नई दिल्ली । पिछले कुछ समय में सुर्ख़ियों में रहा श्रद्धा हत्याकांड के आरोपित आफताब ने दिल्ली के साकेत कोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली है। आफताब ने कोर्ट से कहा कि वो अभी जेल से बाहर नहीं आना चाहता है। उसके बाद एडिशनल सेशंस जज वृंदा कुमारी ने याचिका वापस लेने की अनुमति दी।
17 दिसंबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आफताब के वकील एमएस खान को बताया था कि आफताब का ई-मेल आया है कि उसने वकालतनामा पर हस्ताक्षर जरूर किया है लेकिन उसे इस बात की जानकारी नहीं है कि जमानत याचिका दायर हो रही है। इस पर एमएस खान ने कहा था कि आफताब पर जरूर कोई दबाव है, जिसकी वजह से वह ऐसा कह रहा है।
जब आफताब जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश हुआ तो उसने कहा था कि उसने नया वकील किया है। उसके लिए उसने वकालतनामा पर हस्ताक्षर किया था लेकिन उसकी जमानत याचिका दाखिल की जानी है, उसे इसका पता नहीं है।
आफताब अभी न्यायिक हिरासत में है। 21 नवंबर को साकेत कोर्ट ने आरोपित आफताब का पोलिग्राफ टेस्ट करने की अनुमति दी थी। उसके पहले साकेत कोर्ट ने आफताब का नार्को टेस्ट करने का आदेश दिया था। 17 नवंबर को कोर्ट ने आफताब की पुलिस हिरासत पांच दिनों के लिए बढ़ा दी थी।
श्रद्धा आफताब के साथ रहती थी। आफताब पर श्रद्धा की हत्या कर करीब तीस टुकड़े करने का आरोप है। उसके शव के टुकड़ों को वह फ्रीज में रखे हुए था। वो शव के टुकड़ों को अलग-अलग स्थानों पर ले जाकर फेंकता था। पुलिस ने आफताब की निशानदेही पर श्रद्धा के शव के कई टुकड़ों को बरामद किया था।
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नई दिल्ली । मनी लांड्रिंग मामले में जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई टाल दी है। मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा के उपलब्ध नहीं होने के कारण सुनवाई टाली गई। अब केस की अगली सुनवाई 5 जनवरी को होगी।
कोर्ट ने 1 दिसंबर को ईडी को नोटिस जारी किया था। सत्येंद्र जैन ने ट्रायल कोर्ट की ओर से जमानत न दिए जाने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। 17 नवंबर को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सत्येंद्र जैन समेत तीन आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने सत्येंद्र जैन के अलावा इस मामले के आरोपितों वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका भी खारिज करने का आदेश दिया था।
नई दिल्ली । उन्नाव रेप मामले के दोषी और भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की अंतरिम जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई टाल दी है। सेंगर की जमानत याचिका पर सुनवाई करने वाले जस्टिस तलवंत सिंह ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया है।
दरअसल, कुलदीप सिंह सेंगर ने बेटी की शादी में शामिल होने के किये अंतरिम ज़मानत की मांग की है। कुलदीप सिंह सेंगर की ओर से पेश वकील ने कहा कि बेटी की शादी 8 फरवरी, 2023 को होनी है, जिसका कार्यक्रम 18 जनवरी से शुरू होगा। सेंगर ने हाई कोर्ट में नियमित जमानत याचिका भी दायर की है। नियमित जमानत याचिका पर 31 मार्च को कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया था।
तीस हजारी कोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में 20 दिसंबर, 2019 को कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़ित युवती को देने का आदेश दिया था। तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
तीस हजारी कोर्ट ने 13 मार्च, 2020 को उन्नाव रेप पीड़ित युवती के पिता की हत्या के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को दस साल की कैद की सजा सुनाई थी। डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने सेंगर पर दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। तीस हजारी कोर्ट ने कहा था कि जुर्माने की ये रकम पीड़ित युवती को दी जाएगी। कोर्ट ने सेंगर समेत सभी सातों आरोपितों को भी दस-दस साल की कैद और दस-दस लाख के जुर्माने की सजा सुनाई थी।
नई दिल्ली। बहुचर्चित श्रद्धा हत्याकांड के आरोपित आफताब ने शुक्रवार को साकेत कोर्ट में जमानत अर्जी लगाई है। कोर्ट आफताब की जमानत याचिका पर शनिवार को सुनवाई करेगा।
आफताब अभी न्यायिक हिरासत में है। 21 नवंबर को साकेत कोर्ट ने आरोपित आफताब का पोलिग्राफ टेस्ट करने की अनुमति दे दी थी। उसके पहले साकेत कोर्ट ने आफताब का नार्को टेस्ट करने का आदेश दिया था। 17 नवंबर को कोर्ट ने आफताब की पुलिस हिरासत पांच दिनों के लिए बढ़ाई थी।
श्रद्धा आफताब के साथ रहती थी। आफताब ने श्रद्धा की हत्या करने के बाद उसके शव के तीस से अधिक टुकड़े कर दिए थे। शव के उन टुकड़ों को फ्रिज में रखकर अलग-अलग स्थानों पर फेंकता था। पुलिस ने आफताब की निशादेही पर श्रद्धा के कई अंगों को बरामद किया है।
नई दिल्ली । मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सह आरोपितों वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया है। इस मामले में दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन मुख्य आरोपी हैं।
वैभव जैन और अंकुश जैन ने ट्रायल कोर्ट की ओर से जमानत याचिका खारिज करने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। 17 नवंबर को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सत्येंद्र जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।
ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान जैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने कहा था कि ईडी मनी लॉन्ड्रिंग कानून की मनमानी व्याख्या कर रहा है। उन्होंने कहा था कि पैसा अंकुश जैन, वैभव जैन और दूसरे आरोपितों का है जो कि एंट्री से साफ है। यह कर उल्लंघन का मामला हो सकता है लेकिन मनी लॉन्ड्रिंग का नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह सत्येंद्र जैन का पैसा कैसे हो सकता है।
ईडी ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि सत्येंद्र जैन ने हवाला आपरेटर को 40-50 बार नकदी उपलब्ध कराया। ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा था कि जैन लगातार गलत जानकारी दे रहे थे जो भारतीय दंड संहिता के मुताबिक अपराध है। राजू ने कहा कि सत्येंद्र जैन, उनका परिवार और उनके करीबी लूट रहे थे। कंपनी के फर्जी निदेशक बना दिए गए थे और जैन कंपनी को पीछे से संचालित कर रहे थे। राजू ने कहा था कि ये मामला एक करोड़ रुपये से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग का है, ऐसे में जैन को जमानत न दी जाए।
नई दिल्ली । महाठग सुकेश चंद्रशेखर की पत्नी लीना मारिया पॉल की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। नोटिस जस्टिस दिनेश शर्मा की बेंच की तरफ जारी किया गया है। मामले की अगली सुनवाई 2 फरवरी, 2023 को होगी।
पटियाला हाउस कोर्ट ने 4 नवंबर को लीना मारिया पॉल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। 4 दिसंबर 2021 को पटियाला हाउस कोर्ट ने सुकेश चंद्रशेखर और अभिनेत्री लीना मारिया समेत आठ आरोपितों के खिलाफ दाखिल ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है। ईडी ने करीब सात हजार पन्नों का चार्जशीट दाखिल की है। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने लीना मारिया को 5 सितंबर को गिरफ्तार किया था। इस मामले में कोर्ट ने सुकेश चंद्रशेखर को 4 सितंबर को गिरफ्तार किया था।
कोर्ट ने 15 नवंबर को इस मामले की आरोपित और फिल्म एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडीज को जमानत दी थी। 31 अगस्त को कोर्ट ने जैकलीन फर्नाडीज के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। 17 अगस्त को ईडी ने पूरक चार्जशीट दाखिल की थी।
नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लांड्रिंग मामले में जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 17 नवंबर को सत्येंद्र जैन समेत तीन आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।कोर्ट ने सत्येंद्र जैन के अलावा इस मामले के आरोपियों वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका भी खारिज करने का आदेश दिया था। सत्येंद्र जैन ने ट्रायल कोर्ट से जमानत न दिए जाने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
सुनवाई के दौरान जैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने कहा था कि ईडी मनी लांड्रिंग कानून की मनमानी व्याख्या कर रहा है। उन्होंने कहा था कि पैसा अंकुश जैन, वैभव जैन और दूसरे आरोपितों का है जो कि एंट्री से साफ है। यह टैक्स उल्लंघन का मामला हो सकता है लेकिन मनी लांड्रिंग का नहीं। उन्होंने कहा कि यह सत्येंद्र जैन का पैसा कैसे हो सकता है। ईडी ने उन्हें केवल इसलिए गिरफ्तार किया है कि वे दिल्ली सरकार में मंत्री हैं। हरिहरन ने कहा था कि जैन के खिलाफ कोई आरोप नहीं है, इसलिए सत्येंद्र जैन को हिरासत में रखना पूरे तरीके से न्याय के खिलाफ होगा।
ईडी ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि जैन ने हवाला ऑपरेटर को 40-50 बार नकदी उपलब्ध कराई। ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा था कि जैन लगातार गलत जानकारी दे रहे थे जो भारतीय दंड संहिता के मुताबिक अपराध है। राजू ने कहा था कि ये मामला एक करोड़ रुपये से अधिक की मनी लांड्रिंग का है।
मुंबई । शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी सरकार के समय हुए बहुचर्चित वसूली मामले में मंगलवार को बाॅम्बे हाई कोर्ट ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की जमानत याचिका पर सुनवाई 2 दिसंबर तक टाल दी है।
हाई कोर्ट के जज एमएस कार्णिक की एकल पीठ ने सेंट्रल इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (सीबीआई) के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह के अस्वस्थ होने के वजह से इस मामले की सुनवाई मंगलवार को सुनवाई नहीं की। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 2 दिसंबर तय की है।
जानकारी के अनुसार अनिल देशमुख (73) ने विशेष कोर्ट में जमानत याचिका खारिज होने के बाद पिछले महीने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने अपनी याचिका में चिकित्सा कारणों से जमानत देने की मांग की है। अनिल देशमुख के वरिष्ठ वकील विक्रम चौधरी ने मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि देशमुख पिछले साल नवंबर से जेल में हैं। इसलिए याचिका पर सुनवाई की जानी चाहिए, लेकिन जज एमएस कार्णिक ने कहा कि वह इस मामले में दोनों पक्षों की विस्तृत जिरह सुनेंगे, इसके बाद ही मामले पर फैसला सुनाएंगे। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 2 दिसंबर करने के निर्देश दिए।
दरअसल, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल परब पर सौ करोड़ रुपये प्रतिमाह रंगदारी वसूलने का टारगेट देने का आरोप लगाया था। इस मामले में सीबीआई ने मामला दर्ज किया था और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मामले की मनी लॉड्रिंग के तहत जांच करने का निर्देश दिया था। ईडी ने अनिल देशमुख के खिलाफ मनी लॉड्रिंग एंगल से भी मामला दर्ज किया था और देशमुख को गिरफ्तार किया था। हालांकि ईडी के मामले में अनिल देशमुख को जमानत मिल गई है, लेकिन अभी तक उन्हें सीबीआई के मामले में जमानत नहीं मिली है। अनिल देशमुख फिलहाल न्यायिक कस्टडी में हैं और उन्हें मुंबई के आर्थररोड जेल में रखा गया है।
जोधपुर, । नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीडऩ मामले में मरते दम तक आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम के जेल से बाहर आने की उम्मीदों को जोरदार झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल उसे जमानत देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आसाराम के खिलाफ गुजरात में दुष्कर्म के एक मामले की ट्रायल चल रही है। ऐसे में जमानत नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट अब इस याचिका पर जनवरी में फिर से सुनवाई करेगा।
जोधपुर जेल में बंद आसाराम की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर बढ़ती उम्र के साथ कई बीमारियों का इलाज कराने के लिए जमानत देने का आग्रह किया था। उसकी कुछ बीमारियों का इलाज जेल में रहते हुए संभव नहीं है। साथ ही कहा गया कि आसाराम से जुड़े मामले की ट्रायल बहुत लंबी हो रही है। इसके शीघ्र पूरी होने के आसार भी नजर नहीं आ रहे है। वहीं आसाराम को जमानत प्रदान किए जाने का विरोध करते हुए सरकारी वकील की तरफ से कहा गया कि आसाराम को किसी प्रकार की गंभीर बीमारी नहीं है। उसके खिलाफ ट्रायल भी जारी है। ऐसे में जमानत प्रदान किया जाना उचित नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील से सहमति जताते हुए फिलहाल जमानत नहीं देने का फैसला किया और मामले की अगली सुनवाई जनवरी में करने का तय किया।
यह है मामला
आसाराम आसाराम के गुरुकुल में पढऩे वाली एक नाबालिग छात्रा ने आरोप लगाया कि पंद्रह अगस्त 2013 को आसाराम ने जोधपुर के निकट मणाई गांव में स्थित एक फार्म हाउस में उसका यौन उत्पीडऩ किया। बीस अगस्त 2013 को उसने दिल्ली के कमला नगर पुलिस ताने में आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज कराया। जोधपुर का मामला होने के कारण दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने के लिए उसे जोधपुर भेजा। जोधपुर पुलिस ने आसाराम के खिलाफ नाबालिग का यौन उत्पीडऩ करने का मामला दर्ज किया। जोधपुर पुलिस 31 अगस्त 2013 को इन्दौर से आसाराम को गिरफ्तार कर जोधपुर ले आई। उसके बाद से आसाराम लगातार जोधपुर जेल में ही बंद है। 25 अप्रैल 2018 को ट्रायल कोर्ट ने आसाराम को मरते दम तक जेल में रहने की सजा सुनाई। इस दौरान उनकी तरफ से उच्चतम व उच्च न्यायालय सहित जिला न्यायालय में 15 से अधिक बार जमानत हासिल करने के प्रयास किए गए। उनकी तरफ से राम जेठमलानी, सुब्रहमण्यम स्वामी, सलमान खुर्शीद सहित देश के कई जाने माने विधिवेत्ता पैरवी कर चुके है। इसके बावजूद किसी कोर्ट ने उसे जमानत प्रदान नहीं की।
सुप्रीम कोर्ट की प्रत्येक बैंच रोजाना 10 ट्रांसफर याचिकाओं और 10 जमानत मामलों की सुनवाई करेगी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में लंबित केस ट्रांसफर की अर्जियों और जमानत याचिकाओं के जल्द निपटारे के लिए हर बेंच अब हर दिन 10 ट्रांसफर याचिकाएं और 10 जमानत याचिकाओं का निपटारा करेगी। चीफ जस्टिस जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सभी जजों की मीटिंग में सर्वसम्मति से ये फैसला किया गया है।
आज मेंशनिंग के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में लगभग 13 हजार ट्रांसफर याचिकाएं लंबित पड़ी हुई हैं। इसको देखते हुए फैसला किया गया है कि हर बेंच प्रतिदिन 10 मामलों पर सुनवाई करेगी, ताकि ट्रांसफर याचिकाओं के बोझ को कम किया जा सके। इसके अलावा हर बेंच दस जमानत याचिकाओं की रोजाना सुनवाई करेगी।