लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां से गुरुवार को दिन में सीतापुर जेल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय मुलाकात करेंगे। आजम खां को उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्मतिथि प्रमाण पत्र होने के मामले में अदालत से सात साल की सजा मिलने के बाद जेल भेज दिया गया है। उनकी पत्नी तजीन फातिमा इसी मामले में रामपुर जेल में, जबकि अब्दुला आजम और आजम खां को हरदोई और सीतापुर जेल में रखा गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने मीडिया को इस बारे में जानकारी दी है कि दोपहर एक बजे आजम खां से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय सीतापुर जेल जाकर उनसे मुलाकात करेंगे। अंशू अवस्थी ने बताया कि सीतापुर जेल में बंद आजम खां ने रामपुर जेल से शिफ्ट होते समय अपने एनकाउंटर की आशंका जताई थी। आजम खां प्रदेश की सियासत की बड़ी हस्ती हैं। संकट के इस समय में कांग्रेस पार्टी उनके साथ है।
abdullah azam
प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र मामले में समाजवादी पार्टी नेता आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान और आजम की पत्नी तंजीम फातिमा के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही रामपुर अदालत में चलेगी। लेकिन वर्तमान याचिका के निर्णय तक निचली अदालत अंतिम आदेश नहीं सुनाएगी। न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने आजम खान, उनके बेटे और आजम की पत्नी द्वारा दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए यह आदेश पारित किया।
इन तीनों की ओर से अदालत से अनुरोध किया गया था कि रामपुर अदालत में फर्जी जन्मतिथि प्रमाण पत्र मामले में मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगाई जाए और उन्हें कुछ और पेश करने की अनुमति दी जाए।
मामले में आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला और आजम की पत्नी तंजीम फातिमा के खिलाफ रामपुर जिला अदालत में मुकदमे की कार्यवाही चल रही है। आरोप है कि अब्दुल्ला को रामपुर में विधानसभा चुनाव लड़ने के योग्य बनाने के लिए उन्होंने फर्जी जन्मतिथि हासिल की।
आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 482 हाईकोर्ट की अंतर्निहित शक्तियों के तहत हाईकोर्ट में दायर वर्तमान याचिका में तीनों ने अदालत से अनुरोध किया था कि उन्हें ट्रायल कोर्ट के समक्ष साक्ष्य के रूप में एक पेन ड्राइव और वीडियो क्लिप पेश करने की अनुमति दी जाए। याचिका का विरोध करते हुए राज्य के वकीलों ने तर्क दिया कि यह आवेदकों की ओर से मुकदमे की कार्यवाही को विलंबित करने का एक प्रयास मात्र है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से जल्द सुनवाई के लिए कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट यह भी देखे कि अब्दुल्ला वाली सीट पर निर्वाचन आयोग चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी करने वाला है।
सुप्रीम कोर्ट ने 29 मार्च को अब्दुल्ला आजम की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। 29 मार्च को कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान अब्दुल्ला आजम के वकील विवेक तन्खा ने कहा था कि अपराध के समय अब्दुल्ला नाबालिग थे। इसलिए दो साल की सजा नहीं दे सकते। तब कोर्ट ने कहा कि जुवेनाइल का मुद्दा आपको निचली अदालत में उठाना चाहिए था। अब्दुल्ला आजम के वकील ने कहा था कि हमने य़े मुद्दा उठाया था, लेकिन निचली अदालत ने खारिज कर दिया था। बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी खारिज कर दिया था।
15 साल पहले 29 जनवरी 2008 को छजलैट पुलिस ने पूर्व मंत्री आजम खान की कार को चेकिंग के लिए रोका था, जिससे उनके समर्थक भड़क गए थे। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया था। इस हंगामे में अब्दुल्ला समेत नौ लोगों को आरोपित बनाया गया था। पुलिस ने सभी लोगों पर सरकारी काम में बाधा डालने और भीड़ को उकसाने के आरोप में केस दर्ज किया था। ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में आजम खान और अब्दुल्ला आजम को दोषी करार देते हुए दो-दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके दो दिन बाद ही उन्हें यूपी विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के पुत्र एवं पार्टी विधायक अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गयी है। रामपुर जिले के स्वार विधानसभा क्षेत्र से वह 2022 में निर्वाचित हुए थे। इसी के साथ स्वार विधानसभा क्षेत्र 13 फरवरी, 2023 से रिक्त घोषित कर दिया गया है।
अब्दुल्ला आजम को एक मामले में दो वर्ष का कारावास एवं 3000 रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया है। इसलिए उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द की गई है। विधानसभा सचिवालय की तरफ से उनकी सदस्यता रद्द किए जाने की जानकारी दी गई है। उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय के मुताबिक अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई है। स्वार विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 13 फरवरी, 2023 से रिक्त है।
उल्लेखनीय है कि रामपुर सीट से भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम की विधानसभा के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर शिकायत की थी। अब्दुल्ला आजम की दूसरी बार सदस्यता रद् हुई है। 2017 के विधानसभा चुनाव में वह पहली बार विधायक बने थे। कम उम्र की वजह से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इस बार कोर्ट से सुनाई गई सजा की वजह से उनकी सदस्यता खत्म हुई है।
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी नेता आजम खान के पुत्र अब्दुल्ला आजम का स्वार सीट से निर्वाचन रद करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराया है।
कोर्ट ने 20 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान अब्दुल्ला आजम की ओर से कहा गया था कि यह फर्जी दस्तावेज का मसला नहीं है, यह उन पर दर्ज जन्मतिथि का मसला है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता नवाब काजिम अली के वकील ने कहा था कि 2015 तक सभी दस्तावेजों पर अब्दुल्ला आजम की जन्मतिथि 1993 ही थी, इसमें कोई संदेह नहीं है।
इससे पूर्व 14 सितंबर को सुनवाई के दौरान अब्दुल्ला के वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि स्कूल के ट्रांसफर सर्टिफिकेट को जन्म प्रमाण का सबूत नहीं माना जा सकता है। कपिल सिब्बल ने कहा था कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने किसी भी दस्तावेज की जांच नहीं की। हाई कोर्ट ने सिर्फ याचिकाकर्ता की दलीलों को आधार मान कर अपनी एक राय बनाई। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा था कि इस परिवार की हर चीज़ सवालों के घेरे है। क्या कोर्ट उन दस्तावेजों पर भरोसा कर सकता है, जो संदेहास्पद है और सवालों के घेरे में है।
उल्लेखनीय है कि अब्दुल्ला ने 2017 के विधानसभा चुनाव में रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अब्दुल्ला को अयोग्य करार देते हुए विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी थी।