यशराज फिल्म्स के बैनर तले बनी बॉलीवुड के किंग खान यानी शाहरुख खान की अपकमिंग फिल्म पठान रिलीज से पहले ही विवादों में घिरी हुई है। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक फिल्म का बायकॉट कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स शाहरुख और उनकी फिल्म पठान के कई तरह के मीम्ज बनाकर उनका मजाक उड़ा रहे हैं। इसी कड़ी में एक ट्रोलर्स ने जब पठान फिल्म के फ्लॉप होने का दावा किया तो शाहरुख ये ट्वीट इग्नोर नहीं कर पाए और उन्होंने उसे करारा जवाब दिया। किंग खान ने ट्रोलर को ऐसा जवाब दिया कि उसकी बोलती बंद हो गई।
ट्रोलर ने अपने ट्वीट में लिखा था, ‘पठान पहले से ही फ्लॉप है। रिटायरमेंट ले लो…।’ किंग खान को ट्रोलर का ये ट्वीट काफी चुभा और उन्होंने जवाब देते हुए कहा, ‘बेटा बड़ों से ऐसे बात नहीं करते हैं।’ शाहरुख के इस जवाब पर कई लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं तो कई उन्हें रिटायर होने की सलाह भी दे रहे हैं।
बात करें फिल्म पठान की तो इसमें शाहरुख खान के अलावा दीपिका पादुकोण और जॉन अब्राहम भी अहम भूमिका में हैं। पठान के निर्देशक सिद्धार्थ आनंद और प्रोड्यूसर आदित्य चोपड़ा हैं। इस फिल्म से शाहरुख खान बॉलीवुड में धमाकेदार वापसी कर रहे हैं। यह फिल्म 25 जनवरी को हिंदी, तमिल और तेलुगु भाषा में रिलीज होने जा रही है। किंग खान के फैंस उनकी इस फिल्म का बेसब्री के साथ इंतजार कर रहे हैं।
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नई दिल्ली। केन्द्र सरकार के लोगों की निगरानी से संबंधित जारी किए गए आदेश की विस्तृत जानकारी देने की मांग करने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केन्द्र सरकार से तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। बुधवार को जस्टिस यशवंत वर्मा ने मामले की अगली सुनवाई मार्च 2023 में करने का आदेश दिया।
याचिका इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक और वकील अपर गुप्ता ने दायर की है। इस पर 26 जुलाई को कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। अपर गुप्ता ने जनवरी 2016 से लेकर दिसंबर 2018 के बीच सूचना के अधिकार के तहत छह आवेदन दाखिल किए थे। उन आवेदनों में अपर गुप्ता ने इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 69 के तहत जारी आदेशों की जानकारी मांगी गई थी। इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 69 के तहत लोगों की निगरानी की अनुमति दी जाती है।
याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता किसी व्यक्ति के बारे में जानकारी नहीं मांग रहा था बल्कि वो सरकार की ओर से किए जा रहे निगरानी की हद को जानना चाह रहा था। याचिकाकर्ता के आवेदनों को केंद्रीय जनसूचना अधिकारी ने यह कहते हुए निपटारा कर दिया कि विधिसम्मत फोन टैपिंग या मानिटरिंग की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत नहीं दी जा सकती है।
केंद्रीय जनसूचना अधिकारी की ओर से सूचना नहीं देने पर याचिकाकर्ता ने प्रथम अपीलीय प्राधिकार के समक्ष आवेदन किया लेकिन उसने भी सूचना देने से इनकार कर दिया। उसके बाद उन्होंने केंद्रीय सूचना आयोग के समक्ष अपील की। केंद्रीय सूचना आयोग ने याचिकाकर्ता की अपील पर प्रथम अपीलीय प्राधिकार को सूचना देने का निर्देश दिया। प्रथम अपीलीय प्राधिकार के समक्ष केंद्रीय जनसूचना अधिकारी ने दलील दी कि जो सूचना मांगी गई है वो अब उपलब्ध नहीं है क्योंकि रिकॉर्ड छह महीने से ज्यादा संरक्षित नहीं रखे जाते हैं।
प्रयागराज। माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी विधायक पर प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को देर रात पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। जांच एजेंसी ने प्रयागराज के सिविल लाइंस स्थित कार्यालय में देर रात तक पूछताछ की थी, जिसमें वह गोल-मोल जवाब देता रहा। फिलहाल अभी वह हिरासत में है।
गौरतलब है कि मनी लांड्रिंग के केस में 11 अक्टूबर को ईडी ने मऊ से विधायक अब्बास के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया था। देश छोड़ने की आशंका पर ईडी ने उसे पहले ही लुकआउट नोटिस जारी किया था। पूछताछ में ईडी के सभी सवालों का जवाब गोलमोल तरीके से देता रहा। देर रात करीब एक बजे ईडी ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।
ईडी कार्यालय में शुक्रवार दोपहर बड़े गोपनीय तरीके से विधायक अब्बास अंसारी पहुंचा। उसे ईडी ने बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज मनी लांड्रिंग के मामले में पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था। जैसे ही अब्बास अंसारी यहां पहुंचा सिविल लाइंस थाने की पुलिस ईडी के मुख्य गेट पर तैनात हो गई। किसी की आवाजाही पर रोक लगा दी गई। भीतर ईडी के अधिकारियों ने अब्बास अंसारी से पूछताछ शुरू की, जो देर रात तक चली।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ लखनऊ में दो, मऊ में चार और गाजीपुर में एक मामला दर्ज है। विधायक अब्बास अंसारी के साथ ही उसके चालक रवि कुमार शर्मा से भी ईडी ने पूछताछ की। उससे भी कई सवाल दागे गए। हालांकि, उससे अलग कमरे में पूछताछ हुई है। इस दौरान किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं थी। पूरा कार्यालय पुलिस छावनी में तब्दील रहा।