नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पांच हाई कोर्ट के लिए पांच चीफ जस्टिस की नियुक्ति की सिफारिश की है। कॉलेजियम ने उड़ीसा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एस मुरलीधर को मद्रास हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त करने की पूर्व की सिफारिश को वापस ले लिया है। इसी के साथ कॉलेजियम ने मद्रास हाई कोर्ट के जज जस्टिस टी राजा को तत्काल राजस्थान हाई कोर्ट में जज के रूप में ट्रांसफर करने की सिफारिश की है।
कॉलेजियम ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के वरिष्ठतम जज जस्टिस एजी मसीह को राजस्थान हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस, जस्टिस एसवी भट्टी को केरल हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के जज जस्टिस एमएस रामचंद्र राव को हिमाचल हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस, जस्टिस रमेश डी धानुका को बॉम्बे हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस और बॉम्बे हाई कोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस एसवी गंगापुरवाला को मद्रास हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त करने की सिफारिश की है।
कॉलेजियम ने पूर्व में तबादला किए मद्रास हाई कोर्ट के जज जस्टिस टी राजा को तत्काल राजस्थान हाई कोर्ट में जज के रूप में ट्रांसफर करने की सिफारिश की है। कॉलेजियम ने पूर्व में जस्टिस राजा का ट्रांसफर राजस्थान हाई कोर्ट किया था। इस पर जस्टिस राजा ने कॉलेजियम को ट्रांसफर करने के आदेश पर पुनर्विचार करने को कहा था।
कॉलेजियम ने सितंबर 2022 में उड़ीसा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एस मुरलीधर को मद्रास हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में ट्रासंफर करने की सिफारिश को वापस ले लिया है। कॉलेजियम ने कहा कि जस्टिस मुरलीधर के ट्रांसफर की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया। जस्टिस मुरलीधर सात अगस्त को रिटायर भी होने वाले हैं।
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में नियुक्त करने के लिए कॉलेजियम ने दो नामों की सिफारिश की है। कॉलेजियम ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अरविंद कुमार को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है। कॉलेजियम की आज हुई बैठक में ये सिफारिश की गई है।
कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश में कहा है कि 13 दिसंबर 2022 को कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में में नियुक्ति के लिए पांच नामों की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी थी लेकिन सरकार ने अभी तक इन नियुक्तियों के संबंध में नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। कॉलेजियम ने राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पंकज मित्तल, पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल, मणिपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पीवी संजय कुमार, पटना हाई कोर्ट के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस मनोज मिश्रा के नामों की सिफारिश की थी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल स्वीकृत संख्या 34 है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में 27 जज हैं और 7 जजों के पद खाली हैं।
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से जजों की नियुक्ति के लिए की गई सभी सिफारिशों के अनुसार जजों को जल्द नियुक्त करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। गुरुवार को याचिकाकर्ता की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष इस मामले को मेंशन करते हुए सुनवाई करने की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई का आदेश दिया।
मेंशनिंग के दौरान प्रशांत भूषण ने कहा कि वे चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को आदेश जारी करे। ये याचिका 2018 में दाखिल की गई थी, लेकिन उसके बाद से इसे लिस्ट नहीं किया गया है। याचिका सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि जजों की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से जो अनुशंसाएं की जाती हैं उस पर केंद्र सरकार अनिश्चित काल तक बैठ जाती है।
याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने विभिन्न हाई कोर्ट के लिए जजों की नियुक्ति के लिए जिन नामों की अनुशंसा की है उनकी नियुक्ति लंबे समय से केंद्र सरकार ने नहीं की है। यहां तक कि छह हफ्ते बीतने के बावजूद केंद्र सरकार उन अनुशंसाओं पर कोई जवाब भी नहीं देती है। याचिका में कहा गया है कि देश के महत्वपूर्ण संवैधानिक पदों को खाली नहीं रखा जा सकता है। सरकार जजों की नियुक्ति में राजनीतिक हस्तक्षेप करना चाहती है।