नई दिल्ली। भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें मुंबई की एक अदालत में माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने और उसकी संपत्ति जब्त करने की कार्यवाही को चुनौती दी गई थी।
सुनवाई के दौरान विजय माल्या के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल से उनका कोई संपर्क नहीं हो रहा है, ताकि वे कोई निर्देश ले सकें। उसके बाद कोर्ट ने माल्या की अर्जी खारिज कर दी।
विजय माल्या ने भारत में अपनी संपत्ति जब्त करने के लिए ईडी की ओर से शुरू की गई कार्रवाई के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। विजय माल्या का कहना था कि उसने बैंकों से कर्ज़ किंगफिशर एयरलाइंस के लिए लिया था लेकिन निजी संपत्ति भी जब्त की जा रही है। माल्या ने अपनी और अपने परिजनों की मालिकाना संपत्तियों की कुर्की पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।
माल्या का कहना था कि किंगफिशर एयरलाइंस की संपत्तियों के अलावा अन्य संपत्तियां कुर्क नहीं होनी चाहिए। 5 जनवरी 2019 को मुंबई के ट्रायल कोर्ट ने माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था। उसके बाद कोर्ट ने माल्या की संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू की थी।
ट्रायल कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ माल्या ने बांबे हाईकोर्ट में अपील की थी। बांबे हाईकोर्ट ने 11 जुलाई 2019 को ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। बांबे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ माल्या ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
vijay mallya
नई दिल्ली । कोर्ट की अवमानना के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या की याचिका खारिज कर दी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अनेक बार कोशिश करने के बावजूद याचिकाकर्ता ने वकील से संपर्क नहीं किया है, इसलिए उनकी याचिका खारिज की जा रही है।
मालूम हो कि , 3 नवंबर, 2022 को माल्या के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि माल्या से उनका कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। उन्होंने मामले से खुद को अलग करने की मांग की थी। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने माल्या के वकील को मामले से डिस्चार्ज होने की इजाजत दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई, 2022 को माल्या को चार महीने की कैद की सजा और दो हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने जुर्माने की रकम जमा नहीं करने पर दो महीने की अतिरिक्त कैद की सजा का आदेश दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में विदेश में ट्रांसफर किए गए 40 मिलियन डॉलर 4 हफ्ते में चुकाने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने 10 फरवरी, 2022 को कोर्ट ने विजय माल्या को अपना पक्ष रखने के लिए अंतिम मौका दिया था। इससे पहले 24 जनवरी, 2022 को कोर्ट ने कहा था कि दोषी का प्रत्यर्पण हो या नहीं, सज़ा पर फैसले के लिए और इंतज़ार नहीं होगा। दोषी अपने वकील के माध्यम से पक्ष रख सकता है।
कोर्ट ने कोर्ट की मदद करने के लिए वरिष्ठ वकील जयदीप गुप्ता को एमिकस नियुक्त किया था। सुनवाई के दौरान विदेश मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि माल्या के प्रत्यर्पण की कार्यवाही अंतिम चरण में है।अवमानना मामले में दोषी करार देने के फैसले के खिलाफ 31 अगस्त, 2020 को विजय माल्या की पुनर्विचार याचिका खारिज की गई थी। कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को विजय माल्या की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई, 2017 को डिएगो डील के 40 मिलियन डॉलर बच्चों के एकाउंट में ट्रांसफर करने और सम्पत्ति का ब्यौरा न देने के लिए दोषी माना था। विजय माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में इसी फैसले की समीक्षा की मांग करते हुए रिव्यू पिटीशन दायर की थी।