वाराणसी। सेना भर्ती रैली में अग्निवीर योजना के तहत दूसरे दिन गुरूवार को गोरखपुर जिले के सहजनवा और गोला तहसील के युवाओं ने छावनी क्षेत्र स्थित रणबांकुरे मैदान में पूरे उत्साह और दमखम के साथ भागीदारी की। दूसरे दिन भर्ती रैली के दौड़ में कुल 3773 अभ्यर्थियों ने नाम पंजीकृत कराया था। जिसमें 3264 युवाओं ने भागीदारी की और इसमें कुल 240 अभ्यर्थी ही सफल हुए।
गोला तहसील के सचिन यादव ने 4.58 मिनट में सबसे पहले अपने लेन में दौड़ पूरी की। सैन्य अफसरों के अनुसार भर्ती रैली अब तक शांतिपूर्ण तरीके चल रही है। सुरक्षा में फोर्स के साथ स्थानीय पुलिस भी तैनात है। शुक्रवार को गोरखपुर के खजनी व गोरखपुर तहसीलों के 7045 अभ्यर्थी दौड़ में हिस्सा लेंगे। इसके पहले बुधवार को रणबांकुरे मैदान में 2300 अभ्यर्थियों ने दौड़ लगाई। इसमें से तीन सौ अभ्यर्थी सफल हुए।
गोरखपुर के चौरीचौरा व बांसगांव के 3903 युवाओं ने पंजीकरण कराया था।लेकिन दौड़ में 2300 अभ्यर्थी ही शामिल हुए। कई युवा शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की जांच में छांट दिये गये। जरूरी कागजात न होने या खामियां मिलने पर उन्हें रैली से बाहर कर दिया गया। दौड़ में असफल अभ्यर्थियों को रोडवेज और बस स्टैंड ले जाने के लिए स्टेडियम के समीप ट्रक और बस लगाया गया है। 12 जनपदों के लिए अग्निपथ योजना के तहत भर्ती रैली 16 नवंबर से 6 दिसंबर तक चल रही है।
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जम्मू। जम्मू-कश्मीर पुलिस सब इंस्पेक्टर परीक्षा भर्ती मामले में सीबीआई की टीम ने मंगलवार को जम्मू में दो जगहों पर छापेमारी की है। जम्मू में सीआरपीएफ जवान कश्मीर सिंह और आईआरपी जवान विकास शर्मा के आवास पर सीबीआई की छानबीन चल रही है।
सब इंस्पेक्टर एसआई भर्ती घोटाले में सीबीआई चार से पांच दिन के भीतर आरोप पत्र दायर करने की तैयारी है। इसमें जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड के अफसरों की भूमिका से पर्दा उठ सकता है। आरोप पत्र में बोर्ड के दो पूर्व अधिकारियों समेत 4 अफसरों के नाम शामिल हो सकते हैं। इस मामले में सीबीआई ने अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें बीएसएफ कमांडेंट करनैल सिंह, एएसआई अशोक कुमार, सीआरपीएफ कांस्टेबल सुरेंद्र सिंह, पुलिस कर्मी रमन कुमार, सरकारी शिक्षक जगदीश शर्मा आदि शामिल हैं।
बेगूसराय। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) भर्ती संबंधी विज्ञापन को फर्जी करार दिया गया है। विज्ञापन सामने आने के बाद रेलवे द्वारा विभिन्न माध्यम से इस संबंध में लोगों को सूचना देते हुए जागरूक किया जा रहा है।
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) में कांस्टेबल और सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) के 95 सौ पदों पर भर्ती के संबंध में सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में फर्जी संदेश प्रसारित किया जा रहा है।
आरपीएफ या रेल मंत्रालय द्वारा अपनी आधिकारिक वेबसाइटों पर या किसी प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से ऐसी कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है। यह खबर फर्जी है और इसे सभी प्रतिष्ठित और जिम्मेदार मीडिया द्वारा नजरअंदाज किया जाना चाहिए। अन्य संबंधित लोगों को भी इस विज्ञापन के झांसे मे दूर रहना चाहिए।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धनतेरस के मौके पर शनिवार को 10 लाख युवाओं के लिए भर्ती अभियान ‘रोजगार मेला’ का शुभारंभ किया। उन्होंने ‘रोजगार मेला’ को पिछले आठ वर्षों में रोजगार और स्वरोजगार के लिए सरकार के प्रयासों में महत्वपूर्ण मील का पत्थर करार दिया।
प्रधानमंत्री ने रिमोट का बटन दबाकर 75,000 नवनियुक्त कर्मियों के नियुक्ति पत्र जारी किये। देश भर से चयनित आज जिन युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे गए उन्हें भारत सरकार के 38 मंत्रालयों और विभागों में नियुक्त किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नवनियुक्त कर्मियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज भारत की युवा शक्ति के लिए महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा- ‘बीते आठ वर्षों में देश में रोजगार और स्वरोजगार का जो अभियान चल रहा है, आज उसमें एक और कड़ी जुड़ रही है, ये कड़ी रोजगार मेले की है।’ उन्होंने कहा कि आपको जनता की सेवा के लिए नियुक्त किया गया है। यह आपके लिए दिया गया अवसर है जिसे सेवा की प्रतिबद्धता के रूप में लिया जाना चाहिए।
मोदी ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान एमएसएमई क्षेत्र को 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक की केंद्र की मदद से 1.5 करोड़ से अधिक नौकरियों का संकट टल गया। प्रधानमंत्री ने सभी देशवासियों को धनतेरस की बधाई देते हुए कहा कि भगवान धनवंतरी आपको खुश रखें और मां लक्ष्मी की कृपा आप सभी पर बनी रहे। मैं भगवान से यही प्रार्थना करता हूं। उन्होंने कहा- ‘आज केंद्र सरकार 75 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र दे रही है। बीते आठ वर्षों में पहले भी लाखों युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं।’
मोदी ने कहा कि विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि के लिए हम आत्मनिर्भर भारत के रास्ते पर चल रहे हैं। इसमें हमारे इनोवेटर, एंटरप्रेन्योर, उद्यमियों, किसानों, सर्विस और उत्पादन से जुड़े साथियों की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में इसी तरह लाखों युवाओं को भारत सरकार द्वारा समय-समय पर नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे। आज अगर केंद्र सरकार के विभागों में इतनी तत्परता, इतनी क्षमता आई है, इसके पीछे 7-8 साल की कड़ी मेहनत है, कर्मयोगियों का विराट संकल्प है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। 7-8 साल के भीतर हमने 10वें नंबर से 5वे नंबर तक की छलांग लगाई है। ये इसलिए संभव हो पा रहा है, क्योंकि बीते आठ वर्षों में हमने देश की अर्थव्यवस्था की उन कमियों को दूर किया है, जो रुकावटें पैदा करती थीं। उन्होंने कहा कि आज हमारा सबसे अधिक बल युवाओं के कौशल विकास पर है। ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ के तहत देश के युवाओं को उद्योगों की जरूरतों के हिसाब से ट्रेनिंग देने का बहुत बड़ा अभियान चल रहा है। इसके तहत अभी तक सवा करोड़ से अधिक युवाओं को स्किल इंडिया अभियान की मदद से ट्रेन किया जा चुका है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गांवों में बड़ी संख्या में रोजगार निर्माण का एक और उदाहरण, हमारी खादी और ग्रामोद्योग है। देश में पहली बार खादी और ग्रामोद्योग, एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो चुका है। इन वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग में एक करोड़ से अधिक रोजगार बने हैं। इसमें भी बड़ी संख्या में हमारी बहनों की हिस्सेदारी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टार्टअप इंडिया अभियान ने देश के युवाओं के सामर्थ्य को पूरी दुनिया में स्थापित कर दिया है। साल 2014 तक जहां देश में कुछ सौ ही स्टार्टअप थे, आज ये संख्या 80 हजार से अधिक हो चुकी है।आत्मनिर्भर भारत अभियान को लेकर मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान 21वीं सदी में देश का सबसे महत्वाकांक्षी मिशन है। आज देश कई मामलों में एक बड़े आयातक से एक बहुत बड़े निर्यातक की भूमिका में आ रहा है। अनेक सेक्टर में भारत ग्लोबल हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने देश की युवा आबादी को सरकार की सबसे बड़ी ताकत बताते हुए कहा कि आजादी के अमृतकाल में विकसित भारत के निर्माण के सारथी हमारे युवा हैं। उन्होंने कहा कि देश में आज रोजगार के कई नए अवसर बन रहे हैं। आज गाड़ियों से लेकर मेट्रो कोच, ट्रेन के डिब्बे, डिफेंस के साजो-सामान तक अनेक सेक्टर में निर्यात तेजी से बढ़ रहा है। ये तभी हो रहा है क्योंकि भारत में फैक्ट्रियां बढ़ रही हैं और साथ ही काम करने वालों की संख्या बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार, इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का लक्ष्य लेकर चल रही है। इतने बड़ पैमाने पर हो रहे विकास कार्य स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के लाखों अवसर बना रहे हैं। मोदी ने कहा कि स्थानीय स्तर पर युवाओं के लिए रोजगार के लाखों अवसर बना रहे हैं। आधुनिक इंफ्रा के लिए, हो रहे ये सारे कार्य टूरिज्म सेक्टर को भी नई ऊर्जा दे रहे हैं। आस्था के, आध्यात्म के, ऐतिहासिक महत्व के स्थानों को भी देशभर में विकसित किया जा रहा है। ये सारे प्रयास रोजगार बना रहे हैं।
धुबरी (असम)। असम पुलिस भर्ती ने फर्जी कम्प्यूटर प्रमाणपत्र जमा करने वाले अभ्यर्थियों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई जारी है। मामले की जांच कर रही सीआईडी की टीम ने अबतक 17 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया है। इस कड़ी में फर्जी सर्टिफिकेट जारी करने वाले संस्थानों के विरुद्ध भी कार्रवाई जारी है।
सीआईडी के सूत्रों से शुक्रवार को मिली जानकारी के अनुसार धुबरी में सीआईडी की एफआईआर के आधार पर बीती रात में धुबरी के वार्ड नंबर 6 (एक्सचेंज लेन) स्थित कंप्यूटर सेंटर में पुलिस की टीम ने छापेमारी की। पुलिस ने आज बताया कि अभियान के दौरान कंप्यूटर प्रशिक्षक राज ठाकुर और एक अन्य युवक को गिरफ्तार किया गया है। राज ठाकुर ने कंप्यूटर ट्रेनिंग के फर्जी सर्टिफिकेट जारी किये थे।
कई और लोगों को हिरासत में लिए जाने की संभावना है। कंप्यूटर सेंटर के मालिक हिरण्यमय चक्रवर्ती ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। इस बीच, मालिक हिरण्यमय चक्रवर्ती ने राज ठाकुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
सहरसा।केंद्रीय चयन परिषद द्वारा रविवार को मध्य निषेध सिपाही पद के लिए शहर के 7 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित किया गया। जिसके अंतर्गत मनोहर उच्च विद्यालय,अनुग्रह नारायण सिंह मध्य विद्यालय जेल कॉलोनी, एमएलटी कॉलेज सहरसा, जिला स्कूल, रमेश झा महिला महाविद्यालय,सर्व नारायण सिंह रामकुमार सिंह महाविद्यालय एवं आर एम कॉलेज में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे।मध निषेध उत्पाद विभाग के सिपाही भर्ती पद की परीक्षा के दौरान कुल 19 परीक्षार्थी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ विभिन्न केन्द्र से पकड़े गए। सभी परीक्षार्थियों को पुलिस हिरासत में सदर थाना मे लाया गया।पुलिस सभी परीक्षार्थी से पूछताछ कर रही है।
डीएम आनंद शर्मा एवं एसपी लिपि सिंह ने जानकारी प्राप्त कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।शहर के विभिन्न परीक्षा केंद्र से पकड़ाए मध निषेध उत्पाद सिपाही पद के परीक्षार्थी भारी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ परीक्षार्थी के पकड़े जाने के सूचना पर जिला प्रशासन तुरंत परीक्षा केंद्र पर पहुंच का हर पहलू की बारीकी से जांच की ।
बताया जाता है पकड़े गए 19 परीक्षार्थी मे 13 लड़का तथा 6 लड़कियां शामिल हैं।इस अवसर पर एस एन एस आरकेएस महाविद्यालय के प्राचार्य अशोक कुमार सिंह ने सदर थाना को लिखित सूचना देकर कहा कि इस केंद्र पर कक्ष संख्या 14 में उड़नदस्ता दल के पदाधिकारी द्वारा मधेपुरा निवासी बृजेश कुमार रोल क्रमांक 1722060336 के पास से रेडमी मोबाइल की प्राप्ति हुई। प्राचार्य ने इसकी लिखित सूचना देकर छात्र के ऊपर सुसंगत धाराओं में कांड दर्ज करने का निवेदन किया है। एक अन्य छात्र प्रणव भारती के द्वारा प्रश्न पत्र एवं ओएमआर शीट लेकर केंद्र से भागने की सूचना दी है। उसके ऊपर भी सुसंगत धारा में प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है।एमएलटी कॉलेज में मधेपुरा निवासी भवेश राम को भी मोबाइल के माध्यम से कदाकार करते पकड़ा गया। जिसे परीक्षा से निष्कासित कर दिया गया है।
रमेश झा महिला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राजीव सिन्हा ने भी अपने केंद्र से राज कुमार मेहता एवं राहुल कुमार के ऊपर कदाचार में लिप्त पाए जाने के कारण प्राथमिकी दर्ज करने के लिखित सूचना दी है। ज्ञात हो कि मध निषेध सिपाही पद परीक्षा के लिए मजिस्ट्रेट एवं अन्य पदाधिकारियों को कदाचार मुक्त परीक्षा के निर्देश दिए गए थे।लेकिन परीक्षा केंद्र पर बड़ी संख्या में पकड़े गए मुन्ना भाई को देखते हुए किसी बड़े रैकेट से इंकार नहीं किया जा सकता है जिसमें सुरक्षाकर्मी एवं अन्य की लापरवाही जांच का विषय है।
गया। बिहार में केंद्रीय चयन परिषद सिपाही भर्ती (मद्य निषेध) की लिखित परीक्षा में गया जिले से कुल 40 परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया गया है।ये विभिन्न तरीकों से साइबर डिवाइस की मदद से परीक्षा देते दबोचे गए। यह ब्लूटूथ डिवाइस की मदद से परीक्षा दे रहे थे।
जिला प्रशासन के द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़े के अनुसार एकमुश्त 40 परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं काफी संख्या में ब्लूटूथ डिवाइस भी बरामद किए गए हैं। गया कॉलेज गया से 9 परीक्षार्थी गिरफ्तार किए गए। वहीं जगजीवन कॉलेज से 5, अनुग्रह कॉलेज से 11, टी मॉडल इंटर विद्यालय से एक, हरिदास सेमिनरी से एक, प्लस टू उच्च विद्यालय चंदौती से 12, अनुग्रह कन्या स्टेशन रोड से एक परीक्षार्थी को गिरफ्तार किया गया। यह सभी ब्लूटूथ डिवाइस की मदद से परीक्षा दे रहे थे। कुल 5994 परीक्षार्थी थे, जिसमें से 4876 उपस्थित हुए।1118 अनुपस्थित पाए गए। 40 परीक्षार्थियों को परीक्षा में डिवाइस की मदद लेने के आरोप में निष्कासित करते हुए गिरफ्तार किया गया।
मद्य निषेध की सिपाही भर्ती परीक्षा में 40 हुए गिरफ्तार
इस संबंध में गया के सिटी डीएसपी पारसनाथ साहू ने बताया कि सिपाही भर्ती परीक्षा मध निषेध के लिए आज हो रही थी। इसे लेकर सूचना मिली थी, कि कुछ रैकेटियर ब्लूटूथ का इस्तेमाल करेंगे और परीक्षा में बैठेंगे। इसे देखते हुए पुलिस छानबीन कर रही थी। इस बीच कई परीक्षा केंद्रों पर यह खुलासा भी हुआ। हमारे क्षेत्र में पांच जगह से 36 लोगों को पकड़ा गया है। वहीं जिले में कुल 40 के पकड़े जाने की खबर है। ब्लूटूथ डिवाइस को कनेक्ट कर एक ऑपरेटर के माध्यम से इस तरह का हथकंडा परीक्षार्थी द्वारा किया जा रहा था। कान में लगाकर एक ओर से पहले से तय व्यक्ति द्वारा बोला जाता और उसे सुन-सुनकर छाती द्वारा लिखा जा रहा था। कानूनी प्रक्रिया के तहत सभी को जेल भेजा जाएगा। वही इसके रैकेट के सरगना तक पहुंचने की कार्रवाई पुलिस द्वारा की जा रही है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले के तार अब राज्य के निजी बीएड कॉलेजों से भी जुड़ने लगे हैं। अब तक 530 ऐसे बीएड कॉलेजों की सूची बनाई गई है, जिन्होंने माणिक भट्टाचार्य के बेटे और पत्नी के नाम पर बनी संस्था के साथ समझौता किया था।
ईडी सूत्रों ने बताया है कि 2018 के अक्टूबर से लेकर 2019 के अप्रैल महीने के बीच इन कॉलेजों की ओर से माणिक के बेटे की संस्था को दो करोड़ 64 लाख रुपये दिए गए हैं। दावा है कि इन बीएड कॉलेजों में आधारभूत सेवाएं उपलब्ध कराने के एवज में ये रुपये दिए गए हैं लेकिन संदिग्ध बात यह है कि जिन लोगों को गैरकानूनी तरीके से शिक्षक की नौकरी मिली है, उनमें से अधिकतर इन्हीं बीएड कॉलेजों के छात्र रहे हैं। इसलिए मामला बेहद संगीन है और इन बीएड कॉलेजों के अधिकारियों की सूची बनाकर उनसे पूछताछ की तैयारी की जा रही है।
खास बात यह है कि वर्ष 2011 में जब ममता बनर्जी की पहली बार सरकार आई और पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री बने उसके बाद से ही माणिक भट्टाचार्य को प्राथमिक शिक्षा परिषद का अध्यक्ष बना दिया गया। इसके बाद से 2013 से राज्य में बड़ी संख्या में निजी बीएड कॉलेज खुलने लगे। इसके बाद वर्ष 2014 से प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) में धांधली होने लगी और बड़े पैमाने पर गैरकानूनी नियुक्तियां शुरू हो गई थीं। इसलिए ईडी अधिकारियों का मानना है कि माणिक भट्टाचार्य के बेटे के खाते में कॉलेजों की ओर से हुए लेनदेन की गहन जांच की जानी चाहिए। इसीलिए अब इनकी सूची बनाकर पूछताछ की तैयारी की गई है।
देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जीरो टॉलरेंस के सिद्धांत का पालन करते हुए अब तक के यूकेएसएसएससी भर्ती में सबसे बड़ी कार्रवाई की है। पूर्व चेयरमैन-सचिव सहित तीन को गिरफ्तार कर लिया है।
उत्तराखंड एसटीएफ़ ने राज्य में यूकेएसएसएससी की ओर से 2016 में कराई गई वीपीडीओ भर्ती परीक्षा में धांधली की जांच में आज आरबीएस रावत पूर्व चेयरमैन,सचिव मनोहर कन्याल,पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को गिरफ़्तार कर लिया गया है। यह भर्ती परीक्षा प्रकरण में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। 2016 के मामले में लंबे समय से जांच चल रही थी लेकिन मुख्यमन्त्री के कड़े रुख़ के बाद जांच एजेंसियों ने भी तेज़ी दिखाई।
मुख्यमंत्री धामी पिछले कई अवसरों पर बार-बार कह रहे हैं कि वो अपने युवा भाई-बहनों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। सरकारी नौकरियों की भर्ती में भ्रष्टाचार का जो दीमक लगा है, उसे वे जड़ से मिटा देंगे। इस क्रम में वीपीडीओ भर्ती में 6 वर्ष बाद विधिसम्मत कार्यवाही कर सीएम ने एक बड़ी लकीर खींच दी है।
मुख्यमंत्री धामी ने एसटीएफ की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि ‘जांच एजेंसियां पूरी निष्पक्षता से अपना काम कर रही हैं। उत्तराखंड के युवा का हक़ मारने वाले किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा।सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य की सभी भर्ती परीक्षाएं स्वच्छ और पारदर्शी हों। आज की कार्रवाई इस बात की मिसाल है कि भविष्य में कोई इन परीक्षाओं में गड़बड़ी करने की हिम्मत न कर सके’।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 6 मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा करवाई गई थी। उक्त परीक्षा 6 मार्च 2016 को समस्त 13 जनपदों के 236 परीक्षा केंद्रों में संचालित की गई थी। परीक्षा में कुल 87196 परीक्षार्थियों द्वारा प्रतियोगी परीक्षा में शामिल हुए थे।
30 मार्च 2016 को परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था। उक्त परीक्षा में धांधली के मद्देनजर विभिन्न शिकायतों के आधार पर उत्तराखंड शासन द्वारा तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति वर्ष 2017 में गठित की गई थी।
जांच समिति की ओर से प्रेषित आख्या के आधार पर सम्यक विचारों के उपरांत और उच्च न्यायालय के निर्देशों के क्रम में उक्त परीक्षा में अनियमितताओं की पुष्टि होने के कारण उक्त परीक्षा परिणाम को निरस्त किया गया।
वर्ष 2019 में सचिव कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग के निर्देशानुसार उक्त परीक्षा में हुई अनियमितताओं के संबंध में जांच सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून को प्राप्त हुई। वर्ष 2020 में सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून द्वारा खुली जांच में पुष्टि होने पर उक्त परीक्षा में हुई अनियमितताओं की पुष्टि होने पर सतर्कता अधिष्ठान देहरादून में मुकदमा अपराध संख्या 01/20 धारा 420/468/467/120 बी आईपीसी व धारा 13 (1) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अभियोग शासन की अनुमति उपरांत पंजीकृत कराया गया था। पंजीकृत होने के बाद वर्ष 2020 से वर्ष 2022 तक उक्त प्रकरण की विवेचना सतर्कता अधिष्ठान देहरादून की ओर से की जा रही थी। वर्ष 2022 माह अगस्त में मुख्यमंत्री के निर्देश अनुसार उक्त प्रकरण की विवेचना एसटीएफ को स्थानांतरित हुई।
एसटीएफ विवेचना को आगे बढ़ाते हुए साक्ष्य संकलन की कार्रवाई की गई। पूर्व में जांच कमेटी द्वारा उक्त परीक्षा से संबंधित ओएमआर शीट को एफएसएल भेजा गया था। एफएसएस से उक्त ओमएमआर शीट में छेड़छाड़ होने की पुष्टि हुई थी। परीक्षा से संबंधित ओएमआर स्कैनिंग/फाइनल रिजल्ट बनाए जाने का का कार्य तत्कालीन सचिव मनोहर सिंह कन्याल के घर पर हुआ था।
विवेचना के दौरान अभी तक 24 से अधिक अभ्यर्थी चिन्हित किए गए हैं और उनके बयान एसटीएफ द्वारा दर्ज किए गए। कई अहम गवाहों के बयान न्यायालय में भी कराए जा चुके हैं जो केस की अहम साक्ष्य है। पूर्व में तीन अभियुक्त मुकेश कुमार शर्मा, मुकेश कुमार,राजेश पाल को एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है।
एसटीएफ पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर आज 8 अक्टूबर तत्कालीन अध्यक्ष यूकेएसएसएससी डॉ रघुवीर सिंह रावत पुत्र स्वर्गीय दुर्गा सिंह रावत निवासी 188/1ऑफिसर सोसायटी वसंत विहार देहरादून से किया गया। जबकि तत्कालीन सचिव यूकेएसएसएससी मनोहर सिंह कन्याल पुत्र प्रताप सिंह कन्याल निवासी वन 169/2 वन विहार शिमला बायपास देहरादून को वर्तमान पद-संयुक्त सचिव लेखा सचिवालय और
तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक यूकेएसएसएससी राजेंद्र सिंह पोखरिया पुत्र स्वर्गीय प्रेम सिंह पोखरिया निवासी 1/29 कृष्ण पुरम माजरी माफी आईआईपी मोहकमपुर को को पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जा रहा है।
बेंगलुरु। सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर हुए शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने जांच तेज कर दी है। यह विपक्षी दल के लिए झटका साबित हो रहा है।
सूत्रों ने कहा कि हाल में कई गिरफ्तारियां हुई हैं, मामला और आगे बढ़ सकता है। एजेंसी ने सोमवार को पांच महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां कीं और अदालत ने आगे की जांच के लिए उनकी हिरासत 1 अक्टूबर तक सीआईडी को दे दी। आरोपी व्यक्तियों से घोटाले के बारे में बड़े खुलासे की उम्मीद की जा रही है।
सिद्धारमैया और अन्य कांग्रेस नेता 40 प्रतिशत कमीशन शुल्क को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने राज्य में पेसीएम पोस्टर अभियान भी शुरू किया है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के अभियान के जवाब में शिक्षक भर्ती घोटाले में बड़ी गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
वरिष्ठ अधिकारियों और राजनेताओं द्वारा समर्थित अधिकारियों ने ऐसे उम्मीदवारों का चयन किया था, जिन्होंने पदों के लिए आवेदन भी नहीं किया था। अधिकारियों ने पहली सूची से बचते हुए दूसरी सूची में उनके चयन की घोषणा की थी। सूत्रों का कहना है कि इस तरह से 12 ऐसे उम्मीदवारों का चयन किया गया था।
सीआईडी इस सिलसिले में समग्र शिक्षण अभियान की निदेशक गीता मेडगौड़ा, पाठ्यपुस्तक विभाग के निदेशक और सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक जी.आर. बसवराजू, के. रत्नैया और डी.के. शिवकुमार को गिरफ्तार कर चुका है। उधर, सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले में अतिरिक्त डीजीपी की गिरफ्तारी से सत्तारूढ़ भाजपा को शर्मिदा होना पड़ा है। कांग्रेस ने गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के इस्तीफे की मांग की है। सूत्रों ने कहा कि इसके जवाब में शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े कांग्रेस समर्थित कुछ और शीर्ष नौकरशाहों और नेताओं की गिरफ्तारी होगी। सीआईडी ने दो अलग-अलग शिकायतों के आधार पर अब तक 19 लोगों को हिरासत में लिया है। भर्तियां 2014-15 में की गई थीं।