नई दिल्ली . बिहार में जारी सियासी उठापठक के बीच शनिवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर पहुंचे। इस दौरान लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने भी दोनों नेताओं से यहीं पर मुलाकात की।
मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने अपनी पार्टी की ओर से चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि आज बिहार में क्या हो रहा है, ये जानना जरूरी था। इसी मुद्दे पर उन्होंने आज अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ बैठक की है। उन्होंने बिहार को लेकर अपनी चिंताएं उनके सामने रखी हैं। कई मुद्दों पर आश्वासन मिला है। गठबंधन को लेकर स्थिति काफी सकारात्मक है। आने वाले दिनों में स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी। उसके बाद हमारी पार्टी कोई स्टैंड लेगी। हम आज एनडीए का हिस्सा हैं।
उल्लेखनीय है कि ऐसी खबरें आ रही हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर पाला पलटकर भाजपा के साथ आ सकते हैं। वर्तमान में वे राजद के साथ राज्य में सरकार चला रहे हैं। चिराग की पार्टी ने पिछले चुनावों में नीतीश की पार्टी जनता दल (यू) के खिलाफ मोर्चा खोला था और विरोध में चुनाव लड़ा था।
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जमीन के बदले नौकरी मामला : तेजस्वी यादव को दिल्ली हाई कोर्ट में बड़ी राहत, गिरफ्तार नहीं करेगी सीबीआई
नई दिल्ली । बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को लैंड फॉर जॉब मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में बड़ी राहत मिली है। सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट को आश्वस्त किया कि वह तेजस्वी को इस महीने गिरफ्तार नहीं करेगी। इसके बाद जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की बेंच ने तेजस्वी यादव को बिना डरे 25 मार्च को सीबीआई के सामने पेश होने का निर्देश दिया।
तेजस्वी के वकील ने कहा कि बजट सत्र चल रहा है, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश हो सकते हैं। हाई कोर्ट ने तेजस्वी यादव को सीबीआई द्वारा जारी समन को रद्द करने की मांग को ठुकरा दिया। सीबीआई ने कहा कि दिल्ली में बाकी आरोपितों के सामने तेजस्वी यादव को बैठाकर पूछताछ करनी है।
तेजस्वी यादव ने सीबीआई के समन को निरस्त करने की मांग की है। तेजस्वी की याचिका में कहा गया है कि इस मामले में प्राथमिक तौर पर आरोप उनके पिता लालू प्रसाद यादव और दूसरे अधिकारियों के खिलाफ है। जब का ये मामला है, उस समय वे नाबालिग थे।
उल्लेखनीय है कि 15 मार्च को दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनकी बेटी आरजेडी सांसद मीसा भारती को जमानत दी थी। कोर्ट ने पचास-पचास हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी।
तेजस्वी को सीबीआई के समन पर नितीश कुमार बोले “हम साथ आए हैं, इसीलिए 5 साल बाद फिर से शुरू हुई कार्रवाई..”:
पटना। जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को शनिवार को सीबीआई के दिल्ली दफ्तर में तलब किये जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘चूंकि हम एक साथ आए हैं. इसीलिए पांच साल बाद कार्रवाई फिर से शुरू की गई है.’
नीतीश कुमार ने कहा कि 2017 में हम आरजेडी के साथ थे, तब ये कार्रवाई शुरू हुई थी. आरजेडी और जेडीयू के अलग होने के बाद इतने सालों तक ये कार्रवाई रुक गई थी. फिर हम जैसे ही साथ आए, एक बार फिर से छापेमारी शुरू कर दी गई., तो इस पर अब क्या कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि तब ये शुरू हुआ था और मैंने एक्सप्लेन करने के लिए कहा था. फिर उन लोगों की बात मानकर हम साथ चले गए थे. अब जो भी मामला है, उसका जवाब तो दिया ही जा रहा है.
वहीं पत्रकारों द्वारा गठबंधन बदलने की बात पूछे जाने पर नीतीश कुमार मुस्कुराने लगे. उन्होंने कहा कि गठबंधन बदलने की बात कहां चल रही, ऐसी कोई बात नहीं है. आप चिंता मत कीजिए.
इधर जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने भी तेजस्वी यादव के समर्थन में ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, “नौकरी के बदले जमीन मामले में सीबीआई दो बार जांच कर साक्ष्य नहीं जुटा पाई. लेकिन 9 अगस्त 2022 के बाद अचानक दिव्यशक्ति से उनको साक्ष्य मिलने लग गया और लालू प्रसाद जी एवं उनके परिजनों के यहां भारी छापेमारी हुई, खोदा पहाड़ निकली चुहिया. अरे भाई…! साक्ष्य नहीं भी मिलता तो साक्ष्य दिखाने के लिए पालतू तोतें कुछ भी कर सकते हैं. गाय का सींग भैंस में और भैंस का सींग गाय में जोड़ रहे हैं. अखबार कहता है- ‘एके इंफोसिस्टम के कारण छापा डाला गया है’… जिसका नौकरी से कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन खैर पालतू तोतें अपने मालिक का निर्देश पाकर कुछ भी कर सकते हैं, अघोषित आपातकाल जो है. गर्भवती महिला और छोटे-छोटे बच्चों के साथ इस तरह का निर्मम आचरण देश में पहली बार हुआ है, देश इसको याद रखेगा. दमन चाहे जितना कर लें, 2024 में देश भाजपा मुक्त होगा.”
बीजेपी ने लालू यादव परिवार का समर्थन करने पर जेडीयू पर निशाना साधा है. जेडीयू के एक पुराने ट्वीट का हवाला देते हुए अमित मालवीय ने कहा कि, दिन रात लालू परिवार को कोस-कोसकर सत्ता तक पहुंचे नीतीश कुमार। पूरी राजद भ्रष्टाचार में डूबी है, ये जानते हुए भी गठबंधन किया और बिहार में दोबारा गुंडाराज बहाल कर दिया. अब क्या दलील देंगे?
सीबीआई के समन पर तेजस्वी यादव ने पत्र लिखकर पत्नी की तबीयत का हवाला देते हुए समन टालने की मांग की है. इससे पहले 4 फरवरी को भी तेजस्वी यादव को सीबीआई ने जांच के लिए बुलाया था, लेकिन वह विधानसभा सत्र चलने का हवाला देकर दिल्ली नहीं पहुंचे थे.
कंपनी में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के शेयर
मामला 2006-07 का है, जहां एके इंफोसिस्टम नाम की एक कंपनी ने 6-7 जमीनें रजिस्ट्री कराईं थीं. उस समय रजिस्ट्री में लगभग 2 करोड़ की कीमत जमीनों की दिखाई गई थी, जबकि मार्केट वैल्यू लगभग 10 करोड़ थी. बाद में इस कंपनी में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने इंट्री कर कर ली थी. वर्तमान में इस कंपनी के आधे शेयर राबड़ी देवी के हैं और आधे तेजस्वी यादव के हैं. अब तक 10 लोग ऐसे चिन्हित हो चुके हैं, जिन्हें रेलवे के ग्रुप डी की उस समय नौकरी मिली और इसके बदले उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री की थी.
जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने का आरोप
लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री के पद पर रहने के दौरान उनके परिवार को तोहफे में भूखंड प्राप्त होने या इसे बेचने के बदले में लोगों को रेलवे में कथित तौर पर नौकरी दिये जाने से संबद्ध है. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने मामले में आपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत प्रसाद, उनकी पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ एक आरोप पत्र दाखिल किया था.
तेजस्वी यादव की बढ़ी मुश्किलें, CBI अफसरों को धमकाने के आरोप में जमानत निरस्त करने की मांग
नई दिल्ली। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बहुचर्चित आईआरसीटी घोटाले को लेकर सीबीआई ने इससे जुड़े अफसरों को धमकाने के मामले में यादव की जमानत निरस्त करने की मांग करते हुए दिल्ली की एक विशेष अदालत में अर्जी दायर कर दी। विशेष कोर्ट की जज गीतांजलि गोयल ने सीबीआई की अर्जी पर तेजस्वी यादव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सीबीआई ने कहा है कि तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीबीआई अफसरों को धमकाया, इसलिए उनकी जमानत निरस्त की जाए।
इसी के साथ आपको बता दें कि आईआरसीटीसी घोटाला लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है। सीबीआई मामले की जांच कर रही है। घोटाले के मामले लालू यादव के परिवार के कई सदस्य आरोपी हैं। उनमें तेजस्वी यादव भी शामिल हैं। यदि विशेष कोर्ट ने जमानत निरस्त की तो उनकी बिहार के उपमुख्यमंत्री पद की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है।