जयपुर । राजस्थान क्रिकेट संघ अध्यक्ष वैभव गहलोत ने इस्तीफा दे दिया है। यह जानकारी वैभव गहलोत ने सोमवार दोपहर अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर साझा की। राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के साथ ही वैभव की मुश्किलें बढ़ती जा रही थीं। वैभव ने एक्स पर बताया कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश भी किया गया है। वैभव गहलोत पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे हैं। वे दो साल पहले लगातार दूसरी बार आरसीए के अध्यक्ष चुने गए थे।
अपने इस्तीफे की जानकारी देते हुए वैभव ने लिखा कि वर्ष 2019 में मैंने राजस्थान क्रिकेट संघ के अध्यक्ष के तौर पर निर्वाचित होने के बाद काम करना शुरू किया। सभी जानते हैं कि 2017 में सीपी जोशी के आरसीए अध्यक्ष बनने से पहले पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान आरसीए में कैसे हालात थे एवं राजस्थान में क्रिकेट की कैसी दुर्दशा थी। बीसीसीआई द्वारा आरसीए पर प्रतिबंध तक लगा दिया गया, जिसके कारण यहां ना क्रिकेट मैच हो सकते थे और ना ही राजस्थान की क्रिकेट टीम किसी टूर्नामेंट में भाग ले सकती थी। सीपी जोशी के बाद मुझे इस पद पर काम करने का मौका मिला एवं उन्होंने संरक्षक बनकर हमारा मार्गदर्शन किया। मेरा उद्देश्य राजस्थान में क्रिकेट को बढ़ावा देने और युवाओं को अधिक से अधिक इस खेल से जोड़ने का रहा।
उन्होंने लिखा कि राजस्थान में लम्बे समय तक अतंरराष्ट्रीय एवं आईपीएल क्रिकेट मैच नहीं हुए थे। मैंने बीसीसीआई के स्तर पर प्रयास कर जयपुर में पहले अंतरराष्ट्रीय फिर आईपीएल मैच जयपुर में आयोजित करवाने की स्वीकृति बीसीसीआई से ली और यहां दोनों प्रकार के मैच सफलतापूर्वक आयोजित किए गए। राजस्थान की प्रतिभाओं को खेलने के अधिक मौके मिल सकें इसलिए राजस्थान प्रीमियर लीग का आयोजन किया जिसके मैच जयपुर और जोधपुर में सफलतापूर्वक आयोजित किए गए। मेरा प्रयास रहा कि राजस्थान में क्रिकेट केवल जयपुर शहर तक ही सीमित ना रहे इसलिए राजस्थान सरकार के साथ सामंजस्य कर जोधपुर में बरकतुल्लाह खान स्टेडियम के जीर्णोद्धार का काम करवाया एवं वहां आरपीएल मैच आयोजित किए गए। उदयपुर में अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए क्रिकेट स्टेडियम बनाने का काम शुरू किया गया। अन्य शहरों में भी क्रिकेट स्टेडियम बनाने की संभावना तलाशना शुरू किया गया।
वैभव गहलोत ने लिखा कि आरसीए के पास अपना कोई स्टेडियम नहीं है। आरसीए राजस्थान सरकार के साथ करार कर एसएमएस स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच आयोजित किए जाते थे। आरसीए के पास अपना स्टेडियम हो इसके लिए जयपुर दिल्ली रोड पर वेदांता समूह के साथ मिलकर एक नए स्टेडियम का निर्माण शुरू किया जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम होगा। मेरे प्रयासों से वेदांता ने 300 करोड़ रुपये इस स्टेडियम के लिए दिए जिसमें से 60 करोड़ रुपये निर्माण कार्य में लग चुके हैं। इससे जयपुर के आसपास एक नई क्रिकेट इकॉनमी भी बनेगी और खेल के साथ रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने दावा किया कि मैंने अपने पूरे कार्यकाल में क्रिकेट की बेहतरी और आरसीए का नाम ऊंचा करने का प्रयास किया इसी कारण मुझे दूसरी बार आरसीए का निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। परन्तु राजस्थान में सरकार बदलने के बाद से आरसीए के साथ एक द्वेष भावना से कार्रवाई करना शुरू किया गया। एक गैर-वाजिब तरीके से जल्दबाजी में आरसीए के दफ्तर की तालेबंदी तक कर दी गई। अब मुझे लक्ष्य करके राजस्थान क्रिकेट संघ में अविश्वास का माहौल बनाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। इससे प्रदेश में क्रिकेट का जो सकारात्मक माहौल बना है उसके खराब होने का भी अंदेशा हो गया है। ऐसे में मेरे लिए यह असहनीय है कि राज्य में आईपीएल के मैचों पर कोई संकट आए एवं क्रिकेट को नुकसान हो। अतः प्रदेश की क्रिकेट एवं क्रिकेट खिलाड़ियों को इस स्थिति से बचाने के लिए मैं राजस्थान क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद से स्वेच्छा से इस्तीफा देता हूं।
उन्होंने खुलासा किया कि अभी-अभी मुझे जानकारी मिली है कि मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश भी कर दिया है। इस संबंध में मुझे इतना कहना है कि आरसीए के किसी भी पदाधिकारी या सदस्य ने मुझसे चर्चा नहीं की एवं ना ही किसी मुद्दे पर असहमति व्यक्त की अन्यथा मैं तो पहले ही अपना इस्तीफा दे चुका होता। मेरे लिए पद नहीं राज्य की क्रिकेट व क्रिकेट खिलाड़ियों का भविष्य महत्वपूर्ण है और इस पर कभी आंच नहीं आने दूंगा। मैं भविष्य में राजस्थान की क्रिकेट, क्रिकेटरों एवं क्रिकेट प्रेमियों के हितों के लिए सदैव उपलब्ध रहूंगा।
उल्लेखनीय है कि कि बाइस फरवरी को आरसीए और खेल परिषद के बीच का एमओयू समाप्त होने पर तेईस फरवरी को खेल परिषद ने एसएमएस स्टेडियम से आरसीए को बेदखल कर दिया। आरसीए के ऑफिस को सील कर दिया। साथ ही एसएमएस स्टेडियम के हिस्से से आरसीए का कब्जा भी हटा दिया। आरसीए की ओर से संचालित होटल भी छीन लिया था।
इसके बाद पूर्व सीएम व वैभव के पिता अशोक गहलोत ने खेल परिषद की इस कार्रवाई को राजनीतिक द्वेषता से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि अगर एमओयू समाप्त होना ही वजह थी, तब भी यह यकायक तालेबंदी के बजाय कानूनी कार्यवाही की जा सकती थी। गहलोत ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से राजस्थान के खेल संघों पर राष्ट्रीय संस्थाओं का भरोसा कम होगा।
आरसीए से जुड़े सूत्रों के अनुसार आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर सदस्यों के हस्ताक्षर हो गए थे। अविश्वास प्रस्ताव पर चौथाई बहुमत से हस्ताक्षर किए जाने का दावा किया गया था। अविश्वास की प्रक्रिया सिरे चढ़ती उससे पहले ही वैभव गहलोत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
Rajasthan Government
अलवर। राजस्थान में भजनलाल मंत्रिमंडल में यादव समाज की कथित तौर पर उपेक्षा के विरोध में शनिवार को शहर के राव तुला राव सर्किल पर समाज की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया। समाज के नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि मंत्रिमंडल विस्तार में भी यादव समाज के जनप्रतिनिधियों को जगह न दी गई तो पूरे राजस्थान में यादव समाज भाजपा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगा। आने वाले लोकसभा चुनाव में भी इसका असर देखने को मिलेगा।
विरोध प्रदर्शन के दौरान समाज के नेता एडवोकेट फतेह सिंह यादव ने कहा कि सन 1962 से लेकर 2023 तक हर सरकार के मंत्रिमंडल में यादव समाज के जन प्रतिनिधियों को स्थान दिया गया लेकिन इस बार राजस्थान में बनी भाजपा सरकार ने यादव समाज के जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा की है। इससे यादव समाज में बड़ा आक्रोश है। उन्होंने बताया कि पांच लोकसभा और करीब 20 विधानसभा सीटों को यादव समाज प्रभावित करता है। जिलाध्यक्ष गुरुदयाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के साथ अधिकारियों की भी उपेक्षा की। समाज के तीन कलेक्टर और चार एसपी सभी को बाबू की तरह ऑफिस में बिठा दिया है, जबकि वह फील्ड के मजबूत अधिकारी थे। उन्होंने आरोप लगाया कि समाज की लगातार सरकार उपेक्षा कर रही है, ऐसे में यादव समाज चुप बैठने वाला नहीं है। अलवर से शुरू हुआ प्रदर्शन पूरे राजस्थान में देखने को मिलेगा।
इस प्रदर्शन में अलवर जिले से बाहर के भी नेता शामिल हुए। मंच पर बैठे सभी वक्ताओं ने सभा को संबोधित किया। इस दौरान भारत यादव, पाल यादव, योगेश यादव, लोकचंद यादव आदि मौजूद रहे।
बीकानेर। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को कहा कि गरीबों के लिए काम करना कांग्रेस का ध्येय है।
बीकानेर संभाग की अनूपगढ़ और रायसिंहनगर के कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में पहुंचे खड़गे ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में दावा किया कि राजस्थान में कांग्रेस की बहुमत से सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने राजस्थान में शानदार काम किया है। बीजेपी धर्म के नाम पर बांट रही है।
इस अवसर पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शैलजा कुमारी, राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, कुलदीप इंदौरा, हाजी जिया उर रहमान आरिफ सहित अनेक कांग्रेसी नेता उपस्थित थे।
नागौर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को कुचामन में नावां से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन में एक सभा को संबोधित किया। शाह ने कहा कि अभी मैं आ रहा था तो एयरपोर्ट पर कुछ कम्युनिस्ट मित्र मिल गए, उन्होंने कहा कि हम राजस्थान नहीं जा सकते। मैंने पूछा- क्यों? तो उन्होंने कहा कि हमारे झंडे का कलर लाल है, लाल कलर देखकर ही गहलोत साहब भड़क जाते हैं। कुछ भी लाल हो, गहलोतजी को लाल डायरी ही नजर आती है। शाह ने कहा कि सबसे भ्रष्ट सरकार यदि कोई है तो वह राजस्थान की गहलोत सरकार है। यहां के बाद केन्द्रीय मंत्री शाह मकराना और परबतसर में भी सभा को संबोधित करेंगे।
केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा कि गहलोत सरकार ने पेपर लीक करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। आरपीएससी का हर पेपर लीक हुआ। हर साल यहां तीन पेपर लीक हुए। चार साल में 14 से ज्यादा पेपर लीक हो गए और लाखों युवाओं के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया। पेपर लीक करके आप कांग्रेस के चट्टे-बट्टों को रोजगार देते हैं। उन्होंने कहा कि हम ऐसी व्यवस्था करेंगे कि राजस्थान में एक भी पेपर लीक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि गहलोत को कांग्रेस में उनके साथी जादूगर कहते हैं। इस जादू से ही उन्होंने राजस्थान में बिजली गुम कर दी और लोगों को बिजली कटौती झेलनी पड़ी। रोजगार गुम कर दिए।
शाह ने आरोप लगाया कि राजस्थान में कानून व्यवस्था गहलोत सरकार ने खत्म कर दी। उदयपुर में कन्हैयालाल तेली की सर काटकर हत्या कर दी गई, लेकिन गहलोत सरकार ने कुछ नहीं किया और रामनवमी व महावीर जयंती पर प्रतिबंध लगा दिया। कोटा में पीएफआई वाले खुलेआम रैली निकाल रहे थे। भला हो मोदी का, जो पीएफआई वालों को जेल के अंदर डाल दिया।
उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के लिए कलेजा चाहिए, ये कांग्रेस के लोगों के बस की बात नहीं थी। जब 370 हटी तो राहुल गांधी संसद में कहते थे कि मत हटाओ, खून की नदियां बह जाएगी। ये मोदी का शासन है, एक कंकड़ भी चलाने की किसी की हिम्मत नहीं हुई।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकारों को पराली जलाने पर तुरंत रोक लगाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पराली जलाने की घटनाओं पर सख्ती बरतते हुए कहा है कि राज्य सरकारें पराली जलाने की घटनाओं पर तत्काल रोक लगाएं। हम नहीं जानते कि आप कैसे करेंगे, पर इसे तत्काल रोकिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण का तत्काल समाधान होना चाहिए, इस मामले में हमारा जीरो टॉलरेंस है। कोर्ट ने कहा कि पराली जलाने की घटना के लिए स्थानीय एसएचओ जिम्मेदार होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण पर राजनीतिक लड़ाई नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि पराली जलाना प्रदूषण की मुख्य वजह है, दूसरा वाहनों की वजह से होने वाला प्रदूषण है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि गाड़ियों के प्रदूषण को कम करने के लिए आपने क्या कदम उठाया।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिल्ली में स्मॉग टावर के बंद पड़े होने पर सख्त नाराजगी जताते हुए दिल्ली सरकार से पूछा कि स्मॉग टावर कब काम करेंगे। कोर्ट ने कहा कि स्मॉग टावर तुरंत शुरू होना चाहिए, हम नहीं जानते सरकार कैसे स्मॉग टावर शुरू करेगी। कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी कहा कि आपको कोई ऐसा उपाय करना चाहिए कि किसान दूसरी फसलों की खेती की तरफ रुख करें।
सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने कोर्ट में कहा कि पराली की समस्या का समाधान न्यूनतम समर्थन मूल्य भी हो सकता है। अगर अन्य फसलों के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था की जाए, तो किसान दूसरी फसलों की तरफ शिफ्ट होंगे। पंजाब सरकार ने कहा कि छोटे और मंझोले किसानों को इसके लिए हम गिरफ्तार नहीं कर सकते। हम पराली प्रबंधन की मशीनों पर 50 फीसदी छूट दे रहे हैं। तब कोर्ट ने कहा कि आप कुछ भी कीजिए, पराली जलाने की घटनाओं को हर हाल में रोकिए।