अयोध्या। वाल्मीकि रामायण के प्रसंगों को क्षेत्रीय भाषाओं में अंकित कर रामवन गमन मार्ग पर चिंहित स्थानों पर लगाने के लिए पिंकसैंड स्टोन से निर्मित श्रीराम स्तम्भ रविवार एक अक्टूबर को अयोध्या के कारसेवकपुरम् पहुंचेगा। जिसका वैदिक मंत्रोचारण करके पूजन किया जायेगा।
कृत्रिम अंग दिये जाएंगे
विहिप के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने शनिवार को बताया कि विहिप संरक्षक स्वर्गीय अशोक सिंहल के जन्मोत्सव 27 सितंबर से अशोक सिंहल फाउंडेशन द्वारा नि:शुल्क कृत्रिम अंग वितरण शिविर लगातार चल रहा है। शिविर का समापन एक अक्टूबर को होगा, जिसमें संत धर्माचार्यों के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी और लाभान्वित दिव्यांग उपस्थित रहेंगे। इसमें सैकड़ों दिव्यांगजनों को ट्राईसाइकिल, व्हील चेयर, बैसाखी, सुनने वाली कान की मशीन के अलावा कृत्रिम अंग दिये जायेंगे।
उन्होंने बताया इस सामाजिक कार्य की हर ओर सराहना हो रही है। शिविर के आयोजन में संतों और वरिष्ठ नागरिकों का आशीर्वाद भी मिल रहा है। जिससे आयोजक मंडल और व्यवस्था में लगे कार्यकर्ताओं का लगातार उत्साहवर्धन हो रहा है।
उन्होंने बताया एक अक्टूबर को शिविर समापन के पूर्व दोपहर 12 बजे अशोक सिंहल फाउंडेशन द्वारा संत धर्माचार्यों और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय सहित विशिष्ट जनों की विशेष उपस्थिति में श्रीराम स्तम्भ का भी अयोध्या धाम पहुंचने पर कारसेकपुरम् में पूजन अर्चन किया जायेगा। उसके उपरांत स्तम्भ को मणिपर्वत के प्रांगण में स्थापित कर श्रीराम वन गमन मार्ग पर लगाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो जायेगी।
उन्होंने बताया पिंकसैंड स्टोन्स से निर्मित स्तम्भ शनिवार को दोपहर बाद राजस्थान से एक बड़े सुसज्जित ट्रक में रखकर और श्रमिकों के साथ रवाना हो गया है। स्तम्भ की ऊंचाई 15 फिट तथा चौडाई तीन से चार फिट है। आज शिविर में पहुंचे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र सदस्य व निर्मोही अखाड़ा के महंत दीनेंद्र दास महाराज का राम मंदिर माडल और अशोक सिंहल पर लिखी गयी पुस्तक देकर सम्मान किया गया।
इस दौरान वीरेंद्र कुमार, मनोज तिवारी और शिखर कुमार आदि भी उपस्थित रहे।