नई दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस ले ली है। यानी आज सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की याचिका पर कोई सुनवाई नहीं होगी। उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उनकी हिरासत पर ट्रायल कोर्ट में सुनवाई होनी है। ऐसे में हम यहां से याचिका वापस ले रहे हैं।
इससे पहले 21 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तारी से संरक्षण देने से इनकार कर दिया था। उसके बाद ईडी ने केजरीवाल को उनके आवास पर जाकर गिरफ्तार कर लिया था। हाई कोर्ट मे सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कोर्ट को बताया था कि अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं बल्कि व्यक्तिगत हैसियत से समन किया जा रहा है। केजरीवाल की तरफ से बार-बार यह पूछा जाता था कि उनको किस हैसियत में समन किया जा रहा है। सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि ईडी जवाब दाखिल करने में चाहे जितना समय ले, केजरीवाल के खिलाफ तब तक कोई भी निरोधात्मक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने ईडी से केजरीवाल के खिलाफ सबूत मांगे। ईडी की ओर से एएसजी एसवी राजू ने कहा था कि केजरीवाल के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। ईडी ने कहा था कि कानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति सुनवाई के हकदार नहीं हैं। उन्होंने कहा था कि केजरीवाल और के कविता के खिलाफ गवाहों के बयान दर्ज हैं। उनसे पूछताछ जरूरी है लेकिन वे समन को नजरअंदाज कर रहे हैं। राजू ने कहा था कि केजरीवाल अपने को आम आदमी कहते हैं लेकिन जब समन भेजा जाता है तब वे कभी विपश्यना पर जाते हैं , तो कभी दूसरा बहाना बनाते हैं।
Money Laundering Case
नई दिल्ली। अरविन्द केजरीवाल को जो डर था वह गुरुवार की रात सही साबित हो गया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार रात गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में लंबी पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने सीएम हाउस से केजरीवाल को गिरफ्तार किया। इससे पहले ही ईडी ने केजरीवाल का मोबाइल फोन जब्त कर लिया था, जिसके बाद हुई पूछताछ के बाद उन्हें अरेस्ट किया गया। ईडी सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे थे। केजरीवाल को गुरुवार सुबह दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली थी. वो अंतरिम जमानत प्राप्त करने के इरादे से हाईकोर्ट पहुंचे थे. इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने उन्हें राहत नहीं दी थी. ईडी देर शाम दिल्ली के सीएम के घर पर पहुंची. रात नौ बजे उन्होंने सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया.
इसके पूर्व दोपहर के बाद सीएम की गिरफ्तारी की सुगबुगाहट के बीच उनके घर के बाहर बड़ी संख्या में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन कर दिया। मंत्री आतिशी और सौरभ भी वहां मौजूद हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया था। दिल्ली पुलिस ने भी सीएम हाउस के बाहर धारा-144 लगा दी थी। बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया। इसके अलावा रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती भी अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर की गई थी। मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी पहले ही अरविंद केजरीवाल को 9 समन भेज चुकी है।
अरविंद केजरीवाल को हाई कोर्ट से तगड़ा झटका
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हाई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। केजरीवाल को ईडी की गिरफ्तारी से राहत नहीं मिल पाई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और कहा कि इस स्तर पर हम अंतरिम राहत देने के इच्छुक नहीं हैं। हालांकि अदालत ने इस नई अंतरिम याचिका पर ईडी से जवाब मांगा और मामले को 22 अप्रैल के लिए टाल दिया।
22 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
अरविंद केजरीवाल ने ईडी के समन को चुनौती देने वाली अपनी याचिका में अंतरिम राहत की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था। केजरीवाल हाई कोर्ट से चाहते थे कि उन्हें ईडी की गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी जाए। अदालत ने कहा कि अब इस आवेदन को केजरीवाल की मुख्य याचिका के साथ सूचीबद्ध कर दिया है, जिस पर 22 अप्रैल को सुनवाई होगी। अदालत ने इस नई अंतरिम याचिका पर ईडी से जवाब मांगा है।
केजरीवाल को गिरफ्तारी का है शक
केजरीवाल के वकील ने कहा कि इस मामले में गिरफ्तारी से सुरक्षा की आवश्यकता है क्योंकि चुनाव नजदीक होने पर उन्हें (केजरीवाल को) पकड़ने की एजेंसी की मंशा स्पष्ट है। मुख्यमंत्री ने ईडी के समन को अवैध बताते हुए एजेंसी के समक्ष पेश होने से लगातार इनकार किया है।
क्या है पूरा मामला
यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है। इस विवादित नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था। उपराज्यपाल वी.के.सक्सेना की सिफारिश के बाद सीबीआई ने कथित भ्रष्टाचार के मामले में प्राथमिकी दर्ज की और इसके आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिंग के आरोप की जांच शुरू की। इस मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, सांसद संजय सिंह को ई़डी गिरफ्तार कर चुकी है। पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन भी जेल में हैं।
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट से आज दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को तगड़ा झटका लगा। देश की सबसे बड़ी अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली बेंच ने सत्येंद्र जैन को तत्काल सरेंडर करने का आदेश दिया।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने 17 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। तब सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने जमानत याचिका का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि जेपी मोहता, सत्येंद्र जैन के सीए थे। उन्होंने ही कंपनियों का प्रबंधन किया। वो नकदी को सफेद धन में बदलना चाहते थे। मोहता ने जैन को बताया था कि उनका कलकाता में कुछ कनेक्शन है और वहां से निवेश किया जाएगा और कुछ ब्याज दिया जाएगा। यह सभी शेल कंपनियां हैं। यही केस का मुख्य बिंदु है।
तब जस्टिस त्रिवेदी ने पूछा था कि तो आप यह कहना चाहते हैं कि शेयर बढ़ाने से उनको लाभ मिला। तब राजू ने कहा था कि सत्येंद्र जैन ही वास्तव में कंपनी के प्रभारी थे, अंकुश और वैभव जैन केवल डमी थे जिन्हें बैकडेटेड दस्तावेजों के माध्यम से नियुक्त किया गया था।
शीर्ष कोर्ट ने पूछा था कि हमें बताएं कि वह कैसे काम करते थे। तब राजू ने कहा था कि वह हवाला के जरिए काम करते थे। अगर आप कोलकाता से धन दिल्ली भेजना चाहते हैं, वाहक को पता नहीं चलेगा। बस एक करेंसी नोट दिखाना होगा। राजू ने कहा था कि असल में अंकुश और वैभव जैन ने सत्येंद्र जैन के बकाये पर कर का भुगतान किया है। उन्होंने सवाल उठाया था कि ऐसा क्यों होगा जब तक कि पैसा सत्येन्द्र जैन का न हो। दरअसल यह आपस में जुड़ा हुआ परिवार है।
सत्येंद्र जैन के वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि ईडी ने पहले कहा कि जैन की कंपनियों में शेयरहोल्डिंग है और अब कह रही है कि नियंत्रण है। सिंघवी ने कंपनियों के वित्तीय नतीजे का हवाला देते हुए कहा था कि जैन का कंपनी पर कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा था कि सीबीआई ने कहा है कि एक करोड़ 53 लाख रुपये का अपराध है लेकिन ईडी कहता है कि 4 करोड़ 61 लाख रुपये का अपराध है। दोनों ही आरोप गलत हैं। जैन का कंपनी में रोल केवल आर्किटेक्ट का था।
सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई 2023 को ईडी को नोटिस जारी किया था। जैन के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जैन के खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया था और कहा कि जेल में जैन का वजन 35 किलोग्राम कम हो गया है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 6 अप्रैल, 2023 को सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि सत्येंद्र जैन प्रभावशाली व्यक्ति हैं और वो गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। 17 नवंबर, 2022 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सत्येंद्र जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई, 2022 में गिरफ्तार किया था।
नई दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ में शामिल नहीं होंगे। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत केजरीवाल को समन जारी किया था।
आम आदमी पार्टी ने बयान में ईडी के समन को गैरकानूनी बताया है। दरअसल यह दूसरा मामला है जिसमें पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर रिश्वत लेने का आरोप लगा है। ईडी ने रविवार को केजरीवाल को पहली बार एक साथ दो समन भेजे। इसमें जल बोर्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में केजरीवाल को पहली बार समन भेज कर पूछताछ के लिए 18 मार्च को तलब किया। कथित दिल्ली शराब नीति घोटाला से जुड़े मामले में नौवां समन जारी कर उन्हें 21 मार्च को तलब किया है।
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने आज (शुक्रवार) दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत 4 दिसंबर तक बढ़ा दी। जस्टिस एएस बोपन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने 4 दिसंबर को जैन की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करने का आदेश दिया।
ईडी ने 19 अक्टूबर को कहा था कि जैन का इलाज हिरासत में भी हो सकता है इसलिए जमानत रद्द की जाए। एक सितंबर को मामले की सुनवाई करने वाली बेंच के सदस्य जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा ने सुनवाई से अपने आपको अलग कर लिया था। जस्टिस प्रशांत मिश्रा के बेटे ईडी के वकील के रूप में पेश हो चुके हैं।
इससे पहले 25 अगस्त को सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि जैन की स्पाइनल सर्जरी हुई है और उन्हें आराम की जरूरत है। सिंघवी ने जैन की अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग की थी। 24 जुलाई को कोर्ट ने जैन को मिली अंतरिम जमानत एक महीने के लिए बढ़ा दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 26 मई को सत्येंद्र जैन को छह हफ्ते की अंतरिम जमानत प्रदान की थी। कोर्ट ने जैन को अपनी पसंद के निजी अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दी थी। ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था।
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हैदराबाद में करोड़ों रुपये के कथित आईपीओ घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक अमेरिका का निवासी, एक वानुअतु का और एक भारतीय है।
ईडी ने शुक्रवार को जारी बयान में बताया कि हैदराबाद में करोड़ों रुपये के कथित आईपीओ घोटाले से जुड़े मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। केंद्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक अमेरिकी निवासी पवन कुचाना, वानुअतु गणराज्य के निवासी निर्मल कोटेचा और किशोर तापड़िया को 11 अक्टूबर को पीएमएलए के तहत हिरासत में लिया गया था।
एजेंसी के मुताबिक इन तीनों को गुरुवार को हैदराबाद स्थित विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने 25 अक्टूबर तक ईडी को इनकी हिरासत सौंप दी है। जांच एजेंसी ने बताया कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 1992 के सेबी अधिनियम के तहत तक्षशील सॉल्यूशंस लिमिटेड, उसके प्रवर्तकों और निदेशकों तथा अन्य के खिलाफ 10 रुपये मूल्य के 55,00,000 शेयरों के आईपीओ से संबंधित अनियमितताओं को लेकर एक शिकायत दर्ज कराई गई थी। शेयरों का इश्यू प्राइस 150 रुपये तय किया गया था और इसके जरिए तक्षशील ने 80.50 करोड़ रुपये जुटाए थे।
नई दिल्ली । मनी लॉड्रिंग केस में करीब एक साल से जेल में बंद दिल्ली सरकार के पूर्व हेल्थ मिनिस्टर मंत्री सत्येंद्र जैन ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है। दिल्ली हाई कोर्ट ने बीते 6 अप्रैल को जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
ईडी ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि अगर जैन को जमानत दी जाती है तो गवाहों की जान को खतरा हो सकता है। जैन प्रभावशाली व्यक्ति हैं और बड़े राजनीतिक पद पर रह चुके हैं। वे गवाहों को प्रभावित भी कर सकते हैं। जैन को जमानत के लिए तय ट्रिपल टेस्ट को भी पास करना होगा।
इससे पहले 17 नवंबर 2022 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सत्येंद्र जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उल्लेखनीय है कि ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई, 2022 को गिरफ्तार किया था।
नई दिल्ली । राऊज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति के मामले की सुनवाई टाल दी। स्पेशल जज विकास ढल ने 9 मई को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान आज सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा कि प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने की अर्जी पर अगली सुनवाई 4 मई को करेंगे। इसके बाद कोर्ट ने 9 मई तक सुनवाई को टाल दिया। दरअसल सत्येंद्र जैन ने अपने खिलाफ सीबीआई मामले की सुनवाई कर रहे स्पेशल जज विकास ढल की अदालत से इस मामले को दूसरी अदालत में ट्रांसफर करने की मांग की है।
इससे पहले भी सत्येंद्र जैन के मामले की सुनवाई कर रही स्पेशल जज गीतांजलि गोयल की कोर्ट से ईडी ने मामले को ट्रांसफर करवाया था। इसके बाद स्पेशल जज विकास ढल की कोर्ट मामले की सुनवाई कर रही थी।
सीबीआई ने जैन पर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति जमा करने का आरोप लगाया है। इस मामले में सीबीआई जैन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। सीबीआई ने सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन, सहयोगी अजीत जैन, वैभव जैन, सुनील जैन और आयुष जैन के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।
सीबीआई ने यह केस 2017 में दर्ज किया था। जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाई। इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
सीबीआई के मुताबिक ये कंपनियां कोई व्यवसाय नहीं कर रही थीं। सत्येंद्र जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2010-11 से लेकर 2015-16 के बीच 54 फर्जी कंपनियों के जरिए काला धन के रूप में 16.39 करोड़ रुपया अर्जित किया। जैन के खिलाफ ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया है।
मनी लांड्रिंग केस : हाईकोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की बेल याचिका खारिज की
नई दिल्ली । मनी लांड्रिंग मामले में जेल में बंद दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने इस मामले के सह-आरोपितों अंकुश जैन और वैभव जैन की जमानत याचिका भी खारिज कर दी । कोर्ट ने 22 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान ईडी ने मनी लांड्रिंग मामले में जेल में बंद दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका का दिल्ली हाईकोर्ट में विरोध करते हुए कहा कि अगर जैन को जमानत दी जाती है तो मामले के गवाहों की जान को खतरा हो सकता है। ईडी ने कहा था कि सत्येंद्र जैन प्रभावशाली व्यक्ति हैं और बड़े राजनीतिक पद पर रह चुके हैं। वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। ईडी ने कहा कि जैन को जमानत के लिए तय ट्रिपल टेस्ट को भी पास करना होगा। ईडी ने जेल में सत्येंद्र जैन के बर्ताव के बारे में कोर्ट को बताया कि जेल में वह मसाज करा रहा था। बैठकें कर रहा था। यहां तक कि उसे बाहर का खाना भी मिलता था। ईडी ने कहा था कि वैभव जैन और अंकुश जैन दोनों ने सत्येंद्र जैन की सहायता की और वह भी इस अपराध में जिम्मेदार हैं।
6 फरवरी को सह-आरोपितों अंकुश जैन और वैभव जैन की ओर से पेश वकील सुशील गुप्ता ने कहा था कि सत्येंद्र जैन का कंपनियों से कोई लेना-देना नहीं है। सुशील गुप्ता ने कहा था कि दोनों सह-आरोपितों ने ही कलकत्ता स्थित कंपनी को पैसे भेजे थे। 1 दिसंबर 2022 को कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया था। सत्येंद्र जैन ने ट्रायल कोर्ट की ओर से जमानत न दिए जाने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
17 नवंबर 2022 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सत्येंद्र जैन समेत तीनों आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने सत्येंद्र जैन के अलावा इस मामले के आरोपितों वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका भी खारिज करने का आदेश दिया था।
बता दें कि ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई 2022 में गिरफ्तार किया था।
कासगंज। चित्रकूट की रगौली जेल में मनी लांड्रिंग केस में बंद अब्बास अंसारी को कड़ी सुरक्षा में बीच बुधवार को पुलिस कासगंज के पचलाना जिला कारागार लेकर पहुंची। यहां पहुंचने पर उनका मेडिकल परीक्षण किया गया। इसके बाद उन्हें हाई सिक्योरिटी बैरक में रखते हुए निगरानी की जा रही है।
चित्रकूट की रगौली जेल में बीते दिनों छापा मारकर एसपी वृंदा शुक्ला और डीएम ने अब्बास अंसारी को प्राइवेट कमरे में पत्नी निकहत के साथ पकड़ा था। जांच के दौरान यह भी पाया कि जेल प्रशासन की मिलीभगत से निकहत अपने पति से मिलने आयी थी। जेल विजिटर रजिस्टर में मिलाई के बारे में कोई भी जानकारी नहीं दर्ज की गई थी।
एसपी ने निकहत बानो अंसारी के पास सऊदी अरब की मुद्रा 12 रियाल बरामद की थी। पूछताछ में पहले तो निकहत ने गुमराह करने की कोशिश की और संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। पुलिस का दावा है कि निकहत अपने पति को फरार करने की साजिश रच रही थी। निकहत की गिरफ्तारी के बाद एसपी ने जेल प्रशासन के कारनामे को शासन से अवगत कराया था। शासन ने सख्त रुख अपनाते हुए जेल सुपरिटेंडेन्ट अशोक सागर को निलम्बित कर दिया। इसके बाद सुरक्षा कारणों से अब्बास अंसारी की जेल बदलने का निर्णय शासन स्तर पर लिया गया।
प्रकरण में जेल प्रशासन की कार्यशैली को देखते हुए जेलर संतोष पाण्डेय, डिप्टी जेलर पीयूष पाण्डेय समेत पांच जेल वार्डन को निलम्बित कर दिया गया। उन्नाव के जेलर राजीव कुमार सिंह ने जेल का कार्यभार संभाला। शासन के निर्देश के बाद बुधवार को चित्रकूट पुलिस ने बुधवार की सुबह छह बजे के करीब कड़ी सुरक्षा में लेकरअब्बास को लेकर कासगंज के लिए रवाना हुई। दोपहर दो बजे के आसपास अब्बास अंसारी को कासगंज की जेल पहुंचे।
कासगंज जेल पुलिस के प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, सबसे पहले अब्बास का मेडिकल परीक्षण कराया गया। इसके बाद उन्हें हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया। बैरक में लगे सीसीटीवी कैमरों से अब्बास की हर हरकत पर नजर रखी जाएगी।