लखनऊ। फैजाबाद संसदीय सीट से तीन बार सांसद रहे स्व. मित्रसेन यादव के पुत्र अरविंद सेन यादव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के चिन्ह पर अयोध्या लोकसभा से चुनाव लड़ेंगे। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने शुक्रवार को प्रत्याशी के तौर पर उनके नाम की घोषणा कर दी है। चुनाव लड़ने पर अरविंद सेन कई प्रत्याशियों खासकर सपा का खेल बिगाड़ सकते हैं।
पूर्व आईपीएस अरविंद सेन यादव पहली बार राजनीति में उतरने जा रहे हैं, जबकि उनके पिता स्व. मित्रसेन यादव 1989 में कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर फैजाबाद से सांसद चुने गये थे। इसके बाद एक बार बसपा से व एक बार सपा से सांसद रहे। अरविंद सेन यादव के छोटे भाई आनन्द सेन यादव पहले से ही राजनीति में हैं। वह बसपा सरकार में मंत्री भी रहे। इस समय वह समाजवादी पार्टी में हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने आनंद सेन यादव को रूदौली से उतारा था लेकिन वह चुनाव हार गये।
अयोध्या में सपा प्रत्याशी का खेल बिगाड़ेंगे अरविंद सेन
अपने पिता के नाम के सहारे राजनीति में हाथ आजमाने उतरे अरविंद सेन सफल होते हैं या नहीं लेकिन वह सपा प्रत्याशी का काम तमाम कर सकते हैं। अयोध्या से सपा ने पूर्व मंत्री व मिल्कीपुर से विधायक अवधेश प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है। कम्युनिस्ट पार्टी से अरविन्द सेन के आ जाने से सपा के वोटों में बिखराव होना तय है। क्योंकिे जिले में कम्युनिस्ट पार्टी का तो कोई जनाधार नहीं है लेकिन उनके पिता मित्रसेन यादव का प्रभाव जरूर है।
पशुपालन विभाग के घोटाले में गिरफ्तार हुए थे अरविंद सेन
पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर इंदौर के व्यापारी से करोड़ों रुपये की ठगी करने के आरोप में पूर्व आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन दो साल जेल में बंद रह चुके हैं। इंदौर के व्यवसायी मनजीत सिंह भाटिया ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में इस मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उनको इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने जमानत दी थी। खंडपीठ ने अरविंद सेन द्वारा जमानत की शर्त के तहत शिकायकर्ता को 20 लाख रुपये का भुगतान किए जाने के बाद जेल से रिहा करने का आदेश दिया था।