मास्को । पंजाब के होशियारपुर के 7 लोगों ने वीडियो जारी कर रूस पर दर्जनों भारतीयों को धोखा देकर उन्हें यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए जबरदस्ती सैन्य प्रशिक्षण देने का आरोप लगाया है।
रिपोर्ट के मुताबिक रूस में फंसे इन भारतीयों ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भारत लौटने में मदद करने की अपील की है। उनका कहना है कि उन्हें कभी भी यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए भेजा जा सकता है।
सात भारतीय नागरिकों का 105 सेकेंड का वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें 7 लोग एक गंदे कमरे में खड़े हैं। उनमें से गगनदीप सिंह नामक व्यक्ति पूरा मामला बता रहा है। बाकी 6 उसके पीछे छिपने की कोशिश कर रहे हैं।
गगनदीप बताता है कि वे नए साल में रूस घूमने आए थे। एक एजेंट ने उन्हें कई जगहों पर घुमाया। इसके बाद एजेंट ने कहा कि वो बेलारूस ले जाएगा। उन लोगों को नहीं पता था कि बेलारूस घूमने के लिए वीजा लगता है। इसके बाद एजेंट पैसा मांगने लगा। सभी लोगों ने जितने पैसे थे, एजेंट को दे दिए। इसके बाद बाकी पैसे न देने पर एजेंट ने उन लोगों को हाईवे पर छोड़ दिया, जहां उन्हें पुलिस ने पकड़कर रूस की आर्मी को दे दिया।
रूस की सेना ने धमकी दी कि सभी लोग जॉब करने को लेकर एक कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लें, नहीं तो उन्हें 10 साल की सजा होगी। इसके बाद आर्मी ने सभी से हस्ताक्षर करवा कर ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी। तब जाकर भारतीयों को पता चला कि उनके साथ धोखा हुआ है। गगनदीप का कहना है कि उन्हें बंदूक चलाना भी नहीं आता। रूस कभी भी उन्हें यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए तैनात कर सकता है। कई भारतीयों को पहले ही युद्ध के लिए भेजा जा चुका है।
रिपोर्ट के मुताबिक, चार भारतीयों को रूस-यूक्रेन सीमा पर रूसी सैनिकों के साथ लड़ने के लिए मजबूर किया गया। इनमें से एक तेलंगाना और तीन कर्नाटक के हैं। यह कब का मामला है, यह स्पष्ट नहीं है।
रिपोर्ट में बताया गया कि रूसी कंपनियों ने इन भारतीयों को हेल्पर के तौर पर काम करने के लिए तैनात किया था। इसके बाद इन्हें रूस की निजी सेना कहे जाने वाले वैगनर ग्रुप में भर्ती करवा दिया गया और जंग के मैदान में छोड़ दिया गया। इन लोगों के परिजन ने बताया कि कुछ एजेंट्स ने दिसंबर 2023 में नौकरी के नाम पर धोखे से भारतीयों को रूस भेज दिया था। अब ये भारतीय मदद की गुहार लगा रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 60 अन्य भारतीयों को भी झांसा देकर वैगनर आर्मी में शामिल किया गया है। महाराष्ट्र के एक व्यक्ति ने इन लोगों से रूसी भाषा में लिखा कॉन्ट्रैक्ट साइन कराया था। इन्हें बताया गया कि यह हेल्पर की नौकरी के लिए हैं।
Panjab
चंडीगढ़ । पाकिस्तान द्वारा जहां ड्रोन के जरिए आए दिन नशीले पदार्थ भारतीय सीमा में गिराए जा रहे हैं वहीं बीती रात पाकिस्तान ने ड्रोन की मदद से भारतीय सीमा में हथियार भी गिराए हैं। बीएसएफ ने हथियार व ड्रोन को बरामद करके पाकिस्तानी मंसूबों को विफल बना दिया। आशंक जताई जा रही है कि इन हथियारों का इस्तेमाल पंजाब में टारगेट कीलिंग जैसी घटनाओं को अंजाम देने के लिए किया जाना था।
बीएसएफ के अनुसार यह बरामदगी तरनतारन के अंतर्गत आते गांव खालड़ा से की गई है। बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि रात के समय जवानों को ड्रोन गतिविधि देखने को मिली। जिसके बाद इलाके में सर्च अभियान चलाया। जवानों ने पहले इलाके में छोटा क्वार्डकॉप्टर डीजेआई माविक 3 ड्रोन बरामद किया। इसके बाद भी जवानों ने अपना सर्च अभियान जारी रखा। सर्च के दौरान जवानों को एक पीले रंग का पैकेट मिला। इस पैकेट को खोलकर जब जांच की गई तो इसमें से दो पिस्टल मिली। यह ऑस्ट्रिया मेड अत्याधुनिक ग्लॉक पिस्टल थी। विशेषज्ञों ने प्रारंभिक जांच के आधार पर बताया है कि इस पिस्टल का इस्तेमाल अक्सर टारगेट किलिंग जैसी घटनाओं को अंजाम देने के लिए किया जाता है। बीएसएफ ने बरामद हथियार व ड्रोन को जांच के लिए एफएसएल के हवाले कर दिया है।
नई दिल्ली । पंजाब में पराली जलाने के मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार को राजनीति छोड़ कर इस मुद्दे पर विचार करना चाहिए कि पंजाब में धान की खेती को किस तरह हतोत्साहित किया जा सकता है। जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अगर इसी तरह आरोप-प्रत्यारोप चलता रहा तो राज्य में सूखे की स्थिति पैदा हो जाएगी। यह केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य के चलते हो रहा है।
सुनवाई के दौरान जस्टिस हिमांशु धूलिया ने कहा कि किसानों को विलेन बनाया जा रहा है, उनकी समस्या को कोई नहीं सुन रहा। उनके पास पराली जलाने के कुछ तो कारण होंगे, हमें इस पर विचार करने की जरूरत है। सुनवाई के दौरान जस्टिस कौल ने कहा कि साथी जज जस्टिस धूलिया सुझाव दे रहे हैं कि पराली जलाने वालों को धान उगाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने कहा कि हमने पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है और करीब सौ एफआईआर दर्ज कर लगभग दो करोड़ रुपये का जुर्माना वसूल किया है। पंजाब सरकार ने कहा कि पंजाब के छह जिले में पूरी तरीके से पराली नहीं जलाया गया है। जस्टिस कौल ने कहा कि जो लोग कानून का उल्लंघन कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कानून का उल्लंघन करने वाले लोगों को आर्थिक लाभ क्यों मिले।
चंडीगढ़ । पंजाब से एक बड़ी खबर आ रही है। पंजाब पुलिस ने राज्य में खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ बड़े पैमाने पार कार्यवाई शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के छह साथियों को जालंधर के महतपुर इलाके के पास से हिरासत में लिया गया। इस दौरान अमृतपाल खुद पुलिस से बचकर भागब गया । पुलिस ने अमृतपाल का पीछा किया और सूत्रों के अनुसार, मोगा जिले से उसे पकड़ लिया गया। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।
पुलिस थाने पर हमले के मामले में शनिवार को पंजाब पुलिस ने वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह के छह साथी हिरासत में लिए। वहीं अमृतपाल की भी गिरफ्तारी की चर्चा है , लेकिन इसकी अभी पुष्टि नहीं हो पा रही है। अफवाहों पार रोक लगाने के लिए पंजाब के कई जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, अमृतपाल की गिरफ्तारी से माहौल न बिगड़े, इसलिए नेट सेवाएं बंद की गई हैं।
हालांकि मोगा के एसएसपी जे इलेनचेलियन का कहना है कि अभी तक अमृतपाल को गिरफ्तार नहीं किया गया है, उसकी तलाश में ऑपरेशन जरूर चल रहा है। इससे पहले अमृतपाल सिंह के छह साथियों को जालंधर के महतपुर इलाके के पास से हिरासत में लिया गया। इस दौरान अमृतपाल खुद पुलिस से बचकर निकला । पुलिस ने अमृतपाल का पीछा किया और सूत्रों के अनुसार, मोगा जिले से उसे पकड़ लिया गया। वहीं अमृतपाल के साथी भगवंत सिंह बाजेके उर्फ प्रधानमंत्री के पीछे भी पुलिस लगी हुई है। सूत्रों ने बताया कि उसकी थोड़ी देर में गिरफ्तारी हो सकती है।
इससे पहले बठिंडा के रामपुरा फूल में रखा गया अमृतपाल का समागम भी कैंसल कर दिया गया था। अमृतपाल को वहां सवेरे साढ़े नौ बजे पहुंचना था लेकिन वह नहीं पहुंचा तो स्टेज से कार्यक्रम रद्द करने का एलान कर दिया गया।
यह है मामला
रूपनगर जिले के चमकौर साहिब के वरिंदर सिंह ने लवप्रीत सिंह व अमृतपाल समेत उसके 30 समर्थकों पर अपहरण व मारपीट की शिकायत दर्ज करवाई गयी थी, जिसके बाद लवप्रीत व एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था। एक आरोपी को तो पुलिस ने पहले ही रिहा कर दिया था लेकिन लवप्रीत को रिहा करने के लिए अमृतपाल ने थाने के बाहर धरने की चेतावनी दी थी। अमृतपाल श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप के साथ अपने समर्थकों सहित थाने पहुंचा। पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की तो उग्र भीड़ ने बैरिकेड तोड़ डाले और तलवारों व बंदूकों के साथ थाने पर हमला कर दिया, जिसमें एसपी समेत छह पुलिसकर्मी जख्मी हो गए।
चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वाडिंग और उनके सहयोगी सुखपाल सिंह खैरा पर जालसाजी का मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि उन्होंने एक गढ़े हुए लेटरहेड पर नियुक्त अध्यक्षों की एक सूची साझा की थी, जिस पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के जाली हस्ताक्षर थे।
मोहाली के फेज 1 थाने में आप की मोहाली जिलाध्यक्ष प्रभजोत कौर की शिकायत पर शनिवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 465 और 471 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 डी के तहत मामला दर्ज किया गया। शिकायतकर्ता ने कहा कि उन्होंने देखा है कि राजा वाडिंग और खैरा ने ट्विटर पोस्ट के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा नियुक्त अध्यक्षों के नामों का विवरण देते हुए एक जाली दस्तावेज पोस्ट किया था। कौर ने कहा कि आप की जिला अध्यक्ष होने के नाते उन्होंने दिल्ली में पार्टी कार्यालय से इस दस्तावेज की वास्तविकता को व्यक्तिगत रूप से सत्यापित किया। उनके संज्ञान में आया है कि केजरीवाल या पार्टी के किसी अधिकारी द्वारा ऐसी कोई सूची प्रकाशित नहीं की गई है।
शिकायतकर्ता ने कहा है कि राजा वाडिंग और सुखपाल खैरा ने जानबूझकर और दुर्भावना से पार्टी की प्रतिष्ठा को बदनाम करने के इरादे से और पंजाब में अशांति पैदा करने के इरादे से जालसाजी और फर्जी समाचार प्रकाशन के इस अवैध कार्य को अपनी चिढ़ाने वाली टिप्पणियों के साथ किया था। उन्होंने पंजाब के लोगों को गुमराह किया।