वक्फ बोर्ड संशोधन पर नया अपडेट
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर एक नई जानकारी सामने आई है। इस बिल की पेशगी की तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन कुछ मुस्लिम मौलवियों ने इसे लेकर अतिरेक बयान दिए हैं, जैसे कि मुसलमानों की ज़मीनें छीन ली जाएंगी। वहीं, मुस्लिम महिलाएं और आम मुसलमान यह जानना चाहते हैं कि सरकार मौजूदा वक्फ अधिनियम में बदलाव क्यों नहीं कर रही है।
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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि वक्फ एक्ट में कोई भी बदलाव मंजूर नहीं है। बोर्ड का कहना है कि वक्फ एक्ट 2013 में ऐसा कोई भी बदलाव, जो वक्फ संपत्तियों की स्थिति और प्रकृति को बदल दे या उन्हें हड़पना आसान बना दे, स्वीकार नहीं किया जाएगा। साथ ही, वक्फ बोर्डों के अधिकारों को घटाना भी कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सरकार महिलाओं को अधिकार देने की दिशा में कदम बढ़ा रही है
पहले यह खबर थी कि वक्फ बोर्ड संशोधन बिल अगले हफ्ते सदन में पेश किया जा सकता है, लेकिन अब सरकार ने संकेत दिए हैं कि बिल की पेशगी की तारीख अभी तय नहीं की गई है। नए बदलावों के तहत, सरकार बिल के माध्यम से महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की योजना बना रही है। केंद्र सरकार मुस्लिम महिलाओं को समान अधिकार देने के पक्ष में है और हर बोर्ड और काउंसिल में दो महिलाओं को सदस्य बनाएगी।
आम मुसलमानों का कहना है कि पुराने एक्ट के तहत वक्फ संपत्ति को किसी भी कानून से चुनौती नहीं दी जा सकती। यहां तक कि सऊदी अरब या ओमान में भी ऐसा कोई कानून नहीं है। एक बार जमीन वक्फ में चली गई तो उसे वापस नहीं लिया जा सकता।
इसके साथ ही, कुछ लोगों का कहना है कि प्रभावशाली मुसलमानों ने वक्फ बोर्ड पर कब्जा कर लिया है और मुस्लिम महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। तलाकशुदा महिलाएं और उनके बच्चों को अधिकार नहीं मिलते। भारत में वक्फ संपत्ति दुनिया में सबसे बड़ी है, लेकिन इससे केवल 200 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो रहा है। केंद्र सरकार, राज्य सरकार, या अदालतें भी इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकतीं।
नए वक्फ बिल में महत्वपूर्ण बदलाव
वक्फ बोर्ड के नियंत्रण में शामिल लोगों के अलावा, अन्य कई लोग इस अधिनियम के खिलाफ हैं। सच्चर कमेटी ने भी वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता की आवश्यकता पर जोर दिया है और कहा है कि वक्फ संपत्ति का उपयोग केवल मुसलमान ही कर सकते हैं।
नए बिल में प्रस्तावित बदलावों के अनुसार
वक्फ संपत्ति केवल मुसलमान ही बना सकते हैं।
महिला सदस्य राज्यों में वक्फ बोर्ड का हिस्सा बनेंगी, जबकि वर्तमान में महिलाएं वक्फ बोर्ड और परिषद की सदस्य नहीं हैं।
जिन स्थानों पर वक्फ बोर्ड नहीं हैं, वहां नए ट्रिब्यूनल की व्यवस्था की जाएगी, जो पहले मौजूद नहीं थी।
सरकार लैंगिक न्याय के प्रति प्रतिबद्ध है। नए बिल के तहत, हर राज्य बोर्ड और केंद्रीय परिषद में दो महिलाओं को सदस्य बनाया जाएगा।