कुशीनगर। कुशीनगर में निरस्त मैत्रेय परियोजना की भूमि पर स्वीकृत कृषि विश्वविद्यालय के साथ शेष बच रही भूमि के 12 एकड़ क्षेत्रफल में आधारभूत पर्यटन अवस्थापना विकास के कार्य होंगे। बुद्ध की ऊंची प्रतिमा भी लगेगी। ‘धम्म ग्राम’ बौद्ध संस्कृति, भाषा और धर्म के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित होगा।
परियोजना में बौद्ध विपश्यना केंद्र, वन क्षेत्र, मेडिटेशन प्लेटफार्म, कुटीर, पांड्स, बुद्ध के जीवन से जुड़े वृक्ष और उनके जीवन वृत्त के महत्वपूर्ण प्रसंगों को दर्शाती झांकियां, पालि भाषा अध्ययन केंद्र आदि को धम्म ग्राम में समाहित किया जायेगा। बौद्ध मंत्रों के बीच ध्यान और पूजा कर बौद्ध तीर्थयात्री अलौकिक अनुभव कर सकेंगे।
विशेषज्ञ कंपनी बनायेगी डिजाइन: विधायक पी एन पाठक ने बताया कि मुख्यमंत्री ने धम्म ग्राम परियोजना पर सहमति जताई है। बौद्ध पर्यटन से जुड़ी विशेषज्ञ कंपनी इसकी डिजाइन करेगी।
उन्होंने बताया कि किसानों के हित का सरकार पूरा ध्यान रख रही है। सपा सरकार की उपज मैत्रेय परियोजना छलावा साबित हुई किंतु ’धम्म ग्राम’ परियोजना पर्यटन विकास में मील का पत्थर साबित होगी।
अधिग्रहीत है 250 एकड़ भूमि: मैत्रेय परियोजना के नाम पर संस्कृति विभाग ने 250 एकड़ भूमि अधिग्रहीत की थी। 145.55 एकड़ भूमि महात्मा बुद्ध कृषि विश्विद्यालय को दी गई है। शेष भूमि अलग अलग पाकेट में हैं। भूमि की प्रकृति के अनुसार अनेक योजनाएं प्रस्तावित की जा रही हैं।
प्रतिनिधिमंडल में ये रहे शामिल: गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर धम्म ग्राम का प्रस्ताव सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में कुशीनगर नगरपालिका अध्यक्ष किरण जायसवाल, प्रतिनिधि राकेश जायसवाल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य ओमप्रकाश वर्मा, विनोद गिरि शामिल रहे।