मुंबई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में पिछले दो महीनों से चली आ रही भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आज समापन हो गया। यात्रा का समापन से पहले मुंबई के शिवाजी पार्क में एक रैली का आयोजन किया गया। इस दौरान इंडिया गठबंधन के तमाम नेता एक साथ मंच पर आये। इसमें एनसीपी नेता शरद पवार, उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, आरजेडी प्रमुख तेजस्वी यादव, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला, आप नेता सौरभ भारद्वाज, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई नेता मौजूद रहे।
आज लड़ाई सच्चाई और झूठ के बीच : तेजस्वी यादव
इस रैली के दौरान सभा को संबोधित करते हुए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि आज लड़ाई सच्चाई और झूठ के बीच हो रही है। इस बार के लोकसभा चुनाव लोकतंत्र और देश को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि देश की जनता भी हमारी इस लड़ाई में साथ और भारतीय जनता पार्टी को सत्ता की कुर्सी से हटाने के लिए बेताब है।
भारत को अब एकता की आवश्यकता- एम.के. स्टालिन
वहीं इंडिया गठबंधन की मेगा रैली में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा, “भारत को अब एकता की आवश्यकता है। पीएम मोदी ने पिछले 10 सालों में सिर्फ 2 काम किए हैं। पहला विदेश यात्राएं और दूसरा फेक प्रोपेगेंडा। हमें अब इसे रोकना होगा। यह हमारा एजेंडा है।” उन्होंने कहा कि हम लोगों के लिए काम करने के लिए राजनीति में आए हैं… राहुल गांधी ने भारत के दिल को समझने के लिए पूरे भारत का दौरा किया है। यह उस भारत को पुनर्स्थापित करने की यात्रा है जिसे भाजपा ने नष्ट कर दिया है।”
वहीं इस रैली में अखिलेश यादव शामिल नहीं हुए। इस बाबत उन्होंने एक पत्र लिखते हुए कहा कि चुनाव और नामांकन की तैयारियों की वजह से अखिलेश यादव इस रैली में शामिल नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी इस यात्रा की मदद से देश के किसान, नौजवान, महिला और बुजुर्ग समेत देश के सभी वर्गों की समस्याओं से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि इस यात्रा का आगामी लोकसभा चुनाव में अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा और जनता बीजेपी को सत्ता से बाहर करेगी।
TEJASVI YADAV
नई दिल्ली । जॉब फॉर लैंड मामले में पूर्व रेलमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव के कथित सहयोगी अमित कात्याल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी इस मामले में धन शोधन जांच के सिलसिले में की गई है।
ईडी ने अमित कात्याल को पटना में देररात हिरासत में लिया था। कात्याल को स्थानीय अदालत में पेश किए जाने की संभावना है। कारोबारी अमित एके इन्फोसिस्टम के प्रमोटर हैं। यह कंपनी जमीन के बदले नौकरी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल रही है। कात्याल और एके इंफोसिस्टम जमीन घोटाले में ईडी और सीबीआई की जांच के दायरे में हैं।
नई दिल्ली । लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई की ओर से तेजस्वी यादव के खिलाफ दाखिल पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लेने के मामले पर दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई टाल दी है। जस्टिस एमके नागपाल ने आदेश दिया कि मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी।
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि लालू प्रसाद और रेलवे अधिकारियों के खिलाफ केस चलाने के लिए अनुमति अभी नहीं मिली है। उसके बाद कोर्ट ने 12 सितंबर को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया। इससे पहले 12 जुलाई को भी सुनवाई के दौरान सीबीआई ने बताया था कि लालू प्रसाद यादव और रेलवे के दो अधिकारियों के खिलाफ संबंधित अथॉरिटी से मुकदमा चलाने की अनुमति अभी नहीं मिली है। इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई आज तक के लिए टाल दी थी। सीबीआई ने 3 जुलाई को पूरक चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई ने इस चार्जशीट में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को आरोपित बनाया है।
सीबीआई इस मामले में लालू यादव और राबड़ी देवी के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। 15 मार्च को कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती को पचास-पचास हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी। रेलवे भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई ने 7 अक्टूबर, 2022 को लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती समेत 16 लोगों के खिलाफ दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
रेलवे भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई ने भोला यादव और हृदयानंद चौधरी को गिरफ्तार किया था। भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे थे। रेलवे भर्ती घोटाला लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है। भोला यादव को ही इस घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन देने का काम भोला यादव को सौंपा गया था।
भोला यादव 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में बहादुरपुर सीट से विधायक चुने गए थे। सीबीआई ने मई के तीसरे सप्ताह में इस मामले में लालू यादव के परिजनों से जुड़े 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस मामले में सीबीआई ने 23 सितंबर को प्रारंभिक जांच दर्ज की थी।
विपक्षी एकता की बैठक को लेकर बहुत आशान्वित हैं नीतीश , शुक्रवार को 19 पार्टियों के शीर्ष नेता जुटेंगे पटना में
पटना । मोदी सरकार को चुनावों में उखाड़ फेंकने के इरादे से पूरे देश में विपक्षी एकता की अगुवाई कर रहे हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को होने वाली विपक्षी एकता बैठक को लेकर काफी आशान्वित हैं। देश के तमाम विपक्षी दलों के नेताओं की कल यानी 23 जून को राजधानी पटना में बैठक होनी है। यह बैठक बिहार के सीएम के आवास पर ही होगी। इसे लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है।
हालांकि इस बैठक को तभी सफल माना जाएगा जब इसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी या प्रियंका गांधी स्वयं मौजूद रहें। कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन तीनों नेताओं के आने की उम्मीद कम है। बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के शामिल होने की संभावना है।
बैठक में 19 पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। जिसमें मुख्य रूप से भाजपा व उसके सहयोगियों के खिलाफ संयुक्त विपक्ष का एक ही उम्मीदवार देने पर चर्चा की जाएगी। विपक्षी दलों की बैठक के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, भाकपा महासचिव डी राजा, भाकपा माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य आज पटना पहुंच जाएंगे। यह सभी नेता राजकीय अतिथिशाला में रुकेंगे और कल विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सा लेंगे।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल, तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, राकांपा सुप्रीमो शरद पवार, शिवसेना (उद्धव गुट) से उद्धव ठाकरे, सपा प्रमुख अखिलेश यादव सहित अन्य नेताओं के 23 जून की सुबह पटना पहुंचने की संभावना है।
बैठक को लेकर बिहार सरकार के वित्त मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सभी विपक्षी दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो भाजपा की वापसी संभव नहीं है। देश की जनता यह मान चुकी है और सारे नेतागण इस बात को महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी दल मिलकर कैसे चुनाव लड़ सकते हैं, इसी पर 23 जून को पटना में होने वाली बैठक में चर्चा होगी।
विपक्षी दलों की बैठक से पहले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, सीएम नीतीश कुमार से मिले। उनका हालचाल जाना। नीतीश कुमार, स्वास्थ्य कारणों से मंगलवार को तमिलनाडु नहीं जा पाए थे। दोनों नेताओं के बीच 23 जून की बैठक पर भी बातचीत हुई। इस दौरान उन्होंने यह भी तय किया कि बिहार में आयोजित इस बैठक में राजद और जदयू का एजेंडा क्या रहने वाला है।
बताया गया है कि शुक्रवार को होने वाली इस बैठक में शामिल होने के लिए ममता एक दिन पहले ही पटना पहुंच जाएंगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी आज ही पटना पहुंच रहे हैं। दोनों नेताओं की आपसी बैठक भी हो सकती है। पटना में ममता बनर्जी के स्वागत में पोस्टर भी लग चुके हैं। सूत्रों ने बताया है कि हवाई अड्डे पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, ममता बनर्जी का स्वागत कर सकते हैं।