मुंबई । लोन फ्रॉड के मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की ओर से सेंट्रल इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (सीबीआई) की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दी है। अवकाश पीठ ने छुट्टी के बाद अदालत के फिर से खुलने पर नियमित बेंच से संपर्क करने के लिए कहा।
कोचर दंपत्ति ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनके वकील कुशल मोरे ने मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया। उन्होंने तर्क दिया कि चंदा कोचर की गिरफ्तारी से पहले उचित मंजूरी नहीं ली गई थी। वकील ने कोचर दंपत्ति के खिलाफ कस्टडी आदेश को भी रद्द करने का आग्रह किया। इसके बावजूद सुनवाई कर रही जज माधव जामदार और जज एस जी चपलगांवकर की अवकाश पीठ ने इस याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वे इस मामले में नियमित कोर्ट के समक्ष अलग से याचिका करें। इस मामले में तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया।
दरअसल, लोन फ्राड मामले में सीबीआई ने चंदा कोचर और दीपक कोचर को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। दोनों इस समय सीबीआई कस्टडी में है। सीबीआई ने सोमवार को इस मामले में वीडियोकोन समूह के वेणुगोपाल धुत को भी गिरफ्तार किया और कोर्ट ने धुत को तीन दिनों तक सीबीआई कस्टडी में भेज दिया है। इन तीनों की गिरफ्तारी 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए 3,250 करोड़ रुपये के आईसीआईसीआई बैंक के ऋण मामले में सीबीआई ने की है।
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