 लोगों ने बटन दबाया था।
एसटी हसन के बदले जिन रुचि वीरा को सपा ने अंतिम समय में अपना उम्मीदवार बनाया है, उनको 2015 में सपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते बाहर का रास्ता खुद दिखा दिया था। इसके बाद वे बसपा में शामिल हो गयी थीं। 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने बिजनौर से चुनाव लड़ाया, लेकिन वे हार गयीं। 2023 में बसपा ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके बाद वे आजम खान के सहारे अंतिम समय में मुरादाबाद से टिकट लेने में कामयाब हो गयीं। वे अब सपा में सच्चे सिपाही के तौर पर रह पाएंगी अथवा नहीं, यह तो आने वाला समय बताएगा। इतना जरूर है कि वहां सपा के ही एक गुट के विरोध का उन्हें भी सामना करना पड़ेगा।
रामपुर की सीट से 2019 में समाजवादी पार्टी से आजम खान ने 5,59,177 वोट पाकर भाजपा के 4,49,180 वोट पाने वाली जया प्रदा को हराया था, लेकिन आजम को सजा होने के बाद उनकी सासंदी चली गयी और उपचुनाव में भाजपा के घनश्याम सिंह लोधी ने सपा के मो. आसिम राजा को 42,192 मतों से हरा दिया। इसी कारण सपा के एक वर्ग का मानना है कि आजम खान का प्रभाव तभी दिखता है, जब वे जेल से बाहर रहते हैं। जेल के अंदर रहकर उन्होंने उलटफेर कराकर अपनी ही पार्टी के अंदर मतभेद पैदा करने का काम किया है। अब रामपुर से एक तरफ मौलाना मुहिबुल्लाह नदवी ने सपा से पर्चा भरा है, वहीं आसिम रजा ने भी सपा से ही नामांकन पत्र जमा कर दिया है। अब वहां सपा का अधिकृत प्रत्याशी कौन होगा, यह भी आने वाला समय ही बताएगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि रामपुर और मुरादाबाद में आजम खान ने अंतिम समय में विरोध दर्ज कराकर सपा के लिए सिरदर्द पैदा कर दिया है। वह भी ऐसी स्थिति में जबकि बसपा ने पश्चिम में ज्यादातर मुस्लिम चेहरा लोकसभा चुनाव में दिये हैं। इससे मतों का बटवारा होने का खतरा बढ़ गया है। ऐसी स्थिति में अमरोहा, रामपुर, बदायूं, नगीना, आंवला और मेरठ की सीटों पर सपा के लिए खराब असर डाल सकते हैं।
(अपडेट) आजम खान को डूंगरपुर मामले में 7 साल की सजा, इलाहाबाद हाई कोर्ट से भी लगा तगड़ा झटका
रामपुर । समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता आजम खान को रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है। बाकी दोषियों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने यह सजा डूंगरपुर मामले में सुनाई। कोर्ट ने आईपीसी धारा 427,504,506,447 और 120 बी के तहत आजम खान को दोषी करार दिया था।
इस मामले में आजम खान, पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां, ठेकेदार बरकत अली, रिटायर्ड सीओ आले हसन दोषी पाए गए हैं। आज चोरों को सज़ा हुई। इस दौरान आजम खान की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीतापुर जेल से पेशी हुई।
क्या है पूरा मामला
सपा शासनकाल में डूंगरपुर में आसरा आवास बनाए गए थे। इस जगह पर पहले से कुछ लोगों के मकान बने हुए थे। आरोप था कि सरकारी जमीन पर बताकर वर्ष 2016 में तोड़ दिया गया था। इस मामले में पीड़ितों ने लूटपाट का आरोप भी लगाया था। वर्ष 2019 में भाजपा सरकार आने पर रामपुर के गंज थाने में इस मामले में करीब एक दर्जन अलग-अलग मुकदमें दर्ज कराए गए थे। आरोप लगाया कि सपा सरकार में आजम खां के इशारे पर पुलिस ने आसरा आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन खाली कराया था। वहां पहले से बने मकानों पर बुलडोजर भी चलवाकर ध्वस्त कर दिया गया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट से भी लगा झटका
जेल में बंद सपा नेता आज़म खान को जौहर ट्रस्ट की जमीन लीज मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। जौहर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट की चुनौती वाली याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। ट्रस्ट ने यूपी सरकार के लीज को रद्द करने वाले फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में दी चुनौती थी। जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र की डबल बेंच ने यह फैसला सुनाया। बेंच ने यूपी सरकार के ट्रस्ट की लीज को रद्द करने के फैसले को बरकरार रखा है।
ट्रस्ट की याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 18 दिसंबर 2023 को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। यूनिवर्सिटी ट्रस्ट की रिट याचिका में विश्वविद्यालय से जुड़े लीज डीड को रद्द करके भूमि को जब्त करने के उत्तर प्रदेश सरकार के कदम को चुनौती दी गई थी। यूपी सरकार की तरफ से इस मामले में दाखिल एसआईटी रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर तत्काल प्रवेश की याचिका सूचीबद्ध करने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई की थी।
रामपुर। समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता आजम खान को रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है। बाकी दोषियों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने यह सजा डूंगरपुर मामले में सुनाई। कोर्ट ने आईपीसी धारा 427,504,506,447 और 120 बी के तहत आजम खान को दोषी करार दिया था। इस मामले में आजम खान, पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां, ठेकेदार बरकत अली, रिटायर्ड सीओ आले हसन दोषी पाए गए हैं। आज चोरों को सज़ा हुई। इस दौरान आजम खान की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीतापुर जेल से पेशी हुई।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां से गुरुवार को दिन में सीतापुर जेल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय मुलाकात करेंगे। आजम खां को उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्मतिथि प्रमाण पत्र होने के मामले में अदालत से सात साल की सजा मिलने के बाद जेल भेज दिया गया है। उनकी पत्नी तजीन फातिमा इसी मामले में रामपुर जेल में, जबकि अब्दुला आजम और आजम खां को हरदोई और सीतापुर जेल में रखा गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने मीडिया को इस बारे में जानकारी दी है कि दोपहर एक बजे आजम खां से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय सीतापुर जेल जाकर उनसे मुलाकात करेंगे। अंशू अवस्थी ने बताया कि सीतापुर जेल में बंद आजम खां ने रामपुर जेल से शिफ्ट होते समय अपने एनकाउंटर की आशंका जताई थी। आजम खां प्रदेश की सियासत की बड़ी हस्ती हैं। संकट के इस समय में कांग्रेस पार्टी उनके साथ है।
रामपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके परिवार की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इसी क्रम में दो प्रमाण पत्र मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बुधवार को सपा नेता आजम खान और उनके परिवार को दोषी करार दिया है।
दो प्रमाण पत्र मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। सपा नेता आजम खान, पत्नी तंजीन फातिमा और बेटा अब्दुल्ला आजम कोर्ट में पेश हुए। न्यायालय ने इस मामले में तीनों को दोषी करार दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने तीनों को हिरासत में ले लिया है। थोड़ी देर में सजा का ऐलान होगा।
उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करवाया था। जिसके बाद मामला न्यायालय पहुंचा था।
मुरादाबाद। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान व उनके परीचितों के घर छापे के बाद सोमवार शाम को मुरादाबाद में उनके समधी रिजवान खान की फैक्ट्री पर जीएसटी विभाग ने छापा मारा। जहां लगभग पौने तीन करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी गई।
सोमवार को शाम साढ़े पांच बजे के लगभग तीन सरकारी गाड़ियों से जीएसटी विभाग की टीमें स्थानीय पुलिस टीम मुरादाबाद के थाना कटघर क्षेत्र के भैंसिया गांव स्थित रिजवान खान की एक्सपोर्ट फैक्ट्री यूनिवर्सल आर्क एंटरप्राइजेज पर पहुंची। जीएसटी विभाग की कार्रवाई करीब तीन घंटे से अधिक जारी रही। टीम रात्रि करीब साढ़े आठ बजे फैक्ट्री से बाहर निकलीं। इस दौरान अधिकारियों ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।
रिजवान खान पहले तो मीडिया कर्मियों से बातचीत करने से कतराए और फिर पत्रकारों को बताया कि जीएसटी विभाग की टीम रूटीन सर्वे करने आई थी। उन्होंने कहा कि इस मामले को उनके रिश्तेदार सपा नेता आजम खां से जोड़कर न देखा जाए। वाणिज्य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन केपी वर्मा ने बताया कि दो हफ्ते पहले भी एक्सपोर्ट फर्म की जांच की गई थी और आज भी टीम गई थी। इस फर्म ने कच्चे माल पर करीब पौने तीन करोड़ रुपये का जीएसटी रिफंड लिया है। रिफंड लेने के लिए जिस कंपनी से कच्चा माल लेना दिखाया है जांच में वह बोगस पाई गई। बोगस कंपनी की एनवाइस लगा कर रिफंड हासिल किया है। इस मामले में एक्सपोर्टर ने तत्काल 46.67 लाख रुपये जमा कर दिए हैं। शेष रकम ब्याज और पेनाल्टी के साथ वसूली जाएगी।
लखनऊ। आयकर विभाग की टीम ने बुधवार सुबह समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खां के अलग-अलग शहरों के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की है।
आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर, लखनऊ, सहारनपुर, गाजियाबाद, मेरठ, सीतापुर सहित मध्य प्रदेश में कुछ जगहों पर एक साथ छापेमारी की। पुराने लखनऊ में आजम से जुड़े लोगों के ठिकानों पर भी आयकर विभाग की कार्रवाई जारी है। यह छापेमारी आजम से संंबंधित अल जौहर ट्रस्ट को लेकर हुई है। आयकर की छापेमारी के समय आजम खान रामपुर में ही थे।
प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र मामले में समाजवादी पार्टी नेता आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान और आजम की पत्नी तंजीम फातिमा के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही रामपुर अदालत में चलेगी। लेकिन वर्तमान याचिका के निर्णय तक निचली अदालत अंतिम आदेश नहीं सुनाएगी। न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने आजम खान, उनके बेटे और आजम की पत्नी द्वारा दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए यह आदेश पारित किया।
इन तीनों की ओर से अदालत से अनुरोध किया गया था कि रामपुर अदालत में फर्जी जन्मतिथि प्रमाण पत्र मामले में मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगाई जाए और उन्हें कुछ और पेश करने की अनुमति दी जाए।
मामले में आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला और आजम की पत्नी तंजीम फातिमा के खिलाफ रामपुर जिला अदालत में मुकदमे की कार्यवाही चल रही है। आरोप है कि अब्दुल्ला को रामपुर में विधानसभा चुनाव लड़ने के योग्य बनाने के लिए उन्होंने फर्जी जन्मतिथि हासिल की।
आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 482 हाईकोर्ट की अंतर्निहित शक्तियों के तहत हाईकोर्ट में दायर वर्तमान याचिका में तीनों ने अदालत से अनुरोध किया था कि उन्हें ट्रायल कोर्ट के समक्ष साक्ष्य के रूप में एक पेन ड्राइव और वीडियो क्लिप पेश करने की अनुमति दी जाए। याचिका का विरोध करते हुए राज्य के वकीलों ने तर्क दिया कि यह आवेदकों की ओर से मुकदमे की कार्यवाही को विलंबित करने का एक प्रयास मात्र है।
रामपुर। रामपुर शहर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक आकाश सक्सेना को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। यह निर्णय केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से किया गया है। अब विधायक उत्तर प्रदेश पुलिस की सुरक्षा के साथ ही केंद्र सरकार से मिली वाई सुरक्षा के घेरे में रहेंगे।
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां का गढ़ माना जाने वाला जनपद रामपुर में सपा उम्मीदवार आसिम रजा को हराकर आकाश सक्सेना पहली बार भाजपा से विधायक बने हैं। इस सीट से कभी आजम खां भी विधायक थे लेकिन भड़काऊ भाषण देने पर उनके खिलाफ दर्ज मामले में दोषी पाए जाने पर उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी।
पिछले साल दिसम्बर 2022 में हुए उप चुनाव में सपा उम्मीदवार को हराकर भाजपा से आकाश ने रामपुर विधानसभा सीट पर कमल खिलाया था, जबकि आजम खा का इस सीट पर एकछत्र राज हुआ करता था। आजम खां के सियासी दबदबे का आलम यह था कि यहां से खड़े होने वाले सपा के उम्मीदवार बड़ी आसानी से जीत हासिल कर लेते थे। आकाश ने यह से जीत हासिल कर असंभव-सा कारनामा कर दिखाया। इतना ही नहीं आकाश सक्सेना ने आजम खां के खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज कराए हैं।