नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वो मैला ढोने और सीवर लाइन में काम करवाने वालों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करने के मामले पर ताजा हलफनामा दाखिल करे। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार को तीन हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान वकील आशिमा मांडला ने कहा कि ये जनहित याचिका 2019 में दाखिल की गई थी लेकिन अब तक केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से केवल 16 हलफनामा दाखिल किए गए हैं। दाखिल किए गए हलफनामा भी याचिका के अनुरूप नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हर पांच दिन में सीवर में औसतन एक व्यक्ति की मौत होती है।
क्रिमिनल जस्टिस सोसायटी ऑफ इंडिया ने दायर याचिका में मांग की है कि केंद्र और राज्य सरकारें मैला ढोने वालों और सीवर में काम करने वाले लोगों की वास्तविक संख्या बताएं। 1993 से लेकर अब तक अब तक मृत लोगों की संख्या बताई जाए ताकि ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज की जा सके। याचिका में मांग की गई है कि सिर पर मैला ढोने और सीवर में काम के लिए रखने वाली एजेंसियों, ठेकेदारों और दूसरे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया जाए।
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