नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि वो दिल्ली में वायु प्रदूषण पर आंख मूंदे नहीं रह सकता है। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि दिल्ली की हवा गंभीर से लेकर काफी खराब श्रेणी के बीच झूलती रहती है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जहां तक आज की बात है तो हवा में बहाव की वजह से इसकी गुणवत्ता में कुछ सुधार हुआ है। आज भी हवा काफी खराब श्रेणी में है। पिछले कुछ हफ्तों से दिल्ली की हवा गंभीर से लेकर काफी खराब श्रेणी के बीच है। हम इस पर आंखें मूंदे नहीं रह सकते हैं। दरअसल सुनवाई के दौरान कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट इन नेशनल कैपिटल रीजन एंड एडज्वायनिंग एरियाज की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि उसने दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड प्लान तैयार किया है। इस साल भी इस प्लान को अमल में लाया गया है।
इसके पहले इस मामले में एमिकस क्युरी कैलाश वासुदेव ने कोर्ट को बताया कि किस तरह शहर में जंगलों को हटाया गया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली के कई इलाके जो जंगल होते थे अब वे अनाधिकृत कालोनियों में तब्दील हो चुके हैं। इससे निपटने का केवल एक ही उपाय है कि इन अनधिकृत कालोनियों पर लगाम लगाया जाए। तब कोर्ट ने कहा कि ये सब कुछ रातों-रात तो तैयार नहीं हुए होंगे। इसके जिम्मेदार लोगों को तो इसका जानकारी होनी चाहिए। कोर्ट ने कैलाश वासुदेव को निर्देश दिया कि वो दिल्ली में वनों को हटाने के मसले पर अपने सुझाव दें। इस मामले पर अगली सुनवाई 1 फरवरी 2023 को होगी।