लखनऊ उत्तर प्रदेश के बांदा की पूर्व डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार मंगलवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित पांचवें राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में प्रदान किया गया। वर्तमान में लखीमपुर खीरी की डीएम के रूप में कार्यरत नागपाल ने जल संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की और से नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव और आवास आयुक्त डॉ. बलकार सिंह ने पुरस्कार ग्रहण किया। सर्वश्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में उड़ीसा को पहला स्थान मिला, जबकि गुजरात और पांडिचेरी को संयुक्त रूप से तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। इस पुरस्कार से यह स्पष्ट होता है कि जल संरक्षण के प्रतिजागरूकता और प्रयासों की दिशा में प्रदेश के कार्यों को सराहा जा रहा है। बांदा जिले ने राष्ट्रीय स्तर पर जल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रदर्शन करते हुए पहला पुरस्कार प्राप्त किया है। यह पुरस्कार मंगलवार को राष्ट्रपति द्वारा लखीमपुर खीरी की तत्कालीन जिलाधिकारी, दुर्गाशक्ति नागपाल को प्रदान किया गया। नागपाल, जो वर्तमान में लखीमपुर की डीएम हैं, ने जल संरक्षण और हर घर तक स्वच्छ जल पहुंचाने के लिए उल्लेखनीय कार्य किए हैं।इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ ने बांदा के डीएम को बधाई दी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार जल संरक्षण को प्राथमिकता दे रही है। सीनियर आईएएस अधिकारी नागपाल ने इस सफलता को सीएम योगी के यशस्वी और दूरदर्शी नेतृत्व का परिणाम बताया। बांदा की पहल ने न केवल जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाई है, बल्कि स्थानीय समुदायों में स्वच्छ जल की उपलब्धता को भी सुनिश्चित किया है। यह पुरस्कार अन्य जिलों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन सकता है, ताकि वे भी जल संरक्षण के प्रति अपने प्रयासों को बढ़ाएं।
president
UPSC Chairman Resign: संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) के अध्यक्ष मनोज सोनी ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही राष्ट्रपति को इस्तीफा दे दिया है लेकिन अभी तक शीर्ष अधिकारियों द्वारा इसे स्वीकार किये जाने की आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। मनोज सोनी ने अपना कार्यकाल समाप्त होने के 5 साल पहले ही इस्तीफा दिया है। प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) की रिपोर्ट के अनुसार, सोनी ने अपने इस्तीफा में कहा है कि,”व्यक्तिगत कारणों” से पद को छोड़ रहे है।
Read Also-सीएम योगी आदित्यनाथ आज आयेंगे प्रयागराज, कुंभ के कार्यों से सम्बंधित होगी बैठक
मनोज सोनी ने कहा कि उनका इस्तीफा,”किसी भी तरह से संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) से जुड़े विवादों और आरोपों से जुड़ा नहीं है, जो प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर का मामला सामने आने के बाद आया था।”
बता दे कि सोनी ने 16 मई, 2023 को यूपीएससी के अध्यक्ष के रूप में शपथ ग्रहण की थी और उनका कार्यकाल 15 मई, 2029 को समाप्त होना था लेकिन सोनी ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से पांच साल पहले ही इस्तीफा दे दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, सोनी के इस्तीफा देने के पीछे गुजरात में स्वामीनारायण संप्रदाय की शाखा ‘अनुपम मिशन’ को माना जा रहा है। सोनी दीक्षा प्राप्त करने के बाद 2020 में मिशन से जुड़े थे। बताया जा रहा है कि वह अब मिशन को अधिक और समय देना चाहते हैं।
सोनी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है। 2005 में गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए मोदी ने ही सोनी को 40 साल की उम्र में वडोदरा के एमएस विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त बनाया था।
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को उनके आवास पर जाकर भारत रत्न से सम्मानित किया। इस अवसर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उपस्थित रहे।
राष्ट्रपति कार्यालय से सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी गई। इसके अनुसार राष्ट्रपति ने लालकृष्ण आडवाणी को उनके आवास पर जाकर भारत रत्न प्रदान किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह और आडवाणी के परिवार के सदस्य उपस्थित थे।
एक दिन पहले यानी शनिवार को राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन में दो पूर्व प्रधानमंत्रियों चौधरी चरण सिंह एवं पीवी नरसिम्हा राव और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर एवं वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया। इन विभूतियों के स्वजनों ने राष्ट्रपति से भारत रत्न सम्मान प्राप्त किया।
आडवाणी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और नानाजी देशमुख के बाद ये सम्मान पाने वाले भाजपा एवं संघ परिवार से जुड़े तीसरे व्यक्ति हैं। आडवाणी ने सात दशक से अधिक समय तक अटूट समर्पण और असाधारण कौशल के साथ देश की सेवा की है। वर्ष 1927 में कराची में जन्मे आडवाणी 1947 में विभाजन की पृष्ठभूमि में भारत चले आए। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के अपने दृष्टिकोण के साथ उन्होंने पूरे देश में दशकों तक कड़ी मेहनत की और सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य में परिवर्तन किया।
एक सांसद के रूप में संवाद पर उनकी आस्था ने संसदीय परंपराओं को समृद्ध किया। गृह मंत्री तथा उप प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने सदैव राष्ट्र हित को सर्वोपरि रखा, जिससे उन्हें दलगत सीमाओं से परे जा कर लोगों ने सम्मान और प्रशंसा प्रदान की। भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान के लिए उनके लंबे और अथक संघर्ष की परिणति 2024 में अयोध्या में श्रीराम मंदिर के पुनर्निर्माण के रूप में हुई। वे स्वतंत्रता के बाद के उन गिने-चुने राजनीतिक नेताओं में हैं जो राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को नया स्वरूप देने और देश को विकास-पथ पर आगे ले जाने में सफल रहे। उनकी उपलब्धियां भारत की सहज प्रतिभा और समावेशी परंपराओं को सर्वोत्तम अभिव्यक्ति प्रदान करती हैं।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो पूर्व प्रधानमंत्रियों पी वी नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर और कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन को आज मरणोपरांत राष्ट्रपति द्वारा भारत रत्न से सम्मानित किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स के माध्यम से कहा कि इन दिवंगत नेताओं के देश के लिए किए गए योगदान को हर भारतीय स्वीकारता है। उन्हें इस बात पर गर्व है कि वे भारत रत्न से सम्मानित किए गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में पीवी नरसिम्हा राव की सराहना की। उन्होंने कहा, “पीवी नरसिम्हा राव गारू ने देश की प्रगति और आधुनिकीकरण को आगे बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया। उन्हें एक सम्मानित विद्वान और विचारक के रूप में भी जाना जाता है। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।”
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा, “चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न देश के विकास, विशेषकर कृषि और ग्रामीण विकास में उनके अतुलनीय योगदान का सम्मान है। मुझे विश्वास है कि कड़ी मेहनत और जनसेवा के लिए उनकी प्रतिबद्धता हमारी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।”
डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा, “कृषि जगत की एक सम्मानित हस्ती को आनुवंशिकी और कृषि विज्ञान के क्षेत्र में उनके अग्रणी कार्य और अनुसंधान के लिए व्यापक रूप से प्रशंसा हासिल है। उनके प्रयासों ने भारत को खाद्य उत्पादन में संघर्ष से आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित किया। उन्हें दिया गया भारत रत्न अधिक से अधिक लोगों को कृषि और खाद्य सुरक्षा में अनुसंधान करने के लिए प्रेरित करे।”
बिहार के मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर पर प्रधानमंत्री ने अपने पोस्ट में कहा, “उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन सामाजिक न्याय और समानता के लिए समर्पित कर दिया। जननायक को समाज के अत्यंत पिछड़े वर्ग के मसीहा के रूप में जाना जाता है। समाज में हाशिये पर खड़े लोगों के उत्थान के लिए उन्होंने अपना बहुमूल्य योगदान दिया। पिछड़े वर्ग के अधिकारों के लिए कर्पूरी जी का अथक संघर्ष हमेशा याद किया जाएगा। उनको भारत रत्न का सम्मान हमारे समावेशी समाज और संवेदनशीलता के भारतीय मूल्यों का ही सम्मान है।”
नई दिल्ली। भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग टोबगे ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। भारत में भूटानी प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति मुर्मू ने इस तथ्य की सराहना की कि उन्होंने प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुना।
उन्होंने कहा कि भारत और भूटान के बीच घनिष्ठ और अद्वितीय संबंध हैं, जो सभी स्तरों पर आपसी विश्वास, सद्भावना और समझ पर आधारित हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि बौद्ध धर्म की साझा आध्यात्मिक विरासत दोनों देशों को जोड़ती है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत भूटान के साथ ऊर्जा सहयोग, विकास साझेदारी, लोगों से लोगों के बीच संबंध, व्यापार और निवेश संबंधों जैसे क्षेत्रों में फैली अपनी बहुआयामी साझेदारी को गहराई से महत्व देता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भूटान एक विश्वसनीय मित्र और भागीदार के रूप में भारत पर भरोसा कर सकता है। उन्होंने कहा कि भूटान के लोगों की सामाजिक-आर्थिक भलाई और समृद्धि को बढ़ाने की दिशा में विकास सहयोग क्षेत्र में भूटान के साथ साझेदारी करना भारत के लिए सौभाग्य की बात है। राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की विकास साझेदारी भूटान की प्राथमिकताओं और आकांक्षाओं, खासकर युवाओं की आकांक्षाओं से निर्देशित होती रहेगी।
नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने ‘एक देश एक चुनाव’ पर अपनी विस्तृत रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है। इस बात की जानकारी कमेटी के सदस्य व केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दी।
गुरुवार को एक्स हैंडल पर राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपने की तस्वीर साझा करते हुए अर्जुन राम मेघवाल ने लिखा- “आज पूर्व राष्ट्रपति आदरणीय रामनाथ कोविंद जी की अध्यक्षता में गठित ‘एक देश एक चुनाव’ कमेटी के सदस्य के रूप में महामहिम राष्ट्रपति आदरणीया द्रौपदी मुर्मू जी को अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी। इस अवसर पर माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह सहित कमेटी के सभी सम्माननीय सदस्यगण उपस्थित रहे।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को रिपोर्ट सौंपे जाने के समय कमेटी के सभी 7 सदस्य उपस्थित थे। इसमें गृहमंत्री अमित शाह, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के.सिंह, संविधानविद् सुभाष कश्यप और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी उपस्थित थे। वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे विदेश में रहने के कारण उपस्थित नहीं रह सके। इस कमेटी में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी सदस्य बनाया गया था, पर उन्होंने असहमति जताते हुए उसी समय इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया था।
गाजियाबाद। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को भारतीय वायुसेना की चार इकाइयों को ‘राष्ट्रपति मानक एवं रंग” पुरस्कार से सम्मानित किया। भारतीय वायुसेना के इतिहास में पहली बार वायु सेना की चार इकाइयों को एक साथ इन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
राष्ट्रपति मानक और रंग पुरस्कार किसी भी सशस्त्र बल इकाई के लिए सर्वोच्च सैन्य सम्मान है। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुनी गई चारों इकाइयों का भारतीय वायुसेना के इतिहास में शानदार योगदान है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर पहुंची और एयरफोर्स के जवानों ने उन्हें परेड कर सलामी दी।
आज गाजियाबाद में हिंडन वायु सेना स्टेशन में आयोजित एक समारोह में 45 स्क्वाॅड्रन और 221 स्क्वाॅड्रन को ‘राष्ट्रपति के मानक” और 11 ‘बेस रिपेयर डिपो” तथा 509 सिग्नल यूनिट को ‘राष्ट्रपति के रंग” पुरस्कार से सम्मानित किया ।
वायुसेना की 45 स्क्वाॅड्रन को ‘फ्लाइंग डैगर्स” के नाम से भी जाना जाता है। इसकी स्थापना 1959 में हुई थी। इस स्क्वाॅड्रन ने 1960 में पुर्तगाली शासन से गोवा की आजादी के लिए ‘ऑपरेशन विजय” में भाग लिया था। वायुसेना की 221 स्क्वाॅड्रन को ‘वैलिएंट्स” के नाम से जाना जाता है। इसकी स्थापना 14 फरवरी 1963 को वैम्पायर विमान से लैस बैरकपुर में की गई थी। इस स्क्वाॅड्रन के गठन के बमुश्किल दो साल बाद इसे 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पूर्वी क्षेत्र में तैनात किया गया था, जहां इसने सराहनीय योगदान दिया था।
इस मौके पर एयरचीफ मार्शल बीआर चौधरी केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह, जतिन प्रसाद चारों यूनिट की ओर से ग्रुप कैप्टन एम सुरेंद्रन, ग्रुप कैप्टन शुभांकन, एयर आफिसर कमांडिंग आशुतोष वैद्य और कमांडिंग आफिसर ग्रुप कैप्टन विवेक शर्मा उपस्थित रहे।
डिंडौरी। मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले में गुरुवार तड़के एक भीषण सड़क हादसा हो गया। यहां बिछिया पुलिस चौकी क्षेत्र अंतर्गत बड़झर घाट पर एक तेज रफ्तार पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर 20 फीट नीचे जा गिरा। इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 लोग घायल हो गए। घायलों को शहपुरा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों में छह पुरुष और आठ महिलाएं शामिल हैं। हादसे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव समेत अन्य नेताओं दुख व्यक्त किया है।
पुलिस के अनुसार ग्राम अमहाई देवरी के रहने वाले लोग गोद भराई के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए मसूरघुघरी थाना इलाके के निवास क्षेत्र में गए थे। वहां वापस लौटते समय गुरुवार तड़के तीन से चार बजे के बीच शहपुरा थाना और बिछिया पुलिस चौकी क्षेत्र अंर्तगत बड़झर घाट पर पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर 20 फीट नीचे खेत में पलट गया। वाहन में 45 लोग सवार थे। इनमें से 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि 21 लोग घायल हो गए। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को शाहपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिजवाया, जहां कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी है। हादसे के बाद मौके पर पहुंचे डिंडौरी कलेक्टर विकास मिश्रा ने 14 लोगों की मौत होने की पुष्टि की है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जगन्नाथ मरकाम ने बताया कि मृतकों की पहचान मदन सिंह (45 वर्ष) पुत्र बाबूलाल आर्मो निवासी अमहाई देवरी, प्रीतम (16 वर्ष) पुत्र गोविंद बरकड़े निवासी पोंडी माल, पुन्नू लाल (55) पुत्र राम लाल अमहाई देवरी, भद्दी बाई (35 वर्ष) पत्नी विश्राम सजानिया जिला उमरिया, सेम बाई (40) पत्नी रमेश निवासी अमहाई देवरी, लाल सिंह (55) पुत्र भानु निवासी अमहाई देवरी, मुलिया बाई (60) पत्नी ढोली निवासी अमहाई देवरी, तितरी बाई (50 वर्ष) पत्नी कृपाल निवासी धमनी जिला उमरिया, सावित्री बाई (55 वर्ष) पत्नी नानसाय पोंडी जिला उमरिया, सरजू (45 वर्ष) पुत्र धनुआ निवासी अमहाई देवरी, रागी बाई (35 वर्ष ) पत्नी चंदू, बसंती (30 वर्ष) रामवती (30 वर्ष) और किरपाल (45 वर्ष) पुत्र सुकाली निवासी अमहाई देवरी के रूप में हुई है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने डिंडोरी में हुई वाहन दुर्घटना में 14 व्यक्तियों के असामयिक निधन पर गहन शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति व परिजनों को इस वज्रपात को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये और घायलों को एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने जिला प्रशासन को घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके को घायलों के उपचार और सभी आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए डिंडोरी भेजा गया है। घटना की उच्चस्तरीय जांच की जाकर समुचित कार्रवाई की जाएगी।
केन्द्र सरकार की ओर से भी सहायता की घोषणा
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स के माध्यम से हादसे पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने पोस्ट किया है कि मप्र के डिंडोरी में हुए हादसे में प्रत्येक मृतक के परिजनों को पीएमएनआरएफ से दो लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके साथ ही घायलों 50,000 रुपये दिए जाएंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्स पर लिखा कि मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले में हुई सड़क दुर्घटना में अनेक लोगों के हताहत होने का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। मैं शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करती हूं। मेरी प्रार्थना है कि इस हादसे में घायल हुए सभी लोग शीघ्र स्वस्थ हों। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी हादसे में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया है।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मध्य प्रदेश के डिंडौरी में हुआ सड़क हादसा दु:खद है। हादसे में असमय जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। ईश्वर उन्हें दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। स्थानीय प्रशासन द्वारा हताहतों को हर संभव मदद पहुंचाई जा रही है। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
मंत्री संपतिया उइके मौके पर पहुंचीं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर मंत्री संपतिया उइके मौके पर पहुंचीं। उन्होंने मीडिया से कहा कि मैं यहां सरकार के प्रतिनिधि के रूप में हूं। यह एक बड़ा हादसा है। दुख की इस घड़ी में हम शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़े हैं।
डिंडोरी कलेक्टर विकास मिश्रा ने बताया कि सड़क दुर्घटना में मृतकों के परिजनों एवं घायलों के लिए रेडक्रॉस से तत्काल राहत राशि प्रदान की गई है। मृतकों के परिजनों को तत्काल 20-20 हजार रुपये, घायलों को 5-5 हजार रुपये की राहत राशि दी गई है। मृतकों की अंत्येष्टि के लिए पीड़ित परिवार को सहायता राशि 5-5 हजार रुपये एवं घायलों को संबल योजना के अंतर्गत सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
वाहन चालक गिरफ्तार
पुलिस के अनुसार पिकअप के चालक अजमेर टेकाम निवासी करोंदी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पिकअप वाहन अनफिट होने का पता भी चला है। पता चला है कि पिकअप वाहन का बीमा अगस्त, 2021 में और वाहन की फिटनेस सितंबर, 2022 में समाप्त हो चुकी थी। यह भी जानकारी मिली है कि वाहन केवल माल ढोने के लिए था।
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को नई दिल्ली में आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के 62वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने देश को खाद्य सुरक्षा प्राप्त करने में अद्वितीय योगदान दिया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि संस्थान ने न केवल कृषि से संबंधित अनुसंधान एवं विकास कार्यों को कुशलतापूर्वक किया है बल्कि इन कार्यों को जमीन पर उतारने का भी काम किया है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि इस संस्थान ने 200 से अधिक नई प्रौद्योगिकियां विकसित की हैं। 2005 और 2020 के बीच आईएआरआई ने 100 से अधिक किस्में विकसित की हैं और इसके नाम पर 100 से अधिक पेटेंट हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में एक बड़ी आबादी खेती से जीविकोपार्जन करती है। भारत की जीडीपी में कृषि का भी महत्वपूर्ण योगदान है। ऐसे में यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि हमारी अर्थव्यवस्था का आधार यथासंभव बढ़े और इसमें कोई बाधा न आए।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने, नई कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने और सुचारु सिंचाई प्रणाली प्रदान करने के लिए काम कर रही है। सरकार ने किसानों को आय सुरक्षा प्रदान करने के लिए सभी फसलों के एमएसपी में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
राष्ट्रपति ने कहा कि किसानों और कृषि से जुड़ी समस्याओं से हम सभी परिचित हैं। हमारे कई किसान भाई-बहन आज भी गरीबी में जी रहे हैं। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए और अधिक तत्परता से आगे बढ़ना होगा कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिले और वे गरीबी के जीवन से समृद्धि की ओर बढ़ें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वर्ष 2047 में जब भारत एक विकसित राष्ट्र के रूप में उभरेगा तो भारतीय किसान इस यात्रा के अग्रदूत होंगे।
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि आज भारत वैश्विक विमर्श में एक प्रमुख हितधारक के रूप में उभरा है। ऐसे में न्याय वितरण में अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भारत के पास देने के लिए बहुत कुछ है। भारत न केवल सबसे बड़ा लोकतंत्र है, बल्कि सबसे पुराना लोकतंत्र भी है। उस समृद्ध और लंबी लोकतांत्रिक विरासत के साथ, हम आधुनिक समय में न्याय वितरण में अपनी सीख दुनिया से साझा कर सकते हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज नई दिल्ली में कॉमनवेल्थ लीगल एजुकेशन एसोसिएशन (सीएलईए) – कॉमनवेल्थ अटॉर्नी और सॉलिसिटर जनरल कॉन्फ्रेंस (सीएएसजीसी) 2024 के समापन समारोह में भाग लिया और इसे संबोधित किया। कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी उपस्थित रहे।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि हमारे संविधान की प्रस्तावना सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय की बात करती है। न्याय वितरण के विषय में हमें सामाजिक न्याय सहित सभी पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के खतरे का सामना कर रही दुनिया में अब हमें पर्यावरणीय न्याय को भी इसमें जोड़ना चाहिए। पर्यावरणीय न्याय के मुद्दे अक्सर सीमाओं में बंधे हुए नहीं हैं। यह सम्मेलन के मुख्य विषय ‘न्याय वितरण में सीमा पार चुनौतियां’ से भी जुड़ा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सही और उचित ही तार्किक रूप से भी सही प्रतीत होता है। यह तीन गुण मिलकर किसी समाज की नैतिक व्यवस्था को परिभाषित करते हैं। कानूनी पेशे और न्यायपालिका के प्रतिनिधि ही व्यवस्था बनाए रखने में मदद करते हैं। इस व्यवस्था को चुनौती मिलने पर वकील या न्यायाधीश, कानून के छात्र या शिक्षक के रूप में यही लोग इसे फिर से सही करने के लिए सबसे अधिक प्रयास करते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि सीएलईए ने एक साझा भविष्य के लिए एक रोडमैप तैयार करने की जिम्मेदारी ली है। यह समानता और गरिमा पर आधारित प्राकृतिक न्याय के बुनियादी सिद्धांतों को रेखांकित करता है। उन्होंने विश्वास जताया कि राष्ट्रमंडल अपनी विविधता और विरासत के साथ, बाकी दुनिया को सहयोग की भावना से आम चिंताओं को दूर करने का रास्ता दिखा सकता है।
राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि सम्मेलन में विभिन्न संस्थानों और विश्वविद्यालयों के डीन, कुलपतियों और विद्वान के साथ-साथ वरिष्ठ छात्रों की भागीदारी से समृद्ध हुई होगी। उन्होंने कहा कि युवा दिमाग लचीले होते हैं और उन समस्याओं के लिए नवीन और आउट-ऑफ-द-बॉक्स समाधान पेश कर सकते हैं, जिन्होंने सबसे अनुभवी पेशेवरों को चुनौती दी है।