नई दिल्ली । कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने कारोबारी गौतम अडानी से सम्बंधित हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामले पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका में हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मद्देनजर अडानी समूह की जांच की मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है कि अडानी समूह में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) और एलआईसी के निवेश के फैसले की भी जांच होनी चाहिए। याचिका में कहा गया है कि एसबीआई और एलआईसी ने अडानी के एफपीओ में 3200 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से निवेश किया, जबकि सेकंडरी मार्केट में उसके शेयरों की कीमत 1800 रुपए प्रति शेयर थी। एसबीआई और एलआईसी की ओर से निवेश की गई रकम सार्वजनिक संपत्ति का हिस्सा थी। जया ठाकुर के पहले इस मामले पर दो और याचिकाएं लंबित हैं।
इस मामले पर सुनवाई के दौरान 13 फरवरी को केंद्र सरकार ने कहा था कि शेयर बाजार के कामकाज में बेहतरी के लिए विशेषज्ञ कमेटी बनाने पर आपत्ति नहीं है, पर ध्यान रखना होगा कि विदेशी निवेश प्रभावित न हो। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र को कमेटी के सदस्यों के नाम के लिए सुझाव सीलबंद लिफाफे में दाखिल करने को कहा। इस मामले पर 17 फरवरी को सुनवाई होने वाली है।
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कोलकाता। तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजीरा बनर्जी और साली मेनका के खिलाफ केंद्रीय सीमा शुल्क विभाग की ओर से चल रही जांच को जल्द पूरा करने का आदेश कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिया है। न्यायमूर्ति टीएस शिव ज्ञानम और हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा कि दो सालों से जांच हो रही है। अब इसे पूरा कर दिया जाना चाहिए।
केंद्र सरकार की ओर से बताया गया है कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल किसी अन्य मामले की सुनवाई की वजह से दिल्ली से कोलकाता नहीं आ पाए हैं। इसमें आगे की तारीख मुकर्रर की जानी चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा कि दिसंबर महीने की किसी तारीख को सुनवाई होगी।
दो सालों पहले अभिषेक बनर्जी की पत्नी को एयरपोर्ट पर रोका गया था। उनके पास दो किलो सोने के जेवर थे जिसके दस्तावेज उनके पास मौजूद नहीं थे। आरोप लगे थे कि वह सोना तस्करी कर रही थीं। उन्हें घंटों तक रोककर रखा गया था जिसके बाद विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट की टीम हवाई अड्डे पर गई थी और कस्टम विभाग तथा अन्य सुरक्षा अधिकारियों को जबरदस्ती धक्का देते हुए अभिषेक की पत्नी को छुड़ा ले गई थी। गुरुवार को ही मामले की सुनवाई होनी थी लेकिन टल गई थी और शुक्रवार को सुनवाई हुई है। घटना वर्ष 2019 के 16 मार्च की है। देर रात को बैंकॉक में जहां मां-बाप रहते हैं वहीं से अभिषेक की पत्नी रुजीरा और उनकी साली मेनका लौट रही थीं। दो किलो सोने के जेवर के साथ उन्हें रोक दिया गया था। करीब सात दिनों बाद 22 मार्च को दोनों के खिलाफ कस्टम विभाग ने प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। इस मामले में पूछताछ के लिए रूजीरा और मेनका को बुलाया गया था। सीमा शुल्क विभाग की इस कार्रवाई के खिलाफ दोनों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। तब हाईकोर्ट की एकल पीठ ने दोनों को राहत दी थी लेकिन सीमा शुल्क की ओर से 2020 में खंडपीठ में मामला दाखिल करा दिया गया था। उसके बाद से लगातार तारीख पर तारीख मिलती रही है।
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने मनी लांड्रिंग मामले के आरोपित और कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार की उनके खिलाफ चल रही जांच पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को नोटिस जारी किया है। जस्टिस मुक्ता गुप्ता की अध्यक्षता वाली बेंच ने ईडी को 15 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
डीके शिवकुमार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि ईडी 2020 के मामले की दोबारा जांच कर रहा है। ईडी इस मामले में 2018 में पहले ही केस दर्ज कर चुका है। ईडी कर्नाटक विधानसभा चुनाव के पहले डीके शिवकुमार को गिरफ्तार करना चाहता है।
कपिल सिब्बल ने कहा कि मनी लांड्रिंग कानून की धारा 13 असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि अगर एक जांच एजेंसी कहती है कि आरोपित के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला बनता है तो फिर दूसरी जांच एजेंसी मनी लांड्रिंग का केस कैसे बना सकती है।
उल्लेखनीय है कि डीके शिवकुमार के खिलाफ सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया है, जबकि ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया।
श्रीनगर । पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां में उत्तर प्रदेश के दो श्रमिकों की हत्या में शामिल आतंकी इमरान बशीर गनई की मौत की जांच की मांग की है।
पुलिस के अनुसार इस हमले में पकड़े गए आतंकी इमरान की निशानदेही पर बुधवार सुबह एक आतंकी ठिकाने पर छापेमारी की गई थी। छापेमारी के दौरान मौके पर छिपे आतंकियों ने जवानों को देखते ही अंधाधुंध गोलीबारी की। आतंकियों द्वारा की गई गोलीबारी में इमरान को गोली लगी और वह मारा गया। इस दौरान मौके का फायदा उठाकर आतंकी फरारा हो गए।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इमरान की मौत कई सवाल पैदा करते हैं। सुरक्षाबलों की मौजूदगी में अगर आतंकी किसी को मार सकते हैं तो फिर आम आदमी की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है। महबूबा ने कहा कि इमरान की मौत से यह सवाल भी पैदा हो रहा है कि कहीं सरकार यहां जम्मू कश्मीर में भी पंजाब की तरह पकड़ो और मारो की नीति तो नहीं अपना रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब में ऐसे कई निर्दाेष लोगों को पकड़कर फर्जी मुठभेड़ों में मारा गया है।
पीडीपी अध्यक्ष मुफ्ती ने कहा कि हमें अंदेशा है कि जैसे-जैसे गुजरात और हिमाचल के चुनाव नजदीक आएंगे, जम्मू कश्मीर में हालात बिगाड़े जाएंगे और इस तरह की घटनाएं होंगी, ताकि भाजपा हिंदू-मुस्लिमों को आपस में बांटने की नीति अपनाकर चुनावी लाभ ले सके।