नई दिल्ली । पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में लोकसभा की सदस्यता रद्द किए जाने के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा की याचिका बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल की बेंच के समक्ष मेंशन की गई। महुआ की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जल्द सुनवाई की मांग की। जस्टिस कौल ने कोई भी आदेश देने से मना करते हुए कहा कि जल्द सुनवाई पर चीफ जस्टिस विचार करेंगे।
महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ एथिक्स कमेटी की सिफारिश और उसके बाद लोकसभा से प्रस्ताव पारित होने को गलत बताया है।
उल्लेखनीय है कि 8 दिसंबर को लोकसभा ने महुआ मोइत्रा की सदन की सदस्यता खत्म कर दी। संसद की एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा को पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप को सही मानते हुए लोकसभा की सदस्यता खत्म करने की अनुशंसा की थी। महुआ मोइत्रा पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था। मोइत्रा पर आरोप था कि उन्होंने एक कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर अडाणी के बारे में सवाल पूछे थे और अपना लॉग-इन पासवर्ड भी हीरानंदानी से साझा किया था।
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पश्चिम बंगाल : पंचायत चुनाव के लिए नामांकन का आज आखिरी दिन, सबसे अधिक तृणमूल उम्मीदवारों ने भरा पर्चा
कोलकाता । पश्चिम बंगाल में आगामी सात जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का आज गुरुवार को आखिरी दिन है। बुधवार रात तक दाखिल सूची के मुताबिक सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के सबसे अधिक उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है जबकि दूसरे स्थान पर भारतीय जनता पार्टी है। तीसरे स्थान पर माकपा और सबसे अंतिम पायदान पर कांग्रेस है। बुधवार रात तक कुल एक लाख 62 हजार 655 नामांकन जमा हुआ है।
पिछले शुक्रवार से नामांकन पत्र जमा करने की प्रक्रिया चल रही है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए आकलन के मुताबिक सत्ता पक्ष ने पांचवें दिन तक नामांकन दाखिल करने के मामले में बाकियों को काफी पीछे छोड़ दिया है।
पहले पांच दिनों के आंकड़े बताते हैं कि पंचायतों के तीन स्तरों (ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद) में नामांकन पत्रों के मामले में तृणमूल, भाजपा से तीन हजार 183 नामांकन से आगे है। ग्राम पंचायत, पंचायत समिति व जिला परिषद को मिलाकर अकेले सत्ता पक्ष ने 49 हजार 491 नामांकन दिया है। भाजपा पांचवें दिन कुल 46 हजार 308 नामांकन दाखिल कर चुकी है। सीपीएम तीसरे नंबर पर है। इन पांच दिनों में उन्होंने 38 हजार 39 नामांकन जमा किए। चौथे नंबर की कांग्रेस ने इन पांच दिनों में कुल 11 हजार 823 नामांकन ही जमा किए हैं।
हालांकि, बुधवार को जिला परिषद सीट के लिए तृणमूल ने कुल 418 नामांकन दाखिल किए हैं। वे भाजपा (759) और सीपीएम (727) से काफी पीछे हैं। भाजपा ने पंचायत समिति सीटों के लिए कुल 6786 नामांकन दाखिल किए। वहां भी सत्ता पक्ष (6058) पीछे है। हालांकि ग्राम पंचायत में तृणमूल ने सभी को पीछे छोड़ दिया। कुल 43 हजार 15 नामांकन दाखिल किए गए।
नामांकन के पहले चार दिनों में, तृणमूल तीसरे (9,328), उसके बाद सीपीएम (30,249) और भाजपा (37,565) थी।
उल्लेखनीय है कि राज्य में ग्राम पंचायतों की कुल संख्या 3317, पंचायत समिति 341 और जिला परिषद 20 है। कुल मतदाता 5 करोड़ 67 लाख 21 हजार 234 हैं।
पंचायत चुनाव के लिए नामांकन के साथ प. बंगाल में शुरू हुई हिंसा, कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या
कोलकाता । पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन के पहले दिन शुक्रवार को हिंसा शुरू हो गई। मुर्शिदाबाद के खरग्राम के रतनपुर नलदीप गांव में रात को कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई है। वारदात में चार लोग घायल भी हुए हैं। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कुछ लोगों पर हत्या करने का आरोप लगाया गया है।
ग्रामीणों के मुताबिक रतनपुर नलदीप गांव में शाम को कांग्रेस कार्यकर्ता फूलचंद शेख (42) अपने घर के सामने पुत्र को गोद में लेकर बैठे थे। पास में कई लोग ताश भी खेल रहे थे। आरोप है कि स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता रफीक के नेतृत्व में करीब 15 बदमाश पहुंचे और फूलचंद को घेर लिया और उसे नजदीक से छह बार गोली मारी। फूलचंद को बचाने आए कुछ लोगों को पीटा गया। मारपीट में चार लोग घायल हो गए। इसके बाद बेखौफ अपराधी भाग गए। लहूलुहान फूलचंद स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। देर रात हालत बिगड़ने पर कांदी अस्पताल शिफ्ट किया गया। यहां उसकी मौत हो गई।
बताया गया है कि पंचायत चुनाव हिंसा में जान गंवाने वाले कांग्रेस कार्यकर्ता प्रवासी मजदूर फूलचंद 10 दिन पहले ही गृह राज्य केरल से लौटे थे। उनकी मां मरीना बीबी का आरोप है कि तृणमूल के लोगों ने उनके बेटे की हत्या की है। उन्होंने कहा हम मर भी जाएंगे तब भी कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे।
कांदी के पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता सफीउल आलम खान ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस ने यह कायराना हरकत कांग्रेस कार्यकर्ताओं को डराने के लिए की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा है बंगाल में चुनाव के नाम पर तमाशा चल रहा है। अगर गोलियों से सत्ता हथियाने की ख्वाहिश थी तो बैलेट के नाटक की क्या जरूरत थी। इस हत्याकांड के दौरान घायल कांग्रेस कार्यकर्ता साहेबन शेख ने कहा है कि यह हमला राजनीतिक कारणों से हुआ है।
इस घटना पर जंगीपुर से तृणमूल के सांसद खलीलुर रहमान ने कहा है कि यह तो समय बताएगा कि कांग्रेस चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने की साजिश कर रही है या नहीं। पुलिस मामले की जांच कर इस घटना में शामिल लोगों को सजा देगी। उधर, शनिवार सुबह तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
नई दिल्ली । तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में अभिषेक बनर्जी के खिलाफ जांच के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट 24 अप्रैल को अभिषेक बनर्जी की याचिका पर सुनवाई करेगा।
अभिषेक का कहना है कि उनका इस कथित घोटाले से उसका कोई संबंध नहीं है। याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने उनके एक भाषण के आधार पर सीबीआई और ईडी को जांच का आदेश दे दिया। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अप्रैल को सीबीआई और ईडी को अभिषेक बनर्जी से पूछताछ की इजाजत दी थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर ईडी और सीबीआई को जरुरत पड़ी तो इस मामले में गिरफ्तारी आरोपी कुंतल घोष से भी पूछताछ कर सकती है।
कुंतल ने पश्चिम बंगाल पुलिस को पत्र भेजकर आरोप लगाया था कि केंद्रीय जांच एजेंसियां उस पर अभिषेक बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के दूसरे बड़े नेताओं के नाम घोटाले से जोड़ने का दबाव बना रही हैं। कुंतल ने कोलकाता के एक स्पेशल कोर्ट के जज को भी इसी तरह का पत्र भेजा था।