मुंबई। महाविकास अघाड़ी में लोकसभा की सीटों के बंटवारे खींचतान शुरू हो गयी है। शिवसेना (उद्धव) के नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र में सीट बंटवारे के मुद्दे पर कांग्रेस को ही आईना दिखा दिया। राउत ने कह दिया कि महाराष्ट्र में कांग्रेस को तो जीरो से शुरू करना होगा।
दरअसल, उद्धव की शिवसेना महाराष्ट्र की 23 सीटों पर अड़ी है। संजय राउत ने कहा कि शिवसेना मतलब महाराष्ट्र की सबसे बड़ी पार्टी। उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं से हमारी बातचीत चल रही है। राहूल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से बात हो रही है। ऐसे में गांव गली का व्यक्ति (संजय निरुपम) क्या बोलता है उससे फर्क नहीं पड़ता है। हम 23 सीटों पर लड़ेंगे, यही हम कह रहें हैं। इसके अलावा दादरा नगर हवेली की सीट भी लड़ेंगे।
शिवसेना (उद्धव ) सांसद ने कहा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस को तो जीरो से शुरु करना होगा। आप कहते हो कि शिवसेना टूट गई है। ये कहने वाले आप कौन हो? कांग्रेस तो टूटी नहीं थी, फिर राजस्थान और अन्य राज्यों में क्यों हार गए? हमारी वजह से आप (कांग्रेस) पुणे उपचुनाव की सीट जीते थे।
इस दौरान संजय राउत ने ममता बनर्जी को लेकर कहा कि वह पश्चिम बंगाल में सबसे बड़ा नेतृत्व हैं। इसलिए इंडिया गठबंधन का बंगाल का नेतृत्व उनके साथ बात करके करना होगा। महाराष्ट्र में शिवसेना बड़ी पार्टी है। पार्टी टूटने का कोई मतलब नहीं है। पार्टी जमीन पर होनी चाहिए। कार्यकर्ता जमीन पर होने चाहिए। हमारी पार्टी जमीन पर है। उन्होंने कहा कि महाविकास आघाडी को एकजूट रहना चाहिए और हम मिलकर रहेंगे।
जब राउत से ये पूछा गया कि कर्नाटक के सीएम ने कहा है कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनना चाहिए। इसपर उन्होंने जवाब दिया कि कर्नाटर के सीएम ने इच्छा व्यक्त की है तो उसमें गलत क्या है। राहुल गांधी लोकप्रिय नेता हैं। अपनी यात्रा के जरिए देश पर राज कर रहें है। राहुल गांधी एक चेहरा हैं। राहुल गांधी का संघर्ष जारी है और लोगों को संघर्ष करने वाला नेता प्रिय लगता है। संजय राउत ने कहा कि राहुल गांधी झूठ नहीं बोलते, राहुल गांधी ईमानदार हैं, राहुल गांधी देशभक्त हैं, ऐसे में प्रधानमंत्री बनने के लिए और कौन से गुण चाहिए। इंडिया गठबंधन में सभी को साथ मिलकर काम करना चाहिए। चेहरा बाद में तय करेंगे।
sanjai raut
मुंबई । भाजपा के खिलाफ लामबंद हो रहे विपक्ष के खेमे में शनिवार को एनसीपी की ओर से आये बयान ने मिसाइल हमले का काम किया है। एक ओर जहां एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने प्रेस कान्फ्रेंस कर अडाणी मुद्दे पर अपनी बात दोहराई, दूसरी ओर वहीं उनके भतीजे और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने ईवीएम के मुद्दे पर संजय राऊत को खरी-खरी सुना दी। नतीजतन, राज्य में बनी महाविकास आघाडी के अस्तित्व पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
कांग्रेस की पुरानी सहयोगी रही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार ने शुक्रवार को अडाणी मुद्दे पर अपनी अलग राय रखी थी। इसके चलते अडाणी मुद्दे पर जेपीसी की मांग करने वाली कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियां सकते में आ गईं। राजनीतिक गलियारों में पवार के बयान के मायने निकाले ही जा रहे थे कि इसी बीच एनसीपी प्रमुख ने शनिवार को मुंबई में प्रेस कान्फ्रेंस कर अपनी बात अधिक विस्तार से रखी। एक ओर शरद पवार ने जहां संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को गैरजरूरी बताया वहीं उन्होंने उद्योगपति गौतम अडाणी का बचाव भी किया। नतीजतन, विरोधी खेमा सकते मे आ गया है। शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने ईवीएम को लेकर शिवसेना नेता संजय राऊत के बयान को सिरे खारिज कर दिया। बतौर अजित पवार ईवीएम एक बेहतर विकल्प है और इसमे धांधली की कोई गुंजाइश नहीं है। अजित के इस बयान के बाद शिवसेना के ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है।
बांग्लादेश मे 2024 में होने वाले चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल नहीं होगा। इस खबर पर शिवसेना के ठाकरे गुट के नेता संजय राऊत ने भारत मे ईवीएम का इस्तेमाल बंद करने की मांग कर दी। वैसे विपक्षी पार्टियां समय-समय पर ईवीएम में धांधली की शिकायतें दर्ज कराती रहती हैं लेकिन एनसीपी नेता अजित पवार ने ईवीएम पर भरोसा जताते हुए चुनाव में इसका इस्तेमाल जारी रखने की बात कही। नतीजतन, शिवसेना का ठाकरे गुट हक्का-बक्का रह गया है। ईवीएम को लेकर संजय राऊत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अजित पवार ने कहा कि अगर ईवीएम में गड़बड़ी होती तो छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, पंजाब, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में विपक्षी दलों की सरकारें न बनतीं।
अजित ने आगे कहा, ‘हमारे देश में ईवीएम से छेड़छाड़ संभव नहीं है। यह पूरी तरह से एक बड़ी प्रणाली है। इसमें बहुत सारे चेक और बैलेंस हैं।’ बतौर अजित पवार अगर किसी तरह यह साबित हो जाता है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की गई है तो देश में बड़ा बवाल हो जाएगा। नतीजतन, मुझे नहीं लगता कि कोई भी ऐसा करने की हिम्मत करेगा। कई बार कुछ लोग चुनाव हार जाते हैं लेकिन उन्हें लगता है कि हम हार नहीं सकते, फिर वे ईवीएम को लेकर आरोप लगाने लगते हैं लेकिन वास्तव में वह जनता का वास्तविक जनादेश होता है।
गौरतलब है कि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार राजनीति के चाणक्य माने जाते हैं। वह विपक्षी पार्टियों में एक बड़ा चेहरा भी हैं। ऐसे में शरद पवार द्वारा सावरकर का मुद्दा और अडाणी मामले मे जेपीसी को गैरजरूरी बताना तथा अजित पवार द्वारा ईवीएम पर विश्वास जताना महाविकास आघाडी के बिखराव का आगाज माना जा रहा है।
मुंबई । शिवसेना नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राऊत को गोरेगांव पत्राचाल घोटाला मामले में मिली जमानत रद्द कराने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस याचिका की सुनवाई हाईकोर्ट में 25 नवंबर को होगी।
मुंबई की विशेष कोर्ट ने संजय राऊत को मनी लॉड्रिंग मामले में जमानत दी है। इस जमानत का विरोध ईडी ने विशेष कोर्ट में किया था, लेकिन विशेष कोर्ट ने ईडी के विरोध को नामंजूर कर दिया था। इसके बाद ईडी ने संजय राऊत की जमानत को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट की न्यायाधीश भारती डोंगरे की बेंच के समक्ष याचिका दायर की थी। उस समय हाईकोर्ट ने कुछ संशोधनों के साथ याचिका दायर करने का आदेश दिया था। ईडी की याचिका को कोर्ट ने स्वीकृत कर लिया है और मामले की 25 नवंबर को होने वाली है।