नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने विद्युत (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियमों में संशोधन किया है। केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री का कहना है कि संशोधित नियम उपभोक्ताओं को और सशक्त बनाएंगे। उपभोक्ताओं की पसंद बढ़ाने और मीटरिंग और बिलिंग में अधिक पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए नियमों में प्रावधान पेश किए गए हैं।
मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार संशोधनों से नए बिजली कनेक्शन प्राप्त करने की समय सीमा कम हो गई है। बहुमंजिला फ्लैटों में उपभोक्ताओं को कनेक्शन का प्रकार चुनने में मदद मिलेगी। रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित करना आसान और तेज हो गया है। इसके अलावा उपभोक्ताओं की शिकायतों के मामले में बिजली की खपत को सत्यापित करने के लिए वितरण कंपनी की ओर से लगाए गए मीटरों की जांच संभव होगी।
उपभोक्ता अब अपने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को चार्ज करने के लिए अलग से बिजली कनेक्शन प्राप्त कर सकते हैं। नियमों के तहत नया बिजली कनेक्शन प्राप्त करने की समयावधि महानगरीय क्षेत्रों में सात दिन से घटाकर तीन दिन, अन्य नगर पालिका क्षेत्रों में पंद्रह दिन से घटाकर सात दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में तीस दिन से घटाकर पंद्रह दिन कर दी गई है।
उपभोक्ताओं के परिसर में रूफटॉप सोलर पीवी सिस्टम स्थापित करने में आसानी बढ़ाने और तेजी से स्थापना की सुविधा के लिए नियमों में संशोधन किए गए हैं। 10 किलोवाट क्षमता तक की प्रणालियों के लिए तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन की आवश्यकता से छूट दी गई है। 10 किलोवाट से अधिक क्षमता की प्रणालियों के लिए, व्यवहार्यता अध्ययन पूरा करने की समय सीमा बीस दिन से घटाकर पंद्रह दिन कर दी गई है।