नई दिल्ली/मुंबई। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलएटी) ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के फैसले के खिलाफ अमेरिकी सर्च इंजन कंपनी गूगल की दायर याचिका स्वीकार कर ली है। एनसीएलएटी ने गूगल की याचिका को स्वीकार करते हुए उस पर सीसीआई के 1,337.76 करोड़ रुपये के जुर्माने की 10 फीसदी राशि जमा कराने को कहा है।
एनसीएलटी ने बुधवार को गूगल की याचिका को स्वीकार करते हुए उस पर सीसीआई के 1,337.76 करोड़ रुपये के जुर्माने की 10 फीसदी राशि जमा कराने को कहा है। हालांकि, प्रतिस्पर्धा आयोग की दो सदस्यीय पीठ ने सीसीआई के लगाए जुर्माने के क्रियान्वयन पर तत्काल रोक लगाने से इनकार कर दिया। न्यायधिकरण ने कहा है कि वह अन्य पक्षों को सुनने के बाद ही कोई आदेश देगी। एनसीएलटी ने गूगल की याचिका पर सीसीआई को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही अंतरिम रोक पर सुनवाई के लिए मामले को 13 फरवरी के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने अक्टूबर में एंड्रॉयड मोबाइल उपकरणों के मामले में कई बाजारों में अपनी दबदबे की स्थिति का फायदा उठाने के लिए गूगल पर 1,337.76 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया था। इसके साथ ही सीसीआई ने इंटरनेट क्षेत्र की दिग्गज कंपनी को विभिन्न प्रकार के अनुचित व्यापार व्यवहार से बचने को कहा था।
PENALTY
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को चीफ जस्टिस नियुक्त करने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
यह याचिका ग्राम उदय फाउंडेशन के अध्यक्ष संजीव कुमार तिवारी ने दायर की थी। इसे ख़ारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि ये याचिका पब्लिसिटी के लिए दायर की गई है। इससे पहले 3 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को चीफ जस्टिस के रूप में शपथ लेने से रोकने की मांग करने वाली एक याचिका खारिज की थी।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर को देश के 50वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली है। उनका चीफ जस्टिस के रूप में दो साल से ज्यादा का कार्यकाल होगा और 10 नवंबर 2024 को रिटायर होंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में बीए ऑनर्स और दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई की थी।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम किया था। वे विदेशों के कई यूनिवर्सिटी और लॉ कॉलेजों में व्याख्यान दे चुके हैं। वे अमेरिका के ओकलाहामा यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ और मुंबई यूनिवर्सिटी में कंपरेटिव कांस्टीट्यूशनल लॉ में विजिटिंग प्रोफेसर रह चुके हैं। उन्होंने अपनी वकालत बांबे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में की। उन्हें जून 1998 में बांबे हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट का दर्जा दिया गया। वे 1998 से लेकर मार्च 2000 तक एएसजी रहे। उन्हें 29 मार्च 2000 को बांबे हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया। 31 अक्टूबर 2013 को उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया। 13 मई 2016 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया।
नई दिल्ली । भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने गूगल पर बड़ी कार्रवाई की है। सीसीआई ने इंटरनेट सर्च इंजन गूगल पर विरोधी प्रतिस्पर्धी अभ्यास के लिए 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। सीसीआई ने गुरुवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी है।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के एक बयान के मुताबिक गूगल पर एंड्रॉयड मोबाइल उपकरण बाजार के क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करने को लेकर यह कार्रवाई की है। इसके साथ ही सीसीआई ने प्रमुख इंटरनेट कंपनी को अनुचित कारोबारी गतिविधियों को रोकने और बंद करने का निर्देश भी दिया है। आयोग ने गूगल को एक निर्धारित समय-सीमा के भीतर अपने कामकाज के तरीके को संशोधित करने का निर्देश भी दिया है।
उल्लेखनीय है कि गूगल एक अमेरीकी बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनी है। यह कंपनी इंटरनेट सर्च, क्लाउड कम्प्यूटिंग और विज्ञापन के क्षेत्र में काम करती है। दरअसल, गूगल इंटरनेट पर आधारित कई सेवाओं एवं उत्पाद को बनाता है। इस कंपनी का मुनाफा मुख्यतया अपने विज्ञापन कार्यक्रम ऐडवर्ड्स से होता है।
नोएडा। नोएडा विकास प्राधिकरण को एक के बाद एक दो झटके लगातार लगे हैं। जिनके चलते प्राधिकरण को अब 200 करोड़ रुपए का हर्जाना देना होगा। प्राधिकरण की एक याचिका एनजीटी ने खारिज कर दी थी, वहीं दूसरी तरफ प्राधिकरण की दूसरी याचिका सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज कर दी है। दोनों याचिका अलग-अलग मामलों में लगाई गई थी। फटकार लगने के साथ अब प्राधिकरण को मुआवजा और जुर्माने को मिलाकर कुल 200 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम देनी होगी।
पहले केस के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने छह मई को रेड्डी वीराना के पक्ष में 100 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि का भुगतान छह सप्ताह में करने का निर्देश दिया था। मामले की जानकारी के अनुसार रेड्डी ने 1997 में छलेरा बांगर गांव में 2.18 बीघा 7400 वर्ग मीटर जमीन खरीदी थी। एक साल पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी जमीन मालिक के पक्ष में फैसला सुनाया था। हालांकि मुआवजे की राशि कम थी। इसलिए याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में केस फाइल किया। इस मामले में प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसे खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मुजावजे की राशि ब्याज के साथ देने और इस मामले में पार्टी बने डीएलएफ को बाहर कर दिया।
एर्क अन्य मामले में एनजीटी ने नोएडा प्राधिकरण को जुर्माना लगाया था। इस मामले में नोएडा प्राधिकरण ने एनजीटी में पुर्नविचार याचिका दायर की थी जिसे खारिज करते हुए एनजीटी ने 100 करोड़ रुपए जुर्माना देने का आदेश दिया। कहा कि आप चाहें तो हायर कोर्ट जा सकते हैं।

Welcome To Noida.(photo:Welcome To Noida Twitter)
प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इनकम टैक्स विभाग को लताड़ा है । कोर्ट ने DDIT यूनिट 3 कानपुर के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए है। हाई कोर्ट ने आयकरदाताओं को परेशान किए जाने पर खासी नाराज़गी जताई है। कोर्ट ने केंद्रीय वित्त सचिव को ऐसा मैकेनिज्म बनाने का आदेश दिया है जिसमे आयकरदाताओं को नाहक परेशान न किया जाये। इनकम टैक्स विभाग के खिलाफ कोर्ट ने आदेश में कड़ी टिप्पणियां भी की हैं।
जुर्माने से बचने के लिए इनकम टैक्स ने ज़इ कोर्ट ने गुहार लगाई है। पहली सितंबर को हाईकोर्ट जुर्माने की रकम पर बहस सुनेग। इस मामले में इनकम टैक्स के 3 बड़े अफसरों पर होगी कार्रवाई।