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उमेश पाल हत्याकांड : कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद और भाई अशरफ अहमद की 14 दिन की पुलिस रिमांड मंजूर की
प्रयागराज । उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। एक तरफ जहाँ हत्याकांड में शामिल असद अहमद को एनकाउंटर में मार दिया गया, वहीँ अदालत ने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को 14 दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया है। पुलिस ने 14 दिन की रिमांड ही मांगी थी।
माफिया अतीक की पैरवी कर रहे वकीलों ने अतीक की बीमारी का हवाला देकर अदालत से रिमांड अवधि कम करने का अनुरोध किया, लेकिन अदालत ने दोनों भाइयों की 14 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर ली। अतीक और उसके भाई अशरफ की पेशी के दौरान कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। दोनों भाइयों पर आरोप है कि उन्होंने उमेश पाल हत्याकांड को साजिश के तहत अंजाम दिया था, जिसके सबूत पुलिस के हाथ लगे हैं। पुलिस रिमांड मिलने के बाद अब पुलिस इनसे पूछताछ करेगी। उमेश पाल मर्डर केस में आरोपी माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने रिमांड पर फैसला सुनाया । इस दौरान अतीक अहमद ने अपने वकील से अलग मुलाकात की इजाजत मांगी।
उधर, पुलिस के पास 200 सवालों की लिस्ट है। उसने अदालत से 14 दिन की रिमांड की मांग की है। वह इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पकड़े गए सदाकत को सामने बैठाकर भी दोनों से सवाल-जवाब करेगी। कोर्ट कैंपस में 1000 जवान तैनात हैं। पेशी के दौरान वकीलों ने कोर्ट परिसर में अतीक अहमद के खिलाफ नारेबाजी की।
उमेश मर्डर केस में हैं कुल 9 आरोपी
प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल की दिनदहाड़े घर के बाहर गोली-बम मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उमेश की पत्नी जया पाल ने अतीक अहमद उसके भाई अशरफ, अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन समेत 9 लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज कराया था। वहीं पुलिस ने विवेचना के दौरान हत्या की साजिश रचने में कई लोगों के नाम जोड़े हैं।
नैनी जेल में बैरक नंबर 7 में है अतीक
उमेश पाल मर्डर केस का आरोपी माफिया अतीक अहमद बुधवार शाम 6 बजे प्रयागराज की नैनी जेल पहुंचा। अतीक को बैरक नंबर 7 में रखा गया। उसके भाई अशरफ को भी इसी केस में पुलिस बरेली से प्रयागराज लेकर आई। अतीक अहमद को साबरमती जेल से प्रयागराज ला रही यूपी पुलिस का काफिला बुधवार सुबह 8.30 बजे झांसी पहुंचा था। झांसी पुलिस लाइन में 1 घंटा 21 मिनट रुकने के बाद अतीक को लेकर पुलिस प्रयागराज के लिए निकली।
शिवपुरी में बयान- मैंने जेल से साजिश नहीं की
इससे पहले शिवपुरी में पुलिस का काफिला करीब आधा घंटा रुका। अतीक ने यहां मीडिया से कहा,”आपकी वजह से मैं सुरक्षित हूं। मैंने वहां से कोई फोन नहीं किया, वहां पर जैमर लगे हुए हैं। मैंने जेल से कोई साजिश नहीं रची। 6 साल से मैं जेल में हूं। मेरा पूरा परिवार बर्बाद हो चुका है।”
बूंदी में बयान- माफियागिरी समाप्त हो गई
इससे कुछ घंटे पहले राजस्थान के बूंदी में अतीक ने कहा, “मेरा परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो गया, मैं जेल में था, मुझे इसके (उमेश पाल हत्याकांड) बारे में क्या पता। कोई सवाल कर रहा था कि माफियागिरी समाप्त हो गई। माफियागिरी तो पहले ही समाप्त हो गई। अब तो रगड़ा जा रहा है।”
26 मार्च को भी प्रयागराज लाया गया था अतीक
इससे पहले भी अतीक अहमद को अहमदाबाद से प्रयागराज लाया जा चुका है। यूपी STF की टीम 26 मार्च को अहमदाबाद जेल से शाम 5:45 बजे अतीक को लेकर प्रयागराज के लिए रवाना हुई थी। वह 27 मार्च को शाम 5:30 बजे प्रयागराज की नैनी जेल पहुंची थी। टीम ने 1300 किलोमीटर का सफर 23 घंटे 45 मिनट में पूरा किया था। इस दौरान काफिला 8 जगह रुका था।
प्रयागराज । उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की अग्रिम जमानत की याचिका ख़ारिज कर दी। सुनवाई पूरी होने पर विशेष न्यायाधीश डॉ दिनेश चन्द्र शुक्ल ने शाइस्ता परवीन का अग्रिम जमानत आवेदन पत्र खारिज कर दिया ।
शाइस्ता ने अपनी अर्जी में कहा था कि उसका इस घटना से कोई लेना देना नहीं है। उसे सियासी रंजिश में फंसाया गया है। जबकि उमेश पाल हत्याकांड मामले में शाइस्ता के फरार होने की वजह से इनामी हो चुकी है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। गिरफ्तारी से बचने के लिए शाइस्ता ने जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी। पुलिस तलाश में कई जगह दबिश दे रही है लेकिन कुछ पता नहीं चल पा रहा है।
उल्लेखनीय है कि पुलिस शाइस्ता की तलाश में कई जगह दबिश दे रही है, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चल पा रहा है। हत्याकांड की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, शाइस्ता की भी भूमिका सामने आ रही है। ऐसे में पुलिस उन पर भी इनाम की राशि बढ़ा सकती है। शाइस्ता पर इस समय 25 हजार का इनाम है, जिसे बढ़ाया जा सकता है। उमेश पाल हत्याकांड में एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही शाइस्ता लापता हैं। उन्होंने अपने वकीलों के माध्यम से हाईकोर्ट और जिला न्यायालय में कई याचिकाएं दाखिल कीं। पुलिस उन्हें लगातार ढूंढ रही है। साबिर के साथ सीसीटीवी फुटेज वायरल होने के बाद शाइस्ता की तलाश तेज कर दी गई है।
गुरुवार को अभियोजन की ओर से अभियुक्ता की अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्ता पर हत्या जैसा गम्भीर आरोप है। ऐसे प्रकरण में अग्रिम जमानत आवेदन पोषणीय नहीं है। समस्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं अपराध की प्रकृति को देखते हुए अग्रिम जमानत आवेदन खारिज किये जाने योग्य है।
लखनऊ। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और संदीप सिंह के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट ने शनिवार को वारंट जारी किया है।
जानकारी के मुताबिक, मारपीट एवं तोड़फोड़ के एक मामले में कोर्ट में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और संदीप सिंह हाजिर नहीं हुए। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीश श्रीवास्तव ने दोनों आरोपितों के खिलाफ बीस हजार का जमानती वारंट जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 मार्च की तारीख तय की है।
इस मामले में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव सुनील कुमार राय ने 25 दिसंबर 2020 को हुसैनगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि कांग्रेस कार्यालय पर होर्डिंग लगवाई थी, जिसमें प्रिंटिंग प्रेस की गलती से प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की फोटो छपना छूट गई थी। जिसको लेकर जमकर हंगामा हुआ था।
कानपुर। सीसामऊ विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी को कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को एमपी-एमएलए न्यायालय में पेश किया गया। पेशी के दौरान विधायक को उनके परिवार से भी मिलने नहीं दिया गया। इस दौरान विधायक ने इशारा करते हुए कहा कि ऊपर वाला न्याय देगा।
महिला का घर फूंकने के मामले की सुनवाई के लिए महाराजगंज जेल में कैद सपा विधायक इरफान सोलंकी को कानपुर लाया गया। यहां पर उन्हें एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश किया गया। इरफान के अधिवक्ता गौरव दीक्षित ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि फर्जी आधार कार्ड मामले में आरोप तय होंगे। पिछली तारीख में प्रार्थना पत्र आने से आरोप तय नहीं हो सके थे। विधायक के साथ आरोपित शौकत पहलवान के अधिवक्ता ने आरोप मुक्ति की एप्लीकेशन दी है।
सपा विधायक इरफान सोलंकी की पेशी को देखते हुए कानपुर कचहरी को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। बॉर्डर से लेकर न्यायालय के बीच में तीन टीमें क्यूआरटी की और अलग-अलग आठ प्रमुख स्थानों पर पीएसी को तैनात किया गया था। इससे पूर्व पेशी के दौरान इरफान के समर्थकों के चलते व्यवस्था बिगड़ गई थी। इसलिए इस बार सुरक्षा को पूरी तरह से चाक-चौबंद रखा गया है।
विदित हो कि जाजमऊ डिफेंस कॉलोनी निवासी समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी का प्लॉट को लेकर पड़ोसी महिला बेबी नाज से विवाद चल रहा है। दोनों प्लॉट पर अपना होने का दावा करते हैं। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। बीते सात नवम्बर को इरफान और उनके भाई रिजवान के खिलाफ जाजमऊ थाने में महिला ने मुकदमा दर्ज कराया था। उसका आरोप है कि उनकी गैर मौजूदगी में विधायक और उनके भाई ने प्लाॅट पर कब्जा करने की नीयत से उनका घर फूंक दिया था।
प्रयागराज । वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में दर्ज मुकदमे में प्रयागराज की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने बुधवार को कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को एक साल की सजा सुनाई । सजा के बाद अदालत ने मंत्री नंदी को जमानत पर रिहा किया।
मंत्री नंदी आईपीसी की धारा 147 और 323 में दोषी करार दिए गए। आईपीसी की धारा 147 में एक साल की सजा और पांच हज़ार रुपये का जुर्माना लगा है। धारा 323 में 6 महीने की सजा और पांच हजार रुपये का जुर्माना लगा है। जुर्माना अदा नहीं करने पर दस-दस दिन की सजा अलग से भुगतनी होगी। सजा के खिलाफ अपील दाखिल करने के लिए जमानत दी है।
मंत्री नंदी के साथ ही दो अन्य लोग भी दोषी करार दिए गए हैं। मंत्री समेत बाकी लोगों को आईपीसी की धारा 148, 504, 506 और एससी-एसटी एक्ट में बरी कर दिया गया है। मंत्री नंदी पर 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज हुआ था गंभीर धाराओं में मुकदमा। तत्कालीन सपा सांसद रेवती रमण सिंह की जनसभा में हमला करने का आरोप लगा था।
आरोप है कि शहर के मुट्ठीगंज थाने में 3 मई 2014 को सपा सांसद और उम्मीदवार रेवती रमण सिंह की जनसभा चल रही थी। उस वक्त कांग्रेस पार्टी से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे नंद गोपाल गुप्ता नंदी और उनके समर्थकों ने जनसभा में हंगामा किया और सपा समर्थकों की लाठी-डंडों से पिटाई की। आरोप है कि नंदी के उकसाने पर उनके समर्थक हिंसक हो गए थे। इस हमले में समाजवादी पार्टी के कई समर्थकों को चोटे आई थी।
आरोप है कि नंद गोपाल गुप्ता नंदी और उनके समर्थकों ने समाजवादी पार्टी के दलित कार्यकर्ताओं को जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गालियां भी दी थी। सपा कार्यकर्ता वेंकटरमण शुक्ला ने नंदी और उनके समर्थकों के खिलाफ मुट्ठीगंज थाने में केस दर्ज कराया था। नंदी और उनके समर्थकों के खिलाफ गंभीर धाराओं में दर्ज हुआ था केस। हालांकि नंदी की तरफ से तत्कालीन सपा सांसद रेवती रमण सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ भी क्रास एफ आई आर दर्ज कराई गई थी।
इस घटना के बाद मुट्ठीगंज थाने में जमकर हंगामा हुआ था। तत्कालीन थाना प्रभारी इंद्रजीत चतुर्वेदी ने नंदी और उनकी मेयर पत्नी अभिलाषा गुप्ता समेत तमाम कार्यकर्ताओं के खिलाफ अलग से केस दर्ज किया था। सपा कार्यकर्ता वेंकटरमण शुक्ला द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के मुकदमे में अदालत ने फैसला सुनाया है।
एमपी-एमएलए कोर्ट ने भागलपुर के कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा समेत सात को एक साल की सजा दी, जुर्माना भी लगाया
पटना /भागलपुर । कांग्रेस के भागलपुर विधायक सह बिहार विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा समेत सात दोषियों को भागलपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने एक साल की सजा सुनायी है। इसके साथ ही कोर्ट ने आर्थिक जुर्माना भी लगाया है।
कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा समेत सात लोगों पर साल 2020 के विधानसभा चुनाव में वोटिंग के दौरान चुनाव कार्य में बाधा डालने का आरोप है। एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विवेक कुमार सिंह ने बुधवार को सभी को दोषी मानते हुए सजा सुनाया। सजा पाने वालों में कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा के अलावा मो. रियाजउल्ला अंसारी, मो. शफकतउल्ला, मो. नियाजउल्ला उर्फ आजाद, मो. मंजरउद्दीन उर्फ चुन्ना, मो. नियाजउद्दीन और मो. इरफान खान उर्फ सिंटू हैं।
विशेष जज ने धारा 341 में 15 दिन और धारा 353 के तहत एक-एक साल की सजा और एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। सजा में डिफाल्ट होने पर तीन हजार रुपये का जुर्माना देना होगा। कोर्ट ने सजा के बाद सभी को प्रोविजनल बेल दे दी। इस दौरान कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा समेत सभी सात अभियुक्त कोर्ट में मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के दौरान 3 नवंबर, 2020 को भीखनपुर के समीप चलंत मतदान केंद्र को विधायक अजीत शर्मा ने जमात के साथ घेर लिया था। अजीत शर्मा ने चलंत मतदान केंद्र के साथ चल रहे दंडाधिकारी बाल्मीकि कुमार से अभद्रता भी की थी। उस समय अधिकारी के रूप में मौजूद आईटीआई के निदेशक मुंगेर निवासी बाल्मीकि कुमार ने चुनाव कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए इशाकचक थाने में यह केस दर्ज कराया था।
मुुरादाबाद। चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद व मुरादाबाद लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी इमरान प्रतापगढ़ी और एक अन्य कांग्रेसी नेता के खिलाफ हाजिर न होने पर मंगलवार को वारंट जारी कर दिया है। कोर्ट ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख नौ जनवरी लगाई है।
मुरादाबाद के थाना गलशहीद में वर्ष 2019 में इमरान प्रतापगढ़ी व अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इसमें इमरान पर लोकसभा चुनाव के दौरान रुपये देकर भीड़ एकत्र करने, पुलिस कार्य में बाधा उत्पन्न करने एवं समय समाप्त होने के बाद भी जुलूस निकालने का आरोप लगा था। जिस मामले में कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी के अलावा पूर्व कांग्रेस मेयर प्रत्याशी हाजी रिजवान कुरैशी, फैजान, मोहम्मद कामिल, अहमद खान बेग, असद मौलाई व अन्य भी नामजद किए गए थे।
इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट स्मिता गोस्वामी की अदालत में चल रही है। विशेष लोक अभियोजक मोहनलाल विश्नोई ने बताया कि मंगलवार को कांग्रेसी नेता असद मौलाई की जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए 30-30 हजार रुपये की दो जमानत अदालत ने तलब की है। साथ ही मुकदमे के मुख्य आरोपी इमरान प्रतापगढ़ी एवं अहमद खान बेग के खिलाफ वारंट जारी कर दिए गए हैं। मुकदमे की अगली सुनवाई नौ जनवरी को की जाएगी।
गाजीपुर। बाहुबली मुख्तार अंसारी को गुरुवार को गैंगस्टर मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई है। गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में मुख्तार अंसारी के सहयोगी भीम सिंह को भी सजा सुनाई है। मामले में मुख्तार पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
सन 1996 में लगाये गए गैंगस्टर के मामले में यह सुनाई गई है। गैंगस्टर की तहत दर्ज पांच मामलों की सुनवाई कोर्ट कर रहा था। कांग्रेस नेता अजय राय के भाई अवधेश राय हत्याकांड सहित पांच मामलों में सजा सुनाये जाने के बाद मुख्तार अंसारी के वकील ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ अपील की जाएगी।
मुरादाबाद । एमपी-एमएलए कोर्ट ने 12 वर्ष पूर्व धोखाधड़ी और गबन के एक मामले में पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी को बुधवार को दोषी मानते हुए सात साल की कैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने उन पर आठ हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में दूसरे आरोपित विद्युत विभाग के एसएसओ राम अवतार शर्मा को साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त कर दिया गया। पूर्व विधायक को कड़ी सुरक्षा में जिला जेल भेज दिया गया।
विशेष लोक अभियोजक मोहनलाल विश्नोई ने बताया कि वर्ष 2000 में मुरादाबाद के थाना गलशहीद में विद्युत विभाग ने हाजी इकराम कुरैशी के विरुद्ध धोखाधड़ी और गबन के मामले में केस दर्ज कराया था। जिसमें हाजी इकराम कुरैशी पर बिजली का करीब 6 लाख 88 हजार रुपये का बिल था। हाजी इकराम कुरैशी और विद्युत विभाग के एसएसओ राम अवतार शर्मा ने मिलकर रुपये जमा करने की नकली रसीद बना ली, जबकि यह रुपये विद्युत विभाग में जमा नहीं किए थे। इस मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल मजिस्ट्रेट स्मिता गोस्वामी की अदालत में चल रही थी।
एडवोकेट मोहनलाल विश्नोई ने बताया कि बुधवार को इस मुकदमे में न्यायालय ने फैसला सुनाया। जिसमें हाजी इकराम कुरैशी को धोखाधड़ी और गबन के मामले में दोषी करार देते हुए 7 वर्ष सजा और 8000 रुपये का जुर्माना लगाया है। विद्युत विभाग के एसएसओ राम अवतार शर्मा को साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त कर दिया गया। पूर्व विधायक को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जिला कारागार भेज दिया गया।
इकराम कुरैशी ने सपा से बगावत कर कांग्रेस से लड़ा था चुनाव
समाजवादी पार्टी में कई बार जिलाध्यक्ष और सपा सरकार में दर्जा राज्यमंत्री रहे हाजी इकराम कुरैशी वर्ष 2017 में सपा के सिंबल पर मुरादाबाद देहात विधानसभा से विधायक बने थे। वर्ष 2022 के उप्र विधानसभा चुनाव में सपा ने हाजी इकराम कुरैशी का टिकट काटकर हाजी नासिर कुरैशी को मुरादाबाद देहात से टिकट दे दिया। हाजी इकराम ने सपा से बगावत कर कांग्रेस की सदस्यता लेकर कांग्रेस के सिंबल पर मुरादाबाद देहात विधानसभा से चुनाव लड़ा, जिसमें हाजी इकराम की जमानत जब्त हो गई और सपा प्रत्याशी हाजी नासिर कुरैशी मुरादाबाद देहात विधानसभा से चुनाव जीतकर विधायक बने।