अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को अयोध्या पहुंचे। यहां उन्होंने सबसे पहले हनुमानगढ़ी के दर्शन-पूजन किए। संकट मोचन हनुमान के दर्शन कर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सुखी-स्वस्थ उत्तर प्रदेश की कामना की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने रामलला के दर्शन, आरती व परिक्रमा की। महज तीन दिन बाद रामलला अपने भव्य-दिव्य मंदिर में विराजमान होंगे। ऐसे में मुख्यमंत्री ने यहां की सभी व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया।
प्राण-प्रतिष्ठा से जुड़ी तैयारियों की ली जानकारी ली
शुक्रवार सुबह रामनगरी पहुंचने पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्वागत किया। 11 दिन के भीतर (9 जनवरी, 14 जनवरी और 19 जनवरी) सीएम का रामनगरी का यह तीसरा दौरा है। मुख्यमंत्री ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों से प्राण-प्रतिष्ठा से जुड़ी तैयारियों के संदर्भ में भी जानकारी ली।
रामलला के चरणों में लगाई हाजिरी
हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन के उपरांत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला के दर्शन-पूजन किए। यहां उन्होंने संतों-महंतों से भी हालचाल जाना। यहां ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने मुख्यमंत्री को प्राण-प्रतिष्ठा से जुड़ी जानकारी दी। दर्शन-पूजन के दौरान काबीना व प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही, संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, सांसद लल्लू सिंह, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, डॉ. अमित सिंह चौहान, रामचंद्र यादव आदि मौजूद रहे।
Ramnagari
वाराणसी। रामनगरी अयोध्या में जन्मभूमि पर बने रामलला के भव्य मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर मुस्लिम महिलाओं में भी काफी उत्साह है। मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में शनिवार को राम ज्योति लाने के लिए लमही स्थित सुभाष भवन से रामपंथ की राम ज्योति यात्रा अयोध्या के लिए रवाना हुई।
पातालपुरी मठ के महंत बालक दास ने नाजनीन अंसारी को रामध्वजा देकर यात्रा दल को हरी झंडी दिखाई। नाज़नीन अंसारी और डॉ. नजमा परवीन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के बाद सभी लोग 22 जनवरी को राम ज्योति जलाएं तो अयोध्या से राम ज्योति लाने का फैसला किया। इसके लिये रामपंथ की ओर से राम ज्योति यात्रा का आयोजन किया गया।
फाउण्डेशन के सदस्यों के अनुसार यात्रा दल में नाजनीन अंसारी, डॉ. नजमा परवीन, ताजीम भारतवंशी, रोजा भारतवंशी, अफरोज खान शामिल हैं। नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में निकली रामज्योति यात्रा जौनपुर, अकबरपुर होते हुए अयोध्या पहुंचेगी, जहां साकेत भूषण श्रीराम मंदिर के पीठाधीश्वर महंत शम्भू देवाचार्य राम ज्योति सौंपेंगे।
श्रीराम मंदिर और हनुमान गढ़ी में दर्शन के बाद नाजनीन अंसारी राम ज्योति लेकर रविवार को वापस सुभाष भवन पहुचेंगी, जहां पूर्वांचल के सैकड़ों मुसलमान उनके स्वागत के लिए जुटेंगे। राम ज्योति यात्रा की अगवानी विशाल भारत संस्थान के जौनपुर जिला चेयरमैन नौशाद अहमद दूबे चन्दवक में करेंगे। रास्ते में यात्रा का जगह–जगह स्वागत होगा।
मुस्लिम फाउण्डेशन 17 वर्षों से रामभक्ति का रही
1528 ई. में मुगल हमलावर बाबर द्वारा विध्वंस किये गए श्रीराम जन्मभूमि के मंदिर को फिर से बनने और रामलला के विराजमान होने का सपना सभी भारतीयों ने देखा था, उसी में से एक नाज़नीन अंसारी भी थीं। नाजनीन अंसारी पिछले 17 वर्षों से रामभक्ति करती आ रही हैं। रामनवमी पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करती हैं, जिसमें सैकड़ों मुस्लिम महिलाएं शामिल होती हैं।
नाजनीन जब वर्ष 2014 में अयोध्या गयी थीं तो उन्होंने सरयू में स्नान करके हनुमान गढ़ी और श्रीराम जन्मभूमि का दर्शन किया था। तब वे रामलला को टेंट में देखकर बहुत आहत हुई थीं। अयोध्या से लौटने के बाद उन्होंने श्रीराम मंदिर निर्माण के समर्थन के लिए देशभर के मुसलमानों से बात कीं। हजारों की संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने नाज़नीन के कहने पर राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा भी दिया। आज सभी भारतीयों का सपना पूरा हो रहा है।
फाउण्डेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा कि भगवान श्रीराम सबके पूर्वज हैं। 500 सालों के बाद उनका मन्दिर बन रहा है तो हम सबको खुशी है और हम खुलकर खुशी जाहिर करेंगे। नफरत के अंधकार ने हमारे पूर्वजों का चेहरा ढक दिया था। अब राम ज्योति में सबका चेहरा साफ दिख रहा है। उन्होंने कहा कि हम भारतीय भूखण्ड के रहने वाले हैं और हमारे पूर्वज भगवान श्रीराम हैं। धर्म बदल सकते हैं लेकिन अपनी संस्कृति, अपनी परम्पराएं और अपने पूर्वज कभी नहीं बदल सकते। हिंसा, नफरत और आतंकवाद पर राम ज्योति भारी है।
रामपंथ के पंथाचार्य डॉ. राजीव ने कहा कि मुस्लिम बहनों का यह प्रयास हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच एक भावनात्मक रिश्ते को जन्म देगी, जिससे मुसलमानों को अपने पूर्वजों और परम्पराओं से जुड़ने का मौका मिलेगा। राम ज्योति केवल घरों को प्रकाशित नहीं करेगी, बल्कि आत्मा को भी प्रकाशमान बनाएगी और रिश्तों की नई परम्परा शुरू होगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर शोध करने वाली डॉ० नजमा परवीन ने कहा कि भगवान राम के रास्ते पर चलना अब जरूरी हो गया है। हम अपने पूर्वजों और उनके दिए गए संस्कारों को न भूलें, नहीं तो जड़ से अलग हो जाएंगे और हमारी पहचान पर संकट आ जायेगा।
वाराणसी। रामनगरी अयोध्या में बने भव्य मंदिर में आगामी 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण देने रामभक्तों की टोलियां बारिश और ठंड के बावजूद घर-घर पहुंचा रही है।
सामाजिक संगठन प्रणाम वन्दे मातरम् समिति और भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को दशाश्वमेध घाट पर मांझियों का पांव पखारने के बाद उन्हें माला पहना कर समारोह का निमंत्रण आदर के साथ दिया। कार्यकर्ताओं ने मांझी समुदाय से अपील किया कि अपने मकान, नाव, घाट, दुकान व बाजार को सजाकर भजन कीर्तन कार्यक्रम करते 22 जनवरी का दिन यादगार बनाएं। अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण एलईडी स्क्रीन पर देखें। रात में अपने-अपने घरों पर दीपक जलाकर दीपोत्सव मनाएं।
कार्यक्रम के संयोजक अनूप जायसवाल व सोमनाथ विश्वकर्मा ने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के बालस्वरूप नूतन विग्रह को श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे नवीन मंदिर के भूतल के गर्भगृह में विराजित करके प्राण-प्रतिष्ठा की जायेगी। इस शुभ अवसर को देश में दीपावली की तरह मनाया जायेगा। कार्यक्रम में धीरेंद्र शर्मा, सिद्धनाथ गौड़ अलगू, आदित्य गोयनका, दीपक पांडेय,शम्भू मांझी,नंदू मांझी, बचानू मांझी, राकेश मांझी आदि ने भागीदारी की।
अयोध्या। योगी सरकार रामनगरी अयोध्या का न सिर्फ भौतिक, बल्कि आध्यात्मिक रूप से विकास सुनिश्चित कर रही है। भावी पीढ़ी अपने गौरवशाली अतीत से अवगत हो और उन मूल्यों से जुड़ाव महसूस कर सके, इसके लिए योगी सरकार 1987 में पहली बार प्रसारित हुए रामानंद सागर कृत रामायण टीवी धारावाहिक का भी अयोध्या में लगभग सात स्थानों पर विशेष प्रसारण करा रही है। 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद जब 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान होंगे तो अलग ही नजारा होगा, लेकिन उसके पहले वर्तमान व भावी पीढ़ी में प्रभु श्रीराम के त्याग, धैर्य, वैराग्य और पराक्रम की अलख जगाने के लिए योगी सरकार शहर के विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों में एलईडी डिस्प्ले स्क्रीन्स के जरिए निरंतर इसका प्रसारण करा रही है।
रात 11 बजे तक कई स्थानों पर हो रहा प्रसारण
रामायण का प्रसारण शाम पांच बजे से रात 11 बजे तक निरंतर कई स्थानों पर किया जा रहा है। रामकथा पार्क संग्रहालय, कनक भवन के पास, श्रीराम आश्रम, अशर्फी भवन, तुलसी उद्यान, भजन संध्या स्थल, लक्ष्मण किला आदि स्थानों पर इसका प्रसारण किया जा रहा है। प्रभु श्रीराम के विग्रह की श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व ही निराकार रामलला के साकार होने की लालसा ने अयोध्यावासियों को इस कदर भाव विह्वल कर दिया है कि रामायण के प्रसंगों में वह अपने-अपने राम को अंगीकार होते देख रहे हैं।
सर्द रातों में भी सिर चढ़कर बोल रही आस्था
प्रदेश के सूचना व जनसंपर्क विभाग की तरफ से इसका प्रसारण किया जा रहा है। लोगों की आस्था सर्द रात में भी सिर चढ़कर बोल रही है। खास बात यह है कि खुले आसमान के नीचे कड़ाके की सर्दी के बीच भी जब रामायण के प्रसिद्ध प्रसंगों का प्रसारण होता है एक बार चलती सड़क पर जनमानस भी ठिठक जाता है और वह प्रसंग देखकर भाव-विह्वल हो जाते हैं। आलम यह है कि शाम पांच से 11 बजे के बीच जब इसका मंचन होता है तो देर रात प्रसारित हो रहे प्रसंगों का साक्षी अच्छी खासी भीड़ को बनता देखा जा सकता है। इसके अतिरिक्त, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर समेत अयोध्या में विकास कार्यों को गति देने में जुटे श्रमिक अपने दिन भर का कार्य पूरा करके जब घर लौटते हैं तो रास्ते में वह इस प्रसारण को देखकर नई उर्जा से भर उठते हैं और अगले दिन नई उमंग से राम कार्य को पूर्ण करने के लिए काम पर चल देते हैं।
रामायण धारावाहिक के धार्मिक गीत व भजनों से गुंजायमान हुई अयोध्या
रामानंद सागर कृत रामायण के भक्तिगीत व भजन भी रामनगरी में जमकर गूंज रहे हैं। रवींद्र जैन के सुमधुर आवाज में निरंतर ”रामभक्त ले चला रहे राम की निशानी”, ”राम कहानी-सुनो रे राम कहानी”, ”मंगल भवन अमंगल हारी”, ”रामायण चौपाई”, ”हम कथा सुनाते राम सकल गुण धाम की” समेत अनेक भजन यहां के प्रमुख चौक-चौराहों पर सुनने को मिल रहे हैं। पीएम मोदी के 30 दिसंबर को हुए भव्य रोड-शो के दौरान भी ये सभी गीत लगातार लाउडस्पीकर्स के जरिए बजाए जा रहे थे। विभिन्न माध्यमों के जरिए बज रहे ये सभी गीत न केवल कानों को झंकृत कर रहे हैं, बल्कि सुनने वाले की आत्मा में उतर कर आत्मिक संपदा में वृद्धि कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, लता चौक पर सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के कर्णप्रिय स्वर में ”श्रीराम चंद्र कृपालु भजमन” समेत श्रीराम को समर्पित अनेक भजन आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं।
अयोध्या। कड़ाके की ठंड भी अयोध्यावासियों का हौसला न डिगा सकी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दीदार को समूची अयोध्या उमड़ पड़ी। रामनगरी में अभूतपूर्व स्वागत से अभिभूत मोदी ने भी शीश झुकाकर अयोध्यावासियों का अभिवादन किया। आलम यह रहा कि मोदी की मुस्कान पर फिदा रामनगरी ने गुलाब की पंखुड़ियों संग उनका स्वागत किया और मोदी-मोदी की गूंज से अयोध्या को गुंजायमान कर दिया। रास्तों में लगे फूलों की खुशबू में भी आज अलग ही महक थी, क्योंकि अयोध्या के पुनर्विकास के नायक खुद यहां मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर अयोध्यावासियों के मन में अलग की उमंग था। बच्चे हों या बुजुर्ग, महिलाएं हों या युवतियां, सभी प्रधानमंत्री की एक झलक पाने को आतुर दिखे।धर्मपथ से लेकर रामपथ होते हुए अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन पहुंचने के दौरान बच्चे भी जय श्रीराम के साथ मोदी-मोदी की गूंज करते रहे। मोदी ने भी बच्चों को निराश नहीं किया। वे भी यहां के लोगों का अभिवादन करते रहे। रोड शो में प्रधानमंत्री के चेहरे पर मुस्कान रही, जिसने समूचे अयोध्यावासियों का दिल जीत लिया। मोदी की मुस्कान पर फिदा अयोध्या में मोदी-मोदी की गूंज सुनाई दी। अयोध्या की सड़कों पर मोदी का यह स्वागत और भी महत्वपूर्ण हो गया, क्योंकि इसके बाद मोदी जब आएंगे तो रामलला को उनके दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान करेंगे।
लता चौक पर साधु-संतों ने की पुष्पवर्षा
यूं तो पूरे रोड शो के दौरान प्रधानमंत्री पर जोरदार पुष्पवर्षा हुई, लेकिन लता चौक पर भी साधु-संतों ने उन पर पुष्पवर्षा की और उन्होंने आशीर्वाद भी दिया। अयोध्या की नई पहचान बन चुके लता चौक पर भी आम जनमानस की भीड़ ने जोरदार स्वागत किया। यहीं से मोदी अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन के लिए मुड़े तो यहां फूलों से बनी गणपति की छवि काफी आकर्षित कर रही थी। वैसे, आज अयोध्या का शृंगार काफी अद्भुत था। जिसने भी देखा, यह शृंगार देख मन मोह उठा।
लोक कलाकारों ने बांधा समां
प्रधानमंत्री के रोड शो के दौरान कुल 50 मंच बनाए गए थे जिसमें 1400 से अधिक कलाकारों ने प्रस्तुतियां दीं। इसके अतिरिक्त, लता चौक पर एक विशाल मंच बनाया गया था। यहां प्रधानमंत्री मोदी के काफिले पर फ्लावर कैनन से पुष्प वर्षा की गई। धर्मपथ के साथ कलाकारों ने 26 चरणों पर अपना प्रदर्शन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में शंखवादन और डमरू वादन से सभी को झंकृत कर दिया। खजान सिंह और महिपाल ने अपनी टीम के साथ मथुरा, ”बम रसिया” के प्रदर्शन के माध्यम से छाप छोड़ी। इसके अतिरिक्त, मथुरा के लोकप्रिय ”मयूर” नृत्य ने भी कई मंचों की शोभा बढ़ाई। अयोध्या के कई ख्यात कलाकारों ने भी विभिन्न मंचों पर प्रस्तुतियां दीं। ‘अवधी’, ‘वनटांगिया’ और ‘फरुवाही’ समेत विभिन्न संस्कृतियों की लोक कला प्रस्तुतियों के रंगों से सजी अयोध्या में पलवल (हरियाणा) के ‘बीन-बांसुरी’ डांस और राजस्थान की ‘चकरी’ डांस ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
अकेले अयोध्या को 11 हजार 100 करोड़ की सौगात
अयोध्या। एक दिन के दौरे पर अयोध्या पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धर्मनगरी से पूरे देश के लिए विकास परियोजनाओं के सौगातों की झड़ी लगा दी। कुल 15 हजार 700 करोड़ रुपये की परियोजनाओं में अकेले अयोध्या को 11 हजार 100 करोड़ की सौगात मिली। वे यूपी के अन्य जिलों को भी हजारों करोड़ रुपये से होने वाले विकास को गति दे गये।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को अयोध्या स्थित महर्षि बाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। हवाई अड्डे के प्रथम चरण को 1450 करोड़ की लागत से विकासित किया गया है। हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन का फैलाव लगभग 6500 वर्ग मीटर है। उन्होंने यहीं से 15 हजार 700 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की 46 परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया।
यह मिली सौगात
अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन के नवनिर्मित भवन का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उद्घाटन किया। अयोध्या से 06 वंदे भारत और 02 अमृत भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर न सिर्फ यात्रियों को सुविधा प्रदान किया बल्कि आधुनिक सुविधाओं से लैस ट्रेन से यात्रा करने वालों को कम समय में लम्बी दूरी तय करने की सुविधा प्रदान की।
यूपी के अनेक शहरों के लिए खुला पिटारा
वर्ष 2023 के अंतिम शनिवार यानी 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15,700 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। अपने एक दिन के लगभग 03 घंटा 10 मिनट के दौरे में पीएम द्वारा श्रीराम की नगरी से अयोध्या समेत देश के विभिन्न शहरों के लिए भी सौगातों का पिटारा खोला गया।
इनका हुआ शिलान्यास
– राम की पैड़ी से रामघाट तक, राजघाट से श्री राम जन्मभूमि मंदिर तक श्रद्धालु
भ्रमण पथ का सुदृढ़ीकरण एवं जीर्णोद्धार
– 4 ऐतिहासिक घाटों का संरक्षण एवं सौंदर्यीकरण
– एनएच-27 के लखनऊ-अयोध्या खंड में किमी 8.000 से किमी 121.600 तक का ईपीसी मोड में चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण
– एनएच-27 पर अयोध्या बाईपास के किमी 121.600 से किसी 144.020 तक ईपीसी मोड में चौड़ीकरण एवं सुदृढीकरण
– ग्रीनफील्ड टाउनशिप परियोजना
– वशिष्ठ कुंज आवासीय परियोजना
– नगर निगम एवं विकास प्राधिकरण कार्यालय भवन
– सीपेट केंद्र
– गुप्तार घाट एवं राजघाट के मध्य नए पक्के घाटों एवं पूर्व निर्मित घाटों का पुनरुद्धार
– राम की पैड़ी पर दर्शक दीर्घा
इन परियोजनाओं का लोकार्पण
– भक्ति पथ (अयोध्या मुख्य मार्ग से हनुमान गढ़ी होते हुए श्री राम जन्मभूमि तक)
– धर्म पथ (एनएच-27 से नया घाट पुराने पुल तक)
– राजर्षि दशरथ स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय
– एनएच-27 बाईपास महोबरा बाजार होते हुए टेढ़ी बाजार श्रीराम जन्मभूमि तक 4 लेन सड़क
– महर्षि अरुंधति पार्किंग एवं व्यावसायिक संकुल (पूर्वी एवं पश्चिमी)
– सोहावल क्षेत्र के ग्रामसभा-पिखरौली में सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट
– अमेठी के त्रिसुंडी रिफाइनरी की 11 टीएमटीपीए से 60 टीएमटीपीए तक क्षमता उच्चीकरण
– जाजमऊ टेलरी कलस्टर के लिए 20 एमएलडी सीईटीपी की स्थापना
– कानपुर के पनखा में 30 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का विकास
– जाजमऊ जोन में 130 एमएलडी एसटीपी का पुनर्विकास तथा सीवेज ट्रीटमेंट अवस्थापना सुविधाओं का पुनर्विकास
– एनएच-330 ए का जगदीशपुर-फैजाबाद खंड
– एनएच-730 के खुटार-लखीमपुर खंड के किमी 82 से किमी 140 तक का सुदृढीकरण एवं उच्चीकरण
– एनएच- 233 के गोसाई का ताज़ार बाईपास (किमी 240.340) से वाराणसी (किमी 299.350) तक फोर लेन
– जौनपुर-अयोध्या-बाराबंकी रेल लाइन परियोजना के अंतर्गत चार खंडों का दोहरीकरण
– मल्हौर-डालीगंज रेलखंड का विद्युतीकरण के साथ दोहरीकरण
– राम पथ (सहादतगंज से नया घाट तक)
– अमानीगंज में वाहन पार्किंग एवं व्यावसायिक कॉम्लेक्स
– बड़ी बुआ रेलवे क्रॉसिंग पर उपरिगामी सेतु
– अयोध्या-सुलतानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-330 से एयरपोर्ट तक 4 लेन सड़क
– सहादतगंज- नया मार्ग घाट-श्री राम जन्मभूमि तक सड़क
– कलेक्ट्रेट में लक्ष्मण कुंज स्मार्ट वाहन बहुमंजिला पार्किंग
अयोध्या। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के साथ ही योगी सरकार रामनगरी को विश्वस्तरीय पर्यटन नगरी के रूप में भी विकसित कर रही है। इसी क्रम में सरयू नदी के पास गुप्तार घाट पर 75 एकड़ में श्री राम अनुभव केंद्र और पंचवटी द्वीप का निर्माण किया जाना भी प्रस्तावित है। पंचवटी द्वीप पर राम अनुभव केंद्र के निर्माण का उद्देश्य भारतीय जन मानस को अपनी वैदिक सभ्यता पर गौरव करने को प्रोत्साहित करना है, ताकि वो इसे अपने दैनिक जीवन में भी आत्मसात करके एक स्वस्थ व सुखी जीवनयापन कर सकें।
प्रस्ताव के अनुसार राम अनुभव केंद्र के निर्माण के लिए अस्थाई स्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया जाएगा। वर्षा ऋतु में इन टेंपरेरी स्ट्रक्चर को डिसमैंटल कर दिया जाएगा एवं इस दौरान श्री राम अनुभव केंद्र का संचालन नहीं किया जाएगा। सरयू नदी के निकट होने के कारण योगी सरकार ने बाढ़ सुरक्षा और प्रबंधन के तहत प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया है।
एक हजार एकड़ में फैले पंचवटी द्वीप में 75 एकड़ पर राम अनुभव केंद्र के निर्माण का प्रस्ताव है। वर्षा ऋतु के अलावा पंचवटी द्वीप के आसपास नदी का जल स्तर भूमि के लेवल से लगभग 12 फीट नीचे रहता है। इसी वजह से वर्षा ऋतु में बाढ़ की आशंका के चलते श्री राम अनुभव केंद्र का संचालन नहीं किया जाएगा, जिससे बाढ़ का प्रभाव केंद्र पर नहीं होगा। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने हाल ही में एक उच्चस्तरीय बैठक में निर्माण से जुड़ी एनओसी के लिए अपनी संस्तुति प्रदान कर दी है।
वर्षा ऋतु के बाद पुनः होगा स्ट्रक्चर की असेंबलिंग
प्रस्ताव के अनुसार, पंचवटी द्वीप पर बाढ़ सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली पर फोकस रहेगा। इसके तहत वर्षा ऋतु में न श्री राम अनुभव केंद्र का संचालन नहीं होगा, जबकि वर्षा ऋतु की समाप्ति के बाद अक्टूबर माह में इन स्ट्रक्चर को पुनः असेंबल कर श्री राम अनुभव केंद्र का संचालन प्रारंभ किया जाएगा। यही नहीं, स्ट्रक्चर को नदी से पर्याप्त दूरी पर एक 100 फीट का बफर जोन बनाते हुए स्थापित किया जाएगा, ताकि दुर्घटना की कोई संभावना न रहे। राम अनुभव केंद्र के निर्माण एवं संचालन के पूर्व सभी रेगुलेटरी डिपार्टमेंट्स (नगर निगम, फायर सर्विस, विद्युत सुरक्षा व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी प्राप्त करने के बाद ही संचालित किया जाएगा। समस्त नियमों के अनुपालन के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को सम्मिलित करते हुए एक समिति बनाई जाएगी, जो प्रत्येक 15 दिन के अंतराल पर श्री राम अनुभव केंद्र का आकस्मिक एवं नियमित निरीक्षण करेगी, ताकि किसी भी स्तर पर कोई कमी न रहने पाए।
नो प्लास्टिक जोन होगा पंचवटी द्वीप
संपूर्ण प्रोजेक्ट की डिजाइन सेल्फ सस्टेनेबल मॉडल के आधार पर की गई है, जिसका प्रारूप ”अर्थ गंगा परियोजना” के गाइडलाइंस पर तैयार किया गया है। इस परियोजना के अंतर्गत पंचवटी द्वीप नो प्लास्टिक जोन होगा। किसी भी निर्माण के लिए आरसीसी एवं पीसीसी का उपयोग नहीं होगा। निर्माण विधि एवं सीवरेज, स्लज व कूड़े का निस्तारण पर्ण कुटीर का निर्माण बांस व कुश द्वारा किया जाएगा। मल निस्तारण के लिए बायो डाइजेस्टिव सेप्टिक टैंक का उपयोग किया जाएगा, जबकि जल एसटीपी द्वारा मानकों के अनुसार ट्रीट करके बागवानी एवं कृषि में प्रयोग लाया जाएगा।
ऐसा होगा श्री राम अनुभव केंद्र का प्रारूप
इस परियोजना में श्री अन्न (मिलेट्स ग्रेन) की प्रधानता होगी। योग ग्राम साधकों हेतु ध्यान, प्राणायाम , यज्ञ, हवन आदि के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे। नेचुरोपैथी, आयुर्वेद की विधियों के केंद्र स्थापित होंगे। साथ ही कला ग्राम में प्रदेश के सभी जिलों के उत्पादों का प्रदर्शन होगा। पंचवटी द्वीप पर जैविक, कॉस्मिक कृषि से फसल उगाई जाएगी। विलुप्त लोक गायकी एवं संस्कृति कार्यक्रमों द्वारा स्थानीय लोक कलाकारों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इसके अतिरिक्त श्रद्धालुओं के द्वारा अपने पूर्वजों की स्मृति में एक पौधा, अयोध्या की पावन भूमि पर रोपित करने का अवसर दिया जाएगा, जिससे उनमें पर्यावरण के प्रति जागरुकता उत्पन्न हो सके। तरु तल वैदिक विद्यालय की स्थापना होगी, जो आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए होगा। यहां बंबू स्किल डेवलपमेंट एवं साहसिक खेल प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे। स्थानीय किसानों एवं श्रमिकों को पंचवटी द्वीप पर रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे तो कलाग्राम में हस्तशिल्पियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
अयोध्या। राम नगरी के श्री राजगोपाल मन्दिर के वयोवृद्ध दिवंगत महंत कौशल किशोर दास फलाहारी बाबा के पार्थिव शरीर को साधुशाही परंपरा के तहत शोभायात्रा निकालकर अयोध्या के प्रमुख संतों- महंतों के समक्ष सरयू में जल समाधि दी गई। लगभग 90 वर्ष की अवस्था में पिछले कई दिनों से वह बीमारी के करण अस्वस्थ चल रहे थे। कुछ दिन पूर्व उन्हें लखनऊ के हॉस्पिटल में भर्ती किया गया, जहां शनिवार सुबह अंतिम सांस ली। शनिवार को ही उनका पार्थिव शरीर लखनऊ से अयोध्या मन्दिर में लाया गया और मंदिर में भक्तों के दर्शन के लिए रखा गया।
रविवार को राजगोपाल मंदिर से हनुमान गढ़ी, अशर्फी भवन, गोलाघाट, लक्ष्मण किला, हनुमत निवास के रास्ते नया घाट होते हुए यात्रा सरयू घाट पहुंची, जहां उन्हें विधि विधान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस अवसर पर मणिराम छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास, श्रीराम वल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमार दास, लक्ष्मण किला महंत मैथिली रमण शरण, तिवारी मंदिर के महंत गिरीश त्रिपाठी, हनुमंत निवास महंत मिथिलेश नंदनी शरण, संस्कृत विद्यालय के प्राचार्य डॉ. रामानंद शुक्ल, युवा साहित्यकार यतीन्द्र मोहन मिश्र, सद्गुरु कुटी महंत अवध बिहारी दास,रामकचेहरी चारों धाम मन्दिर व सरयू आरती संयोजक महंत शशिकांत दास, डांडिया मन्दिर महंत गिरीश दास, अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह, प्रथम मेयर ऋषिकेश उपाध्याय सहित सैकड़ों की संख्या में लोग अंतिम दर्शन यात्रा में उपस्थित रहे।
फलाहारी बाबा बलरामपुर के निवासी थे और बाल्यकाल में ही वह अयोध्या आ गए । उन्होंने उस समय लक्षमण घाट क्षेत्र स्थित हनुमत निवास के तत्कालीन महंत सिया रघुनाथ शरण से प्रेरित होकर उनके शिष्य बने। जहां पर इनकी शिक्षा दीक्षा हुई। युवा अवस्था तक हनुमत निवास में रहकर विरक्त साधुशाही की परंपरा से जुड़े। 70 वर्षों से अनाज ग्रहण नहीं किया था। सिर्फ दूध और फलाहार ही खाते रहे हैं।
अयोध्या में चर्चा है कि उन्होंने गुरु महंत सिया रघुनाथ शरण के निधन के बाद हनुमत निवास का महंत बनने से इनकार करते हुए गुरु भाई हरेराम शास्त्री को महंत बना दिया। वर्ष 1985 में अयोध्या के प्रसिद्ध मंदिर राजगोपाल के तत्कालीन महंत मधुसूदन दास का भी निधन हुआ। इसके बाद मंदिर ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने फलाहारी बाबा को ही राजगोपाल का महंत बना दिया था, जिसके बाद से अब तक राजगोपाल के महंत बने रहे।