नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने बिल्किस बानो गैंगरेप मामले के 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वाली नई याचिका को मुख्य मामले के साथ जोड़ दिया है। नई याचिका नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमन ने दाखिल की है। याचिका में गुजरात सरकार के दोषियों की रिहाई के आदेश को तत्काल रद्द करने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 29 नवंबर को सुनवाई करेगा।
गुजरात सरकार ने 17 अक्टूबर को हलफनामा दाखिल करके कहा था कि बिल्किस बानो गैंगरेप केस के दोषियों को उनकी सजा के 14 साल पूरे होने और जेल में उनके अच्छे व्यवहार की वजह से रिहा किया गया।गुजरात सरकार ने कहा है कि दोषियों की रिहाई का फैसला सुप्रीम कोर्ट के 9 जुलाई 1992 के दिशा-निर्देश के आधार पर किया गया है न कि आजादी के अमृत महोत्सव की वजह से। गुजरात सरकार ने कहा कि बिल्किस बानो के दोषियों की समय से पहले रिहाई का एसपी, सीबीआई, सीबीआई के स्पेशल जज ने विरोध किया था। दोषियों की रिहाई केंद्र सरकार की अनुमति के बाद की गई है।
बिल्किस बानो गैंगरेप केस के दोषियों ने 24 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करके कहा था कि गुजरात सरकार का उनकी रिहाई का फैसला कानूनी तौर पर ठीक है। आपराधिक केस में तीसरे पक्ष के दखल का कोई औचित्य नहीं बनता है। दोषियों के जवाब में कहा गया था कि उनकी रिहाई के खिलाफ न तो गुजरात सरकार ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और न ही पीड़ित ने। यहां तक कि इस मामले के शिकायतकर्ता ने भी कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाया है।
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