देहरादून। बहुचर्चित अंकिता भंडारी केस में आरोपियों का नार्को टेस्ट कराने के लिए सोमवार को कोटद्वार जिला कोर्ट में अर्जी दी गई है। इस मामले की जांच कर रही एसआईटी टीम का कहना है कि हालांकि उसके पास इस हत्याकांड से जुड़े कई पुख्ता सबूत हैं लेकिन वह चाहती है कि कोर्ट में चार्जशीट दायर करने से पहले इन सबूतों को और अधिक मजबूत किया जा सके, इसके लिए अदालत से आरोपियों का नार्को टेस्ट कराने की अनुमति मांगी गई है।
ऋषिकेश स्थित वनन्तरा रिजार्ट में काम करने वाली अंकिता भंडारी की हत्या 18 सितंबर को की गई थी। 24 सितंबर को उसका शव चीला बैराज से बरामद हुआ था। सरकार द्वारा इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी लेकिन घटना के 3 माह बीत जाने के बाद भी एसआईटी अभी तक इस मामले में चार्जसीट तक कोर्ट में दाखिल नहीं कर सकी है। एसआईटी की जांच पर सवाल उठाते हुए अंकिता भंडारी के परिजनों द्वारा हाई कोर्ट में अर्जी देकर जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की गई है और आरोपितों का नार्को टेस्ट कराने की मांग की गई है।
जबकि एसआईटी का कहना है कि वह इस मामले की फॉरेंसिक जांच आने का इंतजार कर रही है। एसआईटी अब तक न तो अंकिता भंडारी और न मुख्य आरोपित पुलकित आर्य का मोबाइल बरामद कर सकी है और न अंकिता के कमरे से कोई खास सबूत मिल सके हैं क्योंकि उसके कमरे पर उसी रात बुलडोजर चलवा दिया गया था, जिस दिन इस मामले का खुलासा हुआ था। एसआईटी का मानना है कि नार्को टेस्ट से उसे कई अहम सबूत जुटाने में सहायता मिल सकती है। आरोपितों के मोबाइल तथा मृतका के मोबाइल के बारे में पता चल सकता है वही जिस वीवीआईपी को स्पेशल सर्विस देने की बात सामने आ रही है उसके नाम का भी खुलासा नार्को टेस्ट से हो सकता है।
नार्को टेस्ट के लिए अदालत पहुंची एसआईटी से एक बात जरूर साफ हो गई है कि अभी भी उसके पास इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं है और उसे अभी भी सबूतों की तलाश है। नार्को टेस्ट भले ही कोर्ट में मान्य न हो, लेकिन इससे एसआईटी टीम को सबूत जुटाने में कितनी सफलता मिल सकेगी समय ही बताएगा। इस हत्याकांड के सभी तीन आरोपित पुलकित आर्य अंकित व सौरभ फिलहाल जेल में है।
Interrogation
हैदराबाद। हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (एचसीयू) के एक प्रोफेसर पर विश्वविद्यालय की ही एक विदेशी छात्रा (थाईलैंड) के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म के प्रयास का आरोप लगा है। पुलिस इस मामले में आरोपित प्रोफेसर को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। उधर, विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रोफेसर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
आरोप है कि हिंदी विभाग के प्रोफेसर रवि रंजन बीती देर रात इस छात्रा को कार में लिफ्ट देने बहाने अपने आवास पर ले गए और उसके साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म का प्रयास किया। पीड़ित छात्रा ने गाछीबौली पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई है।
स्थानीय पुलिस ने प्रोफेसर रविरंजन के खिलाफ महिला का यौन उत्पीड़न, मारपीट, उसके अभिमान को ठेस पहुंचाने (भारतीय दंड संहिता की धारा 354 और 354 ए) के आरोप में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। छात्र इस घटना को लेकर चिंता जता रहे हैं। गाछीबावली पुलिस ने बताया कि पीड़िता का बयान दर्ज करने के बाद अन्य आवश्यक धाराएं भी जोड़ी जाएंगी। प्रोफेसर फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं।
विश्वविद्यालय में हुई इस घटना को गंभीरता से लेते हुए छात्र आंदोलन पर उतरे हुए हैं। कैम्पस में स्थिति तनावपूर्ण है। छात्र संगठनों ने छेड़छाड़ और दुष्कर्म के आरोपित प्रोफेसर के खिलाफ धरना- प्रदर्शन करते हुए तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है।
छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने प्रोफेसर को पद से हटाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। कैम्पस में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। मीडिया से बातचीत में कई छात्राओं ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिन अध्यापकों को जिम्मेदारी के साथ व्यवहार करना चाहिए, वे अत्याचार कर रहे हैं।
छात्रों ने कहा कि उनका विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक एचसीयू प्रबंधन जवाब नहीं देता और प्रोफेसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जाती है। उधर, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डा. देवेश निगम ने मीडिया को बताया कि आरोपित प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया है।