नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अदानी-हिंडनबर्ग विवाद की जांच के लिए एसआईटी या विशेषज्ञों का समूह बनाने से इनकार कर दिया और कहा कि मीडिया और तीसरे पक्ष की रिपोर्ट निर्णायक सबूत नहीं हैं।अडानी ग्रुप के चेयरपर्सन गौतम अडानी ने ट्वीट करते हुए लिखा: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे। भारत की विकास गाथा में हमारा विनम्र योगदान जारी रहेगा।
सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा,“सेबी को अपनी जांच को कानून के अनुसार तार्किक निष्कर्ष तक ले जाना चाहिए। इस मामले के तथ्य सेबी से जांच के हस्तांतरण की गारंटी नहीं देते हैं।”
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इस दलील पर ध्यान देते हुए कि अडानी समूह की कंपनियों के खिलाफ आरोपों से संबंधित 24 में से 22 जांच को पहले ही अंतिम रूप दिया जा चुका है, पीठ ने, जिसमें न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे, बाजार नियामक से लंबित जांच तीन महीने की अवधि के भीतर पूरी करने को कहा।
शीर्ष अदालत ने कहा कि संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) और हिंडनबर्ग रिसर्च जैसे तीसरे पक्ष के संगठनों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को “निर्णायक सबूत” नहीं माना जा सकता है।
इसमें कहा गया हैख् “अदालत द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति के सदस्यों के खिलाफ हितों के टकराव के आरोप निराधार हैं और खारिज किए जाते हैं।”
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.एम.सप्रे की अध्यक्षता वाले विशेषज्ञ पैनल द्वारा दिए गए सुझावों पर रचनात्मक रूप से विचार करने को कहा।
इसमें कहा गया है, “भारत सरकार और सेबी निवेशकों की सुरक्षा के लिए नियामक ढांचे को मजबूत करने और प्रतिभूति बाजार के व्यवस्थित कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगे।”
शीर्ष अदालत ने सेबी और केंद्र सरकार की अन्य जांच एजेंसियों से शॉर्ट सेलिंग के आरोपों की जांच करने को कहा, जिसके परिणामस्वरूप निवेशकों के मूल्य का नुकसान हुआ।
Adani
दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा के खिलाफ शुक्रवार को एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर प्रस्ताव पास हो गया। इसके बाद उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर उन्हें निष्कासित कर दिया गया।
इससे पहले एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने रखा। जिस पर लोकसभा में बहस हुई। बाद में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर स्पीकर ओम बिड़ला ने महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता को रद्द करते हुए उन्हें निष्कासित करने का फैसला सुनाया।
स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि महुआ मोइत्रा का लोकसभा सदस्य रहना उचित नहीं है। उनका आचरण अनैतिक है। महुआ मोइत्रा पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में भाजपा सांसद के आरोपों के आधार पर घिर गई थीं। इसी के बाद इस मामले में उन पर यह कार्रवाई हुई है।
विपक्षी सांसदों ने प्रदर्शन किया
अपने खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई से खफा महुआ मोइत्रा ने सदन के बाहर मीडिया से कहा कि इस मामले में बिजनेसमैन को क्यों नहीं बुलाया गया। ये सब मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए किया गया है। एथिक्स कमेटी ने इस मामले में गहन जांच नहीं की। मामले को लेकर विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद भवन में प्रदर्शन भी किया।
अहमदाबाद। अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में 19 नवंबर को आईसीसी मेंस क्रिकेट वर्ल्ड कप का फाइनल मैच देखने के लिए देश-विदेश से वीवीआईपी समेत सेलिब्रिटी पहुंचेंगे। भारत और आस्ट्रेलिया के बीच होने वाले इस मुकाबले को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आने की संभावना है। ऐसी परिस्थिति में करीब 100 चार्टर प्लेन अहमदाबाद और आसपास के हवाईअड्डों पर उतरेंगे।
अहमदाबाद हवाई अड्डे पर 30 से 40 चार्टर प्लेन के पार्क करने की व्यवस्था है। अहमदाबाद के आसपास के हवाई अड्डों पर भी इन चार्टर प्लेन को उतारा जा सकता है। प्रशासन इसकी तैयारी में अभी से जुटा है। 19 नवंबर को मैच देखने आने वाले वीवीआईपी और सेलिब्रिटी के चार्टन प्लेन को सूरत, राजकोट और वडोदरा में पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी।
हालांकि, आमतौर पर चार्टर प्लेन वीवीआईपी को अहमदाबाद हवाई अड्डे पर उतारकर लौट जाते हैं। सूत्रों के अनुसार अहमदाबाद में होने वाले वर्ल्ड कप के फाइनल मैच को देखने के लिए देश के प्रख्यात उद्योगपति मुकेश अंबाणी, लक्ष्मी मित्तल, गौतम अदाणी, जिंदल ग्रुप समेत बॉलीवुड के स्टार पहुंचेंगे। अहमदाबाद के जीए टर्मिनल पर वीवीआईपी के लिए विशेष लाउंज बनाया गया है। इसके अलावा इनके होटल और स्टेडियम पहुंचाने की भी व्यवस्था की गई है।
नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने संसद की आचार समिति के समक्ष 31 अक्टूबर को पेश होने में असमर्थता दर्शाई है। उन्होंने व्यवस्तथाओं का हवाला देते हुए कहा है कि वे 5 नवंबर के बाद किसी भी तारीख को समिति के समक्ष पेश हो सकती हैं।
महुआ ने आचार समिति की ओर से भेजे गए समन के जवाब में पत्र लिखा है, जिसे उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल से भी साझा किया है। महुआ का कहना है कि आचार समिति को न्याय की दृष्टि से पहले सांसद निशिकांत दुबे और वकील की शिकायत पर उन्हें सुनना चाहिए था।
सांसद ने पेश होने में असमर्थता की बात कहते हुए पत्र में इस बात का जिक्र किया है कि सांसद रमेश बिधूड़ी भी चुनावी व्यवस्थताओं का हवाला देते हुए समिति के समक्ष पेश नहीं हो रहे हैं। ऐसे में उन्हें भी समय दिया जाना चाहिए। उनके यहां दुर्गा पूजा एक बड़ा त्योहार है। वे अपने क्षेत्र में इसके चलते व्यस्त है। वे इस दौरान दिल्ली में भी नहीं है।
तृणमूल नेता ने समिति के अध्यक्ष के मीडिया को दिए बयान पर सवाल उठाया है और कहा है कि उन्हें आधिकारिक जानकारी देने से पहले मीडिया में बयान दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी शिकायतें और स्वत: संज्ञान संबंधी हलफनामे भी मीडिया को जारी किए गए।
महुआ मोइत्रा ने मांग की कि हीरानंदानी को भी समिति के समक्ष पेश होना चाहिए। साथ ही उन्हें बिजनेसमैन को क्रास एक्जामिन करने का भी अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने उनके खिलाफ समिति को भेजे पत्र में और टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में गंभीर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों में तथ्य नहीं है। उन्होंने उपहार लिये हैं तो उसका ब्यौरा भी होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ दुर्भावना से प्रेरित कैंपन चलाया जा रहा है। ऐसे में उन्हें अपने आपका बचाव करने का पर्याप्त अवसर मिलना चाहिए। वे विपक्ष की नेता के नाते कार्पोरेट स्कैम और राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर मुखर होकर अपनी बात रखती हैं।
लोकसभा की आचार समिति की गुरुवार को बैठक हुई। बैठक में तृणमूल कांग्रेस महुआ मोइत्रा को 31 अक्टूबर को ‘पैसे के बदले प्रश्न’ मामले में उसके समक्ष प्रस्तुत होने के लिए कहा गया है। समिति ने गृह मंत्रालय और आईटी मंत्रालय से जांच में सहयोग मांगा है।
समिति ने कल मामले में वकील जय अनंत देहाद्राई और भाजपा नेता निशिकांत दुबे के बयान दर्ज किए। सूत्रों के मुताबिक संसद की आचार समिति इस बात से सहमत है कि तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं और समिति उन पर गंभीरता से विचार करेगी।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र भेजा
भारतीय जनता पार्टी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर प्रश्न पूछने का आरोप लगाया था। उन्होंने इन आरोपों पर जांच समिति से जांच कराने की मांग की थी। दुबे के आरोप पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मामले को संसद की आचार समिति को भेज दिया।
निशिकांत दुबे का आरोप था कि लोकसभा सदस्य महुआ ने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से प्रश्न पूछे जाने के एवज में रिश्वत और उपहार लिये हैं। इन आरोपों का बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी ने भी स्वीकार किया है।
कोलकाता । तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। उनके खिलाफ अदानी समूह के प्रतिद्वंद्वी कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से करोड़ों रुपये घूस लेकर संसद में सवाल पूछने के गंभीर आरोपों की जांच तो पहले से ही चल रही है। अब पता चला है कि उन्होंने अपनी पार्लियामेंट्री आईडी (नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर-एनआईसी पर बनाई जाती है) भी दूसरों से शेयर की। यहां तक कि जब महुआ मोइत्रा भारत में थीं, तब उनकी पार्लियामेंट्री आईडी दुबई में लॉगिन की गई थी।
उल्लेखनीय है कि इस आईडी की वेबसाइट का संबंध पूरे देश की संसदीय व्यवस्था से है, जिस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर देश के सभी मंत्रियों और सांसदों की महत्वपूर्ण खुफिया जानकारियां अपलोड की जाती हैं। झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इस संबंध में एक बार फिर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। उन्होंने दावा किया कि नेशनल इंफोर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) ने इसकी जानकारी जांच एजेंसियों को दे दी है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर निशिकांत दुबे ने लिखा, ‘एक सांसद ने चंद पैसों के लिए देश की सुरक्षा को दांव पर लगा दिया। जब सांसद की आईडी को दुबई में खोला गया तो उस वक्त सांसद भारत में ही थीं। इस एनआईसी पर पूरी भारत सरकार है, देश के प्रधानमंत्री, वित्त विभाग, केंद्रीय एजेंसी हैं। क्या अब भी टीएमसी (तृणमूल) और विपक्षियों को राजनीति करनी है। जनता इसका फैसला करेगी। एनआईसी ने इसकी जानकारी जांच एजेंसी को दे दी है।’
हीरानंदानी ने स्वीकार किया है आरोप
वहीं, मामले के सामने आने के बाद एथिक्स कमेटी को दिए गए हलफनामे में हीरानंदानी ने इस बात को स्वीकार किया है कि उन्होंने मोइत्रा की पार्लियामेंट्री लॉगिन आईडी का इस्तेमाल किया है। इसके जरिए उन्होंने अदानी ग्रुप को लेकर सवाल भी अपलोड किया। उन्होंने मामले में सरकारी गवाह बनने की भी इच्छा जताई है, जिसकी वजह से महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।
सांसद निशिकांत दुबे ने दर्ज कराई है शिकायत
उल्लेखनीय है कि निशिकांत दुबे पहले ही महुआ मोइत्रा पर आरोप लगा चुके हैं कि वह लोकसभा में बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी की ओर से सवाल पूछने के लिए उनसे पैसे लेती हैं। उनका कहना है कि महुआ जानबूझकर पैसे के बदले अदानी ग्रुप के खिलाफ संसद में सवाल पूछती हैं और उससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को जोड़ती रही हैं। लोकसभा की एथिक्स कमेटी भाजपा सांसद की शिकायत को देख रही है। कमेटी ने निशिकांत दुबे को मौखिक तौर पर अपना बयान रिकॉर्ड करने के लिए आगामी 26 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा है।
निशिकांत दुबे ने इस बाबत शिकायत दर्ज करा कर महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म करने की मांग की है।
तृणमूल की चुप्पी
खास बात यह है कि महुआ मोइत्रा की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इस मामले पर चुप्पी साथ रखी है और अभी तक कोई भी रुख स्पष्ट नहीं किया है।
अहमदाबाद। अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (एईएसएल) ने महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 1,756 सर्किट किलोमीटर तक फैले वरोरा-कुरनूल ट्रांसमिशन (डब्ल्यूकेटीएल) को पूरी तरह से चालू कर दिया है। यह परियोजना पश्चिमी क्षेत्र और दक्षिणी क्षेत्र के बीच 4500 मेगावाट की बिना रुकावट बिजली सुनिश्चित करने के लिए नेशनल ग्रिड को मजबूती प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त यह दक्षिणी क्षेत्र ग्रिड को मजबूत करने और रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों से होने वाले उत्पादन काे बड़े पैमाने पर इंटीग्रेट करेगा।
वरोरा कुरनूल ट्रांसमिशन लिमिटेड (डब्ल्यूकेटीएल) का गठन अप्रैल 2015 में किया गया था ताकि दक्षिणी क्षेत्र में आयात के लिए एक अतिरिक्त इंटर-रीजनल अल्टरनेट करंट लिंक स्थापित किया जा सके, यानी वरोरा-वारंगल और चिलकलूरिपेटा-हैदराबाद-कुरनूल, साथ ही वारंगल में 765/400 केवी उपस्थिति के साथ एक सब-स्टेशन स्थापित किया जा सके। डब्ल्यूकेटीएल एक सिंगल स्कीम के तहत अब तक प्रदान की गई सबसे बड़ी 765 केवी डी/सी (हेक्सा कंडक्टर) टीबीसीबी (टैरिफ-आधारित प्रतिस्पर्धी बोली) परियोजना है। इसमें महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के क्षेत्र को पार करने वाली 1756 सीकेएम की ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण शामिल था, साथ ही वारंगल में 765 किलोवोल्ट के सब-स्टेशन की स्थापना ‘निर्माण, स्वामित्व, संचालन और मेंटिनेंस’ के आधार पर किया गया था। इसे 2016 की शुरुआत में एसेल इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड को टैरिफ-आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) पर दिया गया था लेकिन बाद में कर्ज संबधी परेशानियों को देखते हुए इसे मार्च 2021 में एईएसएल द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया था।
इस परियोजना के बड़े आकार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि टावरों को खड़ा करने में कुल 1,03,000 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है। यह 10 एफिल टावर खड़ा करने के लिए आवश्यक मटेरियल के बराबर है। इन ट्रांसमिशन लाइनों के लिए कुल 30,154 किमी कंडक्टर का उपयोग किया गया है, जो चंद्रमा के तीन चक्कर लगाने के बराबर है।
यह इंजीनियरिंग एक चमत्कार है, जिसमें पाइल फाउंडेशन के साथ 102 मीटर ऊंचे दो मिड-स्ट्रीम टावर्स पहली बार कृष्णा नदी पर स्थापित किए गए थे। इसके लिए प्लानिंग बहुत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि साल के दौरान सिर्फ तीन महीने ही काम करने का समय था, जब नदी में जल स्तर कम रहता है। अन्य चुनौतियों में टावरों का निर्माण और 116 प्रमुख बिजली लाइनों, रेलवे-विद्युतीकृत पटरियों और राष्ट्रीय राजमार्गों को पार करने वाली लाइनों की स्ट्रिंग भी शामिल थी।
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ‘आप’ सांसद संजय सिंह के घर पर बुधवार को ईडी द्वारा छापेमारी किए जाने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि संजय सिंह के घर पर ईडी की छापेमारी एक हारते हुए आदमी की आखिरी कोशिश है। ये लोग 2024 का लोकसभा चुनाव हार रहे हैं। इसलिए मंगलवार को पत्रकारों के यहां छापेमारी की और आज संजय सिंह के ऊपर हो रही है। चुनाव तक अभी और कई लोगों पर छापेमारी होगी।
उन्होंने कहा कि इस तथाकथित घोटाले में अब तक एक भी पैसा इनको नहीं मिला है, जबकि एक हजार से ज्यादा रेड हो चुकी हैं और कई लोगों को गिरफ्तार भी कर चुके हैं। ऐसे ही संजय सिंह के घर से भी कुछ नहीं मिलेगा। केजरीवाल ने कहा कि पिछले एक साल से हम लोग देख रहे हैं कि इन्होंने तथाकथित शराब घोटाला शोर कर रखा है। अभी तक एक हजार से अधिक जगहों पर छापेमारी हो चुकी है और कई लोगों को गिरफ्तार कर चुके हैं, लेकिन इनको एक भी रुपये नहीं मिला है। कहीं कोई रिकवरी नहीं हुई है। हमारे खिलाफ ये बहुत सारे आरोप लगा चुके हैं। कभी कहते हैं कि क्लासरूम घोटाला हो गया है, कभी बसों की खरीद में घोटाला होने की बात कहते हैं, तो कभी कहते हैं कि सड़क, बिजली और पानी में घोटाला हो गया है। हर चीज में इन्होंने जांच करा ली है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट से मनीष सिसोदिया की जमानत मिलने की संभावना पर केजरीवाल ने कहा कि मनीष सिसोदिया के साथ करोड़ों लोगों की दुआएं हैं। करोड़ों बच्चों और करोड़ों अभिभावक की दुआएं हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से न्याय होगा।
उधर, ‘‘आप’’ सांसद संजय सिंह के आवास पर ईडी की छापेमारी पर दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पिछले 15 महिनों से ईडी-सीबीआई की जांच, छापेमारी चल रही है। मेरे ख्याल से पूरे देश भर में एक हजार से अधिक छापेमारी हो चुकी है। कई लोगों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन आज तक एक चवन्नी नहीं मिली। यह इस बात का संकेत दे रहा है कि भाजपा अगला चुनाव हार रहे हैं। सारी रिपोर्ट इसका संकेत दे रही हैं।
उन्होंने कहा कि हार की बौखलाहट है, जिसके चलते आज संजय सिंह के यहां छापेमारी हो रही है। तीन अक्टूबर को जिस तरह से पत्रकारों पर हुआ, वह भी इसी का संकेत दे रहा है कि किसी तरह से जो भी सत्ता के खिलाफ आवाज है, उसको डरा-धमका कर छापे मारकर चुप करा दिया जाए। उन्हें लगता है कि यह राजनीति लोकतंत्र के खिलाफ है। भाजपा को जनता पर भरोसा होना चाहिए। एजेंसियों का दुरुपयोग कर लोगों की आवाज बंद कर आप चुनाव जीत जाएंगे, ऐसा इतिहास कभी नहीं बताता।
वहीं, दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री आतिशी का कहना है कि पिछले 15 महीने से तथाकथित आबकारी घोटाले में सीबीआई-ईडी जांच कर रही है। इन्होंने ईडी-सीबीआई के सैकड़ों अफसर लगा दिए, कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया, उनको टॉर्चर किया, लेकिन अभी तक एक रुपये का भ्रष्टाचार केंद्र सरकार और उनकी सारी एजेंसियां साबित नहीं कर पाई हैं और उसका सबूत नहीं दे पाई हैं। यह ये दिखाता है कि भाजपा को आम आदमी पार्टी से डर लगता है।
इसी कड़ी में दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक ऐसा काल्पनिक घोटाला है, जिसकी पिछले 15 महीने से छानबीन चल रही है। वहीं ईडी की चार्जशीट में नाम को लेकर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने पहले भी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम डाला था। फिर बोले कि गलती से नाम डाल दिया। इस पर संजय सिंह ने मानहानि का नोटिस भी दिया था। ये किसी भी आरोपी को कह दें कि तुम्हारी सजा माफ कर दें तो वो गवाह बन जाएगा। जेल के अंदर लोगों को टॉर्चर किया जा रहा है, मारपीट की जा रही है। झूठे बयान देने के लिए डराया, धमकाया और मारापीटा जा रहा है। ये सारी बातें कोर्ट के सामने भी आ चुकी हैं।
इस बीच ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ का कहना है कि तथाकथित आबकारी मामले की जांच करते हुए 15 महीने हो चुके हैं। पिछले बार जब ईडी ने संजय सिंह का नाम लिया था, तो बाद में उसको लिखित माफी मांगनी पड़ी थी।
नई दिल्ली। सत्रहवीं लोकसभा के ग्यारहवें सत्र का गुरुवार को अंतिम दिन था। 31 जनवरी से शुरू हुआ संसद का बजट सत्र दो भागों में था। इस दौरान 25 बैठकें हुईं और लगभग 46 घंटे कामकाज हुआ। इस सत्र के दौरान आठ सरकारी विधेयक पुर:स्थापित किए गए तथा छह विधेयक पारित किए गए।
बजट सत्र का दूसरा भाग विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच गतिरोध के चलते बाधित रहा। विपक्ष जहां अडानी-हिंडनबर्ग मामले में जेपीसी की मांग करता रहा तो वहीं सत्ता पक्ष राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान पर उनसे माफी मांगता रहा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बजट सत्र के दूसरे भाग के अंतिम दिन गुरुवार को बताया कि इस सत्र के दौरान 25 बैठकें की गईं और लगभग 45 घंटे 55 मिनट तक कार्यवाही चली। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने 31 जनवरी को एक साथ समवेत दोनों सभाओं के सदस्यों के समक्ष अभिभाषण प्रस्तुत किया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 13 घंटे 44 मिनट तक चली और इस चर्चा में 143 सदस्यों ने भाग लिया। चर्चा के अंत में प्रधानमंत्री ने वाद-विवाद का उत्तर दिया। सभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव को स्वीकार किया।
उन्होंने बताया कि इस सत्र में वित्त मंत्री द्वारा एक फरवरी को केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया गया। केंद्रीय बजट 2023-24 पर सामान्य चर्चा 14 घंटे 45 मिनट तक चली। वाद-विवाद में 145 सदस्यों ने भाग लिया और वित्त मंत्री ने चर्चा का उत्तर दिया। केंद्र सरकार के मंत्रालयों एवं विभागों की वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुदान मांगों को सभा द्वारा 23 मार्च को स्वीकृत किया गया तथा संबंधित विनियोग विधेयक को पारित किया गया। उसके उपरांत सभा द्वारा वित्त विधेयक पारित किया गया।
सत्र के दौरान 29 तारांकित प्रश्नों का मौखिक उत्तर दिया गया। प्रश्नकाल के बाद लोक महत्व के कुल 133 मामले उठाए गए तथा नियम 377 के अधीन कुल 436 मामले लिए गए। लोकसभा की विभागों से संबद्ध स्थायी समितियों ने 62 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। सत्र में निदेश 73ए के अधीन 14 और संसदीय कार्य मंत्री द्वारा संसदीय कामकाज के संबंध में दिये गये तीन वक्तव्य सहित 23 वक्तव्य दिए गए। सत्र के दौरान 2799 पत्र सभा पटल पर रखे गए।
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने पूछा है कि अडानी की शेल कंपनियों में लगे 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के मद्देजनर कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में चल रही है। बैठक में शामिल होने पहुंचे राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अडानी की शेल कम्पनियों में 20 हजार करोड़ बेनामी हैं। आखिर यह पैसा किसका है। उन्होंने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि मीडिया उनसे हमेशा भाजपा के पूछे गए सवालों को पूछता है।
इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक कर्नाटक चुनाव में बचे हुए उम्मीदवारों के चयन के लिए आयोजित की गई है। इसमें कुशल उम्मीदवारों का चयन किया जाएगी।
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पूरा विपक्ष एकजुट होकर एक ही मांग कर रहा है कि अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाए।
खड़गे ने बुधवार को कहा कि आज जेपीसी की मांग को लेकर उन्होंने विपक्षी सांसदों के साथ बैठक की इस दौरान सभी सांसदों ने जेपीसी के गठन को लेकर एकजुटा दिखाई है।
खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार जानबूझकर विपक्ष को परेशान कर रही है। कर्नाटक में आए दिन घोटाले हो रहे हैं। यह बात सभी जानते हैं कि योजनाओं की 40 फीसदी रकम भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ रही है। ये मामले उजागर होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे पता चलता है कि जांच एजेंसियां कैसे काम कर रही हैं।