वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर गठित की गई जेपीसी, ओवैसी समेत 31 सांसद हैं सदस्य… भारी विरोध के बीच वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर संयुक्त संसदीय कमेटी गठित कर दी गई है। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने बताया कि इस जेपीसी में असदुद्दीन ओवैसी, जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या और इमरान मसूद समेत लोकसभा के 21 सांसद सदस्य हैं। रिजिजू ने कहा कि इस जेपीसी में राज्यसभा के 10 सांसद भी सदस्य हैं।
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लखनऊ। छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर हजरतगंज थाना में दर्ज मामले की जांच नए सिरे विशेष जांच दल (एसआईटी) शुरू करेगी। इसके लिए उन्होंने थाना में दर्ज मामले की रिपोर्ट तलब की है। हालांकि अभी तक कार्रवाई को लेकर आधिकारिक बयान नहीं आया है।
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में छात्रवृत्ति मामले में सौ करोड़ से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले का पर्दाफाश किया था। उनकी रिपोर्ट पर हजरतगंज थाना में 18 नामजद और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमे में 10 संस्थानों एवं फिनो बैंक के अधिकारियाें व कर्मचारियों को आरोपी बनाए गए। आरोपित लखनऊ, हरदोई, फर्रुखाबाद, बाराबंकी, गाजीपुर व बदायूं के हैं।
संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था उपेंद्र अग्रवाल ने इस मामले को गंभीरता से लेते विवेचना के लिए रविवार को तीन सदस्यीय विशेष जांच दल गठित किया। इस दल में क्राइम ब्रांच के तीन इंस्पेक्टर शामिल हैं। जेसीपी स्वयं इस केस की निगरानी करेंगे। ईडी ने भी जांच तेज करते हुए धोखाधड़ी में शामिल लोगों की कुंडली खंगालना शुरू कर दिया है।
यूपी के 10 शिक्षण संस्थानों में फर्जी दस्तावेजों के सहारे सौ करोड़ रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति मामले में ईडी ने 17 फरवरी को छह शहरों में छापेमारी की थी। जांच में पाया कि बच्चों से बुजुर्ग और संस्थान के कर्मचारियों के नाम पर खाते खोलकर छात्रवृत्ति हड़पी गई थी। इसके लिए दो मेल आईडी से तीन हजार खाते खोले गए है। जांच टीम अब उन खाताधारकों से भी सम्पर्क करेगी।
नई दिल्ली। सत्रहवीं लोकसभा के ग्यारहवें सत्र का गुरुवार को अंतिम दिन था। 31 जनवरी से शुरू हुआ संसद का बजट सत्र दो भागों में था। इस दौरान 25 बैठकें हुईं और लगभग 46 घंटे कामकाज हुआ। इस सत्र के दौरान आठ सरकारी विधेयक पुर:स्थापित किए गए तथा छह विधेयक पारित किए गए।
बजट सत्र का दूसरा भाग विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच गतिरोध के चलते बाधित रहा। विपक्ष जहां अडानी-हिंडनबर्ग मामले में जेपीसी की मांग करता रहा तो वहीं सत्ता पक्ष राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान पर उनसे माफी मांगता रहा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बजट सत्र के दूसरे भाग के अंतिम दिन गुरुवार को बताया कि इस सत्र के दौरान 25 बैठकें की गईं और लगभग 45 घंटे 55 मिनट तक कार्यवाही चली। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने 31 जनवरी को एक साथ समवेत दोनों सभाओं के सदस्यों के समक्ष अभिभाषण प्रस्तुत किया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 13 घंटे 44 मिनट तक चली और इस चर्चा में 143 सदस्यों ने भाग लिया। चर्चा के अंत में प्रधानमंत्री ने वाद-विवाद का उत्तर दिया। सभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव को स्वीकार किया।
उन्होंने बताया कि इस सत्र में वित्त मंत्री द्वारा एक फरवरी को केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया गया। केंद्रीय बजट 2023-24 पर सामान्य चर्चा 14 घंटे 45 मिनट तक चली। वाद-विवाद में 145 सदस्यों ने भाग लिया और वित्त मंत्री ने चर्चा का उत्तर दिया। केंद्र सरकार के मंत्रालयों एवं विभागों की वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुदान मांगों को सभा द्वारा 23 मार्च को स्वीकृत किया गया तथा संबंधित विनियोग विधेयक को पारित किया गया। उसके उपरांत सभा द्वारा वित्त विधेयक पारित किया गया।
सत्र के दौरान 29 तारांकित प्रश्नों का मौखिक उत्तर दिया गया। प्रश्नकाल के बाद लोक महत्व के कुल 133 मामले उठाए गए तथा नियम 377 के अधीन कुल 436 मामले लिए गए। लोकसभा की विभागों से संबद्ध स्थायी समितियों ने 62 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। सत्र में निदेश 73ए के अधीन 14 और संसदीय कार्य मंत्री द्वारा संसदीय कामकाज के संबंध में दिये गये तीन वक्तव्य सहित 23 वक्तव्य दिए गए। सत्र के दौरान 2799 पत्र सभा पटल पर रखे गए।
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पूरा विपक्ष एकजुट होकर एक ही मांग कर रहा है कि अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाए।
खड़गे ने बुधवार को कहा कि आज जेपीसी की मांग को लेकर उन्होंने विपक्षी सांसदों के साथ बैठक की इस दौरान सभी सांसदों ने जेपीसी के गठन को लेकर एकजुटा दिखाई है।
खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार जानबूझकर विपक्ष को परेशान कर रही है। कर्नाटक में आए दिन घोटाले हो रहे हैं। यह बात सभी जानते हैं कि योजनाओं की 40 फीसदी रकम भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ रही है। ये मामले उजागर होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे पता चलता है कि जांच एजेंसियां कैसे काम कर रही हैं।
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त किए जाने पर विरोध जताया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार सबसे अधिक राहुल गांधी और कांग्रेस से डरती है। इसी लिए राहुल गांधी की सदस्यता रद्द की गई है।
उन्होंने लोकसभा सचिवालय की ओर से की गई कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त किया जाना लोकतंत्र की हत्या है। वो (मोदी सरकार) सच बोलने वालों का मुंह बंद करवाना चाहती है। देश इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। खड़गे ने कहा कि लोकतंत्र की हिफाजत में हम जेल तक जाने को तैयार हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि भाजपा भारत जोड़ो यात्रा की सफलता से डरी हुई है। मोदी सरकार से राहुल गांधी की लोकप्रियता हजम नहीं हो रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि अडानी मामले पर सवाल पूछने की वजह से राहुल गांधी पर यह कार्रवाई हुई है।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि राहुल गांधी को लोकसभा में अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया। इससे पता चलता है कि मोदी सरकार राहुल गांधी से किस तरह डरी हुई है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि हम कानूनी और राजनीतिक दोनों तरह से इस लड़ाई को लड़ेंगे। हम डरने या चुप रहने वाले नहीं हैं। प्रधानमंत्री से जुड़े अडानी महाघोटाले में जेपीसी के बजाय राहुल गांधी को अयोग्य करार दिया गया है। यह गलत है।
केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है। लोकसभा सचिवालय की ओर से शुक्रवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक संविधान के अनुच्छेद 102 और जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 के तहत राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त की गई है। राहुल गांधी को गुजरात के सूरत की अदालत ने गुरुवार को एक मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई। इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता रद्द करने का फैसला किया, जो 23 मार्च 2023 से प्रभावी हो गई है।
सूरत की अदालत ने राहुल के मोदी सरनेम वाले बयान पर दो साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने साथ ही साथ राहुल को जमानत भी दे दी। कोर्ट ने इसके अलावा सजा को 30 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है। वर्ष 2019 में चुनाव प्रचार के दौरान राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी को लेकर बयान दिया था। राहुल ने कहा था कि ‘सारे चोरों के सरनेम मोदी कैसे हैं? राहुल के इस बयान के बाद सूरत पश्चिम सीट के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का केस कर दिया था। उन्होंने कहा था कि राहुल ने मोदी समुदाय का अपमान किया।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा कि हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, क्योंकि भारत में लगभग तीन करोड़ परिवार शेयर बाजार से जुड़े हैं। ऐसे में पूरा विपक्ष चाहता है कि अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाए।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि कांग्रेस ने संसद के दोनों सदनों में अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच की मांग करता रहा लेकिन सत्ता पक्ष इस मुद्दे पर बातचीत को तैयार नहीं है। रमेश ने कहा कि आज गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि अडानी मुद्दे पर उनके पास कुछ भी छुपाने को नहीं है। ऐसे में अगर गृह मंत्री शाह की बात सही है तो अडानी समूह की जांच के लिए उनकी सरकार जेपीसी का गठन क्यों नहीं कर रही है?
रमेश ने कहा कि हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मुद्दे की निष्पक्ष जांच जेपीसी ही कर सकती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस निजी निवेश के खिलाफ नहीं है लेकिन मोदी सरकार चंद उद्योगपतियों को ही बढ़ा रही है। रमेश ने कहा कांग्रेस आगामी संसद सत्र में भी जेपीसी की मांग करेगी। इस मुद्दे पर पूरा विपक्ष एक जुट है।