इटावा । उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद में स्थित सफारी पार्क में बफर जोन से रेस्क्यू कर लाए गए तेंदुए की मृत्यु हो गई है। सफारी प्रशासन ने तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद बिसरा को जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजा है।
सफारी पार्क के उपनिदेशक डॉक्टर विनय कुमार सिंह ने मंगलवार को बताया कि इटावा सफारी पार्क के बफर से अठारह जनवरी को एक तेंदुआ रेस्क्यू कर लाया गया था। रेस्क्यू कर लाए गए तेंदुए की उम्र लगभग दो वर्ष थी, उसकी पूंछ में गहरा घाव था। घायल तेंदुए का उपचार सफारी के पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सकों के द्वारा किया जा रहा था। 22 जनवरी को पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गौ अनुसंधान संस्थान मथुरा के डॉक्टर आर. पी. पांडेय, प्रोफेसर एंड हेड सर्जरी विभाग द्वारा भी उसका उपचार किया गया। उनके द्वारा दिए गए परामर्श के अनुसार उक्त तेंदुए का उपचार किया जा रहा था। लेकिन पिछले दो दिन से तेंदुए ने भोजन ग्रहण करना बंद कर दिया था और बीती 26 फरवरी को रात करीब नौ बजकर 28 मिनट पर उसकी मृत्यु हो गई।
मृत तेंदुए का पोस्टमार्टम पशु चिकित्सकों के एक पैनल जिसमें कानपुर प्राणि उद्यान के चिकित्सक डॉक्टर नीतीश कुमार कटियार एवं सफारी पार्क के पशु चिकित्सक डॉक्टर रॉबिन सिंह यादव एवं डॉक्टर शैलेंद्र सिंह के द्वारा किया गया है। मृत तेंदुए का बिसरा जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजा जा रहा है ताकि मृत्यु का वास्तविक कारण का पता चल सके।
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श्योपुर (मध्य प्रदेश )। कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को चीता प्रोजेक्ट को बड़ा झटका लगा है। कूनो नेशनल पार्क में एक और चीता मृत पाया गया है। सूरज नाम के नर चीते का पार्क में शव मिला है। उसे दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था। गश्ती दल को सुबह में शव मिला, इसके बाद परियोजना में शामिल अधिकारी सदमे में आ गए हैं।
बताते चलें, तीन दिन पहले ही तेजस नामक के चीते की मौत रहस्यमयी तरीके से हो गई थी। अभी तेजस की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने नहीं आई है। रिपोर्ट आने के बाद मौत की वजह सामने आ पाएगी। तेजस भी दक्षिण अफ्रीका से ही आया था। पांच साल की उम्र में वह दर्दनाक सदमे का शिकार हो गया। उसका वजन केवल 43 किलो था। सामान्य तौर पर चीतों का वजह 50-60 किलो होता है। तेजस के आंतरिक अंग गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त था।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आए आठ चीतों को जंगल में छोड़ा था। आठ नामीबिया और 12 चीता दक्षिण अफ्रीका से लाए गए थे। इसके साथ ही मादा चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया था। इनमें सभी शावकों की मौत हो गई है। साथ ही पांच बड़े चीतों की मौत हो गई है। कूनो नेशनल पार्क में अभी 15 चीते बचे हैं। ऐसे में चीता प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों की चिंता बढ़ गई है। सूरज के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद साफ होगा कि इसकी मौत कैसे हुई है।
लखनऊ/पीलीभीत । उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के टाइगर रिजर्व में अब गजराज (हाथियों) के लिए भी नया आशियाना बनाया जायेग। तराई के जंगलों में अब बाघों के साथ गजराज (हाथियों) विचरण करते मिलेंगे। केंद्र सरकार के बाद प्रदेश सरकार ने भी तराई एलिफैंट रिजर्व की स्थापना की मंजूरी दी है। इस कदम से यहां पर्यटकों की संख्या दोगुनी होने का भी अनुमान लगाया जा रहा है।
पीलीभीत एलिफैंट रिजर्व उत्तर प्रदेश का दूसरा और देश का 33वां एलिफैंट रिजर्व होगा। इसमें टाइगर रिजर्व का बहुत बड़ा हिस्सा इसके लिए संरक्षित किया गया है। इसकी रेंज की सीमा नेपाल की शुक्ला फंटा सेंचुरी से मिली हुई है। यहां बड़े पैमाने पर गजराज (हाथियों) का नेपाल से आना-जाना बना रहता है। गजराज को पीलीभीत में भी प्राकृतिक आनंद मिलता है और समय-समय पर यहां पर आते-जाते रहते हैं।
बराही रेंज लग्गा-बग्गा से लेकर दुधवा टाइगर रिजर्व तक का जंगल गजराज (हाथियों) का कॉरिडोर माना जाता है। कई वर्षों तक गजराज इन इलाकों में विचरण करते रहे हैं। समय के साथ-साथ आए बदलाव में कॉरिडोर खेती में तब्दील हो गया। जंगल क्षेत्र को उजाड़ कर खेती शुरू कर दी गई। इसके बावजूद भी नेपाल की ओर से गजराज के आने-जाने का सिलसिला जारी है। कॉरिडोर नष्ट होने से गजराज रास्ता भटकते रहे। पिछले कुछ सालों से स्थिति बिगड़ने लगी थी। इसके बाद विभागीय स्तर से रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेजी गई। 22 अक्टूबर 2022 को केंद्र पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपने ट्विटर अकाउंट से रिजर्व को केंद्र की मंजूरी मिलने की जानकारी दी जा चुकी है।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने शुक्रवार को बताया कि एक दनि पूर्व प्रदेश सरकार ने तराई एलिफैंट रिजर्व की प्रस्तावना को मंजूरी दे दी है। इसमें पीलीभीत टाइगर रिजर्व का 73024.98 हेक्टेयर हिस्सा शामिल किया गया है। यह हाथियों के संरक्षण के लिए बेहतर उपलब्धि साबित हो सकता है।