नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से जल्द सुनवाई के लिए कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट यह भी देखे कि अब्दुल्ला वाली सीट पर निर्वाचन आयोग चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी करने वाला है।
सुप्रीम कोर्ट ने 29 मार्च को अब्दुल्ला आजम की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। 29 मार्च को कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान अब्दुल्ला आजम के वकील विवेक तन्खा ने कहा था कि अपराध के समय अब्दुल्ला नाबालिग थे। इसलिए दो साल की सजा नहीं दे सकते। तब कोर्ट ने कहा कि जुवेनाइल का मुद्दा आपको निचली अदालत में उठाना चाहिए था। अब्दुल्ला आजम के वकील ने कहा था कि हमने य़े मुद्दा उठाया था, लेकिन निचली अदालत ने खारिज कर दिया था। बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी खारिज कर दिया था।
15 साल पहले 29 जनवरी 2008 को छजलैट पुलिस ने पूर्व मंत्री आजम खान की कार को चेकिंग के लिए रोका था, जिससे उनके समर्थक भड़क गए थे। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया था। इस हंगामे में अब्दुल्ला समेत नौ लोगों को आरोपित बनाया गया था। पुलिस ने सभी लोगों पर सरकारी काम में बाधा डालने और भीड़ को उकसाने के आरोप में केस दर्ज किया था। ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में आजम खान और अब्दुल्ला आजम को दोषी करार देते हुए दो-दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके दो दिन बाद ही उन्हें यूपी विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
Swar Assembly Seat
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के पुत्र एवं पार्टी विधायक अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गयी है। रामपुर जिले के स्वार विधानसभा क्षेत्र से वह 2022 में निर्वाचित हुए थे। इसी के साथ स्वार विधानसभा क्षेत्र 13 फरवरी, 2023 से रिक्त घोषित कर दिया गया है।
अब्दुल्ला आजम को एक मामले में दो वर्ष का कारावास एवं 3000 रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया है। इसलिए उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द की गई है। विधानसभा सचिवालय की तरफ से उनकी सदस्यता रद्द किए जाने की जानकारी दी गई है। उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय के मुताबिक अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई है। स्वार विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 13 फरवरी, 2023 से रिक्त है।
उल्लेखनीय है कि रामपुर सीट से भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम की विधानसभा के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर शिकायत की थी। अब्दुल्ला आजम की दूसरी बार सदस्यता रद् हुई है। 2017 के विधानसभा चुनाव में वह पहली बार विधायक बने थे। कम उम्र की वजह से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इस बार कोर्ट से सुनाई गई सजा की वजह से उनकी सदस्यता खत्म हुई है।