- भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर सरकार पर विपक्ष हमलावर
नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार सुबह हाई लेवल बैठक बुलाई। बैठक में सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने रक्षा मंत्री को चीन सीमा पर हालात के बारे में जानकारी दी। वहीं, संसद में इस मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस हिंसक झड़प में किसी भी जवान की मौत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि दोनों ओर के जवान घायल हुए हैं।
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीनी सेना के जवानों के बीच बीती नौ दिसंबर को हुई झड़प का खुलासा तीन दिन बाद सोमवार को हुआ। दोनों देशों के सैनिकों के बीच यह झड़प तवांग सेक्टर के यांगस्ते इलाके में हुई थी। इसमें दोनों देशों के जवानों ने एक-दूसरे पर डंडों से हमला किया।
सामने आ रही जानकारी के मुताबिक इस हिंसक झड़प में दोनों ओर से किसी भी जवान की मौत नहीं हुई है लेकिन दोनों ओर के जवान घायल हुए हैं। इस झड़प में छह भारतीय जवानों के घायल होने की बात कही जा रही है। गंभीर घायल तीन जवानों का इलाज गुवाहाटी के 151 बेस अस्पताल में चल रहा है।
क्षेत्रीय कमांडर ने फ्लैग मीटिंग की
भारतीय सेना के क्षेत्रीय कमांडर ने शांति बहाल करने के लिए मौजूदा सिस्टम के अनुसार इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए चीनी पक्ष के अपने समकक्ष के साथ एक फ्लैग मीटिंग की।
इस बीच संयुक्त विपक्ष ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सेना के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई झड़पों पर सरकार को घेरने की कोशिश की। सांसदों ने राज्यसभा और लोकसभा में प्रक्रिया नियम के नियम 267 और नियम 176 के तहत 09 दिसंबर को तवांग सीमा पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई झड़प पर चर्चा करने के लिए कामकाज के निलंबन के लिए नोटिस दिया।
रक्षा मंत्री के साथ इन्होंने की मीटिंग
विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार सुबह हाई लेवल बैठक बुलाई। बैठक में सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने रक्षा मंत्री को चीन सीमा पर हालात के बारे में जानकारी दी। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सीडीएस अनिल चौहान, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार, आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे, विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा और रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने शामिल हुए।
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