नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में इस बात की घोषणा की कि जल्द ही देश में मिलेट्स संस्थान का गठन किया जाएगा। यह संस्थान किसानों के लिए मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ाने की संभावनाओं पर काम करेगा।
वित्त मंत्री ने आम बजट पेश करते हुए बुधवार को कहा कि मिलेट्स संस्थान किसानों को मोटे अनाज की खेती करने के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ उन्हें हर संभव मदद करेगा।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे अधिक मोटा अनाज का उत्पादन करने वाला देश है। हम दुनिया में मोटा अनाज निर्यात करने में दूसरे स्थान पर हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मार्च, 2021 के दौरान अपने 75वें सत्र में 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष (आईवाईएम) घोषित किया। मोटा अनाज उच्च पोषण मूल्य वाला स्मार्ट भोजन है, जो जलवायु के अनुकूल है और संयुक्त राष्ट्र के कई सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजीएस) के अनुरूप है।
मंत्री ने कहा कि मिलेट्स जैसे कोदो, रागी, बाजरा, ज्वार, सावां, कुट्टू, रामदाना आदि मोटे अनाजों के प्रोडक्शन को भारत में बढ़ाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है।
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रायपुर। रायगढ़ के नटवर स्कूल के पास संचालित मिलेट कैफे को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम ’मन की बात’में सराहा है। उन्होंने देशवासियों से कहा कि जब छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जाने का मौका मिले तो मिलेट कैफे जाकर वहां के व्यंजनों का आनंद जरूर उठाएं। इस कैफे में रागी से बने पास्ता, चीला, इडली, मंचूरियन, मोमोज, पिज्जा, नूडल, दोसा, कोदो से बनी बिरयानी का स्वाद लिया जा सकता है।
इस कैफे की शुरुआत जिला प्रशासन की पहल व सहयोग से हुई। इसका संचालन विकास संघ महिला समूह द्वारा किया जा रहा है। इसमें तकनीकी सहयोग महिला बाल विकास विभाग और ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन द्वारा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में पहली बार महिला स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए महिला समूहों के लिए मिलेट्स आधारित कैफे की शुरुआत की गयी है।
मोटे अनाजों के उत्पादन और उपभोग को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट ईयर के रूप में मनाया जा रहा है। इसमें रागी, कोदो, कुटकी जैसे मोटे अनाजों को शहर के बाजारों तक पहुंचाने के लिए मिशन-मिलेट शुरू किया गया है। प्रदेश के 14 जिलों को इस मिशन में शामिल किया गया है। इसके लिए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद से एमओयू किया गया है।
छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी, रागी की समर्थन मूल्य पर खरीद की जा रही है। इस पहल से छत्तीसगढ़ में मिलेट्स का रकबा डेढ़ गुना बढ़ा है और उत्पादन भी बढ़ा है। छत्तीसगढ़ में मिलेट कैफे भी प्रारंभ हो चुका है। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के नथिया-नवागांव में मिलेट्स का सबसे बड़ा प्रोसेसिंग प्लांट भी स्थापित किया जा चुका है।