नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि बीते 7 अक्टूबर को इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शुरू हुए युद्ध के बाद सोशल मीडिया कंपनी मेटा व्यवस्थित रूप से इंस्टाग्राम और फेसबुक (मेटा की सहायक सोशल मीडिया कंपनियां) पर फिलिस्तीन के समर्थन में आवाजों को चुप करा रहा है.
‘मेटाज़ ब्रोकेन प्रॉमिसेस: सिस्टेमिक सेंसरशिप ऑफ पैलेस्टीन (फिलिस्तीन) कंटेट ऑन इंस्टाग्राम एंड फेसबुक’ शीर्षक वाली 51 पेज की रिपोर्ट में इस मानवाधिकार समूह ने उन आवाजों को अनुचित तरीके से दबाने और हटाने के एक पैटर्न का दस्तावेजीकरण किया है, जिसमें फिलिस्तीन के समर्थन में शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति और मानवाधिकारों के बारे में सार्वजनिक बहस शामिल है। इसमें कहा गया है कि उसने ‘सेंसरशिप के छह प्रमुख पैटर्न की पहचान की है, जिनमें से प्रत्येक कम से कम 100 मामलों में बार-बार दोहराए गए हैं’।
इनमें ‘सामग्री हटाना , एकाउंट को निलंबित करना या हटाना, सामग्री से जुड़ने में असमर्थता, एकाउंट को फॉलो करने या टैग करने में असमर्थता, इंस्टाग्राम/फेसबुक लाइव जैसी सुविधाओं के उपयोग पर प्रतिबंध और ‘शैडो प्रतिबंध’, यानी जो बिना सूचना के किसी व्यक्ति की पोस्ट या एकाउंट की दृश्यता में महत्वपूर्ण कमी को दर्शाता है’, आदि शामिल हैं।
इसके अलावा 300 से अधिक मामलों में यह पाया गया कि ‘उपयोगकर्ता सामग्री या एकाउंट हटाने के खिलाफ अपील करने में असमर्थ थे, क्योंकि अपील तंत्र में खराबी थी, जिससे उन्हें किसी उपाय तक कोई प्रभावी पहुंच नहीं मिली.’
ह्यूमन राइट्स वॉच में कार्यवाहक सहयोगी प्रौद्योगिकी और मानवाधिकार निदेशक डेब्रा ब्राउन ने कहा, ‘फिलिस्तीन के समर्थन वाली सामग्री पर मेटा की सेंसरशिप अकथनीय अत्याचारों और दमन के समय जख्मों पर नमक छिड़कती है, जो पहले से ही फिलिस्तीनियों की अभिव्यक्ति को दबा रही है। ’ उन्होंने कहा, ‘लोगों के लिए गवाही देने और दुर्व्यवहार के खिलाफ बोलने के लिए सोशल मीडिया एक आवश्यक मंच है, जबकि मेटा की सेंसरशिप फिलिस्तीनियों की पीड़ा के दस्तावेजीकरण को मिटाने में मदद कर रही है.’
ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि उसने 60 से अधिक देशों में ऑनलाइन सेंसरशिप के 1,050 मामलों की समीक्षा की है. इसमें कहा गया है कि सैकड़ों मामलों में मेटा ने अपनी ‘डेंजरस ऑर्गनाइजेशन एंड इंडिविजुअल्स’ (डीओआई) नीति को लागू किया था, जो ‘आतंकवादी संगठनों’ की अमेरिकी सूची को पूरी तरह से शामिल करती है। इसका आरोप है कि मेटा ने हिंसक और ग्राफिक सामग्री, हिंसा और उकसावे, नफरत फैलाने वाले भाषण, नग्नता और यौन गतिविधि पर अपनी नीतियों को भी ‘गलत तरीके से लागू’ किया है.
मानवाधिकार संगठन ने कहा, ‘मेटा ने कथित तौर पर अपनी ‘न्यूज़वर्थी अलाउंस’ नीति को असंगत रूप से लागू किया है, फिलिस्तीनी चोट और मौत का दस्तावेजीकरण करने वाली सामग्री के दर्जनों पोस्ट हटा दिए हैं, जिनका समाचार के तौर पर महत्व है.’
समाचार वेबसाइट अल जजीरा ने बीते अक्टूबर महीने में एक विश्लेषण में पूछा था कि क्या सोशल मीडिया दिग्गज इजरायल के युद्ध के बीच फिलिस्तीन समर्थक आवाजों को सेंसर कर रहे हैं?
इसमें कहा गया है कि ‘अमेरिका से लेकर यूरोप और भारत तक के उपयोगकर्ताओं और कार्यकर्ताओं का कहना है कि दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इजरायल की आलोचना करने वाली सामग्री की पहुंच को कम कर रहे हैं.’
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वेस्ट बैंक । इजराइली सेना की गुरुवार को वेस्ट बैंक में की गई छापेमार कार्रवाई में 11 फलस्तीनी नागरिक मारे गए। फलस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों बताया कि वेस्ट बैंक के जेनिन में इजराइली सैनिकों ने छापेमारी की, जिसमें कम से कम 11 फलस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई। साथ ही कई लोगों को गिरफ्तार किया गया।
फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उत्तरी वेस्ट बैंक में इजराइली ऑपरेशन के दौरान एक जख्मी युवक की मौत हुई। साथ ही रात में दो फलस्तीनियों की मौत हुई थी। वहीं, इजरायली सेना ने कहा कि 12 दिसंबर को शुरू हुए ऑपरेशन में कई जगहों पर तलाशी ली गई और सैकड़ों संदिग्धों से पूछताछ की गई।
इजरायली सेना ने कहा कि उन्होंने छह विस्फोटक प्रयोगशालाओं, भूमिगत सुरंग शाफ्ट और विस्फोटक उपकरणों को नष्ट किया है। फलस्तीनी कैदी क्लब एडोवोकेट समूह ने कहा कि 12 दिसंबर की सुबह छापेमारी शुरू होने के बाद से इजराइली सैनिकों ने सैकड़ों नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से अधिकांश को रिहा कर दिया गया है।
जेनिन में फलस्तीनी रेड क्रिसेंट के निदेशक महमूद अल-सादी ने बताया कि इजरायल मरीजों को ले जाने वाले एम्बुलेंस को कैंप में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे पास छह एम्बुलेंस हैं, लेकिन हम उन मरीजों तक भी नहीं पहुंच सकते, जिन्हें अस्पताल ले जाने की जरूरत है, जिनमें से कुछ को डायलिसिस की जरूरत है।
इधर, सेना ने अपने बयान में कहा कि विस्फोटों और गोलीबारी के कारण चार सैनिक मामूली रूप से घायल हो गए। सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में देखा गया कि सैनिकों ने एक मस्जिद पर कब्जा कर लिया, जहां दूर से छिटपुट गोलीबारी की आवाजें सुनी जा सकती थीं।
यरुशलम । इजराइली लड़ाकू विमानों ने शनिवार-रविवार की रात खान यूनिस और रफाह शहरों पर बमबारी कर फलस्तीनी लोगों को जान-माल का भारी नुकसान पहुंचाया है। फलस्तीन के गाजा पट्टी में इजराइली बमबारी से कहीं भी कोई नागरिक सुरक्षित नहीं है। समय बीतने के साथ उनके लिए रहने की जगह कम होती जा रही है।
इजराइली हमले का लगातार निशाना बन रहा यह वही रफाह शहर है जहां दक्षिण गाजा में रहने वाले फलस्तीनियों को सुरक्षा की दृष्टि से जाने के लिए इजराइली सेना कह रही है। युद्धविराम के बाद महज तीन दिनों की लड़ाई में घायल हुए लोगों से गाजा के अस्पताल भर गए हैं। इजराइली हमलों से गाजा में अभी तक कुल 15,400 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, जबकि 40 हजार से ज्यादा घायल हुए हैं।
इजराइली सेना जिस तरह से दक्षिणी गाजा के सबसे बड़े शहर खान यूनिस को निशाना बना रही है उससे संकेत मिल रहा है वहां जल्द ही इजराइली सेना का प्रवेश होने वाला है। शुक्रवार से शुरू हुए युद्ध के दूसरे चरण में इजराइली सेना शहर पर लगातार हवाई हमले और टैंकों से गोलाबारी कर रही है।
दक्षिणी गाजा में भी जमीनी सैन्य कार्रवाई शुरू करने का संकेत देते हुए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि पूरे गाजा में जमीनी कार्रवाई के बिना युद्ध के उद्देश्यों की प्राप्ति संभव नहीं है। इजराइल के छेड़े युद्ध का उद्देश्य हमास को खत्म करना और अगवा कर बंधक बनाए गए सभी लोगों को सुरक्षित रिहा करवाना है।
खान यूनिस और अन्य दक्षिणी इलाकों में रहने वाले आमजनों को रफाह जाने के लिए इजराइली सेना लगातार संदेश दे रही है। लेकिन दक्षिण के लोग कह रहे हैं इजरायली सेना जिस रफाह शहर में जाने के लिए कह रही है वहीं पर वह हमले कर रही है। इजराइली सेना गाजा पट्टी को फिलहाल तीन हिस्सों में बांटकर कार्रवाई कर रही है। कहा है कि हमास के ठिकानों को तलाशकर उन्हें नष्ट किया जा रहा है।
गाजा सिटी के मूलवासी 37 वर्षीय माहेर ने टेलीफोन से बताया है कि इजराइली सेना के कहने पर वह दक्षिण के अल करारा कस्बे में आए। युद्धविराम के बाद जब इजराइली हमले शुरू हुए तब वह अपने तीन बच्चों के परिवार के साथ बचने के लिए खान यूनिस शहर के भीतरी इलाके में आ गए, लेकिन अब वह बमबारी के बीच रफाह जाने की कोशिश में हैं।
गाजा के अल शिफा हॉस्पिटल के नीचे सुरंग में इजराइली सेना ने बरामद किया हमास का हथियारों का जखीरा
तेल अवीव। फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास और इजरायल के बीच एक महीने से अधिक से लड़ाई चल रही है। इजरायली सेना गाजा में जमीनी कार्रवाई कर रही है। गाजा का सबसे बड़ा अस्पताल अल शिफा इजरायल के कंट्रोल में है। इजरायली सेना ने अल शिफा हॉस्पिटल में हमास के आतंकियों की सुरंग खोज खोजी है। इसके साथ ही हथियारों का बड़ा जखीरा भी मिला है। इजरायली सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कई तस्वीरें और वीडियो पोस्ट कर बताया है कि हमास द्वारा किस तरह अस्पतालों का इस्तेमाल अपने ठिकाने के रूप में किया जा रहा था। वहां आतंकी हथियारों का भंडार रखते थे।
अस्पतालों से भारी मात्रा में हथियार बरामद
हमास और इजरायली सेना के बीच हो रही भीषण गोलीबारी के चलते यूएन ने रफाह बॉर्डर से राहत सामग्री भेजना रोक दिया है। इजरायली सेना ने गुरुवार को बताया कि उसने अल शिफा हॉस्पिटल में हमास के आतंकियों का टनल खोजा है। अल शिफा गाजा का सबसे बड़ा अस्पताल है।
इजरायली सेना ने बुधवार को अल शिफा अस्पताल पर छापा मारा था। इजरायल का कहना है कि हमास अल शिफा का इस्तेमाल अपने कंट्रोल सेंटर के रूप में कर रहा था। इजरायल डिफेंस फोर्सेज ने कहा है कि उसे अल शिफा और अल कुद्स अस्पताल में भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक मिले हैं।
इजरायल डिफेंस फोर्सेज ने हमास द्वारा अस्पतालों का इस्तेमाल किए जाने के संबंध में वीडियो और तस्वीरें एक्स पर पोस्ट की गईं हैं। इजरायल डिफेंस फोर्सेज ने बताया है कि उसे शिफा अस्पताल परिसर में एक कार मिली। इसमें बड़ी संख्या में हथियार रखे गए थे। कार से मिले हथियारों में एके-47, आरपीजी, स्नाइपर राइफल, हथगोले और अन्य विस्फोटक शामिल हैं। एक अन्य वीडियो में IDF ने बताया है कि हमास द्वारा बच्चों के बिस्तर के अंदर रॉकेट और एंटी टैंक मिसाइलें रखे जाते हैं।
बंधक बनाई गई 65 साल की महिला का शव मिला
इजराइल ने बताया है कि उसे बंधक बनाई गई 65 साल की महिला येहुदित वीस का शव गाजा में शिफा अस्पताल के निकट एक इमारत में मिला है। शव के पास हमास के आतंकियों के एके-47, आरपीजी और अन्य सैन्य उपकरण भी पाए गए। हमास ने सात अक्टूबर को किबुत्ज बेरी से येहुदित को अगवा किया था। आतंकियों ने उनके पति श्मुलिक वीस की हत्या कर दी थी। येहुदित और शमुलिक 5 बच्चों के माता-पिता थे।
गुटेरेस गाजा में एंबुलेंस काफिले पर हुए हमले से भयभीत, फिर किया मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान
संयुक्त राष्ट्र, । संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि वह इजराइली सुरक्षा बलों का गाजा में एंबुलेंस काफिले पर हमला भयभीत करने वाला है। यह बात उन्होंने शनिवार को जारी बयान में कही।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गुटेरेस ने कहा, गाजा में अल-शिफा अस्पताल के बाहर एंबुलेंस काफिले पर कथित हमले से मैं भयभीत हूं। अस्पताल के बाहर सड़क पर बिखरे शवों की तस्वीरें भयावह हैं। संघर्ष रुकना चाहिए। उन्होंने मानवीय संघर्ष विराम के अपने आह्वान को फिर दुहराया है।
एक अन्य रिपोर्ट्स के अनुसार इससे पहले अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने शुक्रवार को गाजा में नागरिकों को मानवीय सहायता बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात कर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस मुलाकात में उन्होंने साफ किया कि इजराइल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है पर अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का सम्मान किया जाना चाहिए।
तेलअवीव। इजराइल और हमास के बीच चल रही भीषण जंग में आम लोगों की भी मौतों के साथ इसको कवर कर रहे पत्रकारों की मौतों की भी बड़ी संख्या है। इजराइल फिलिस्तीन पत्रकार मीडिया स्वतंत्रता संगठन ने दावा किया है कि इजराइल-हमास युद्ध में अब तक 34 पत्रकारों की जान जा चुकी है।
मीडिया की आजादी के लिए काम करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय संगठन ने बुधवार को कहा कि इजराइल और हमास के बीच युद्ध में 34 पत्रकार मारे गए हैं। इसके साथ ही समूह ने दोनों पक्षों पर युद्ध अपराधों में शामिल रहने का आरोप लगाया है। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स नामक इस संगठन ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) के अभियोजकों से पत्रकारों की मौतों की जांच करने का आह्वान किया।
संगठन ने कहा कि उसने पहले ही गाजा पट्टी में नागरिक क्षेत्रों पर इजराइल की बमबारी में 8 फिलिस्तीनी पत्रकारों और हमास के हमले में एक इजराइली पत्रकार के मारे जाने की शिकायत दर्ज कराई है। संगठन के महानिदेशक क्रिस्टोफ डेलॉयर ने कहा कि खास कर गाजा में पत्रकारों को जिस तरह से निशाना बनाया गया है, उसकी आईसीसी के अभियोजकों द्वारा प्राथमिकता से जांच किए जाने की जरूरत है।
इस संगठन का मुख्यालय फ्रांस में है। इस बीच मीडिया की आजादी के लिए काम करने वाले एक अन्य संगठन कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने बुधवार को कहा कि उसने युद्ध में पत्रकारों के “मारे जाने, घायल होने, हिरासत में लिए जाने या लापता होने’’ की खबरों की जांच की है। संगठन ने कहा कि प्रारंभिक जांच के अनुसार इस युद्ध में कम से कम 31 पत्रकारों और मीडियाकर्मियों की मौत हुई है।
तेल अवीव। गाजा में पिछले 24 घंटे में इजराइल के हवाई हमलों में बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमले में एक प्रमुख न्यूज चैनल के पत्रकार वेल अल-दहदौह और उनकी बेटी की भी मौत हो गई। फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने हमले में कम-से-कम 25 लोगों की मौत का दावा किया है।
गाजा में इजराइली सेना की बमबारी लगातार जारी है। हमले की चपेट में एक न्यूज चैनल का पत्रकार भी आ गया। इस परिवार ने इजराइल की चेतावनी के बाद मध्य गाजा स्थित सुनीरत शिविर में शरण ली थी। इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू की सभी नागरिकों को दक्षिण गाजा की ओर जाने की चेतावनी दी थी और उसी रात पड़ोस में हुई बमबारी से भयभीत होकर पत्रकार ने अपने परिवार के साथ नुसीरत शिविर में शरण ले रखी थी। बुधवार रात इस शिविर को इजराइली सेना ने निशाना बनाया।
7 अक्तूबर को इजराइल पर फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के हमले के बाद शुरू हुए संघर्ष में गाजा में अब तक 6,546 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। वहीं, इजराइल में 1,400 से अधिक लोग मारे गए।
उधर, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पहली बार स्वीकार किया है कि उन्हें 7 अक्टूबर के हमास के हमले को रोकने में हुई सुरक्षा चूक के लिए जवाब देना होगा। एक टेलीविजन संबोधन में उन्होंने कहा कि सुरक्षा चूक की जांच की जाएगी और सभी जिम्मेदारों को जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर वे देश का भविष्य सुरक्षित करने के लिए जिम्मेदार हैं।
तेल अवीव। इजराइल-हमास की जंग का आज 15वें दिन में प्रवेश कर गयी है और इसके जल्द ख़त्म होने के असर नज़र नहीं आ रहे हैं। इस बीच हमास के हमले के बाद पहली बार इजराइल ने इजिप्ट से गाजा के बीच की राफा क्रॉसिंग को खोले दिया है , जिससे फिलिस्तीनियों को जरूरी सामान पहुंचाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है।
टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, राफा बॉर्डर को पार करके करीब 200 ट्रक 3 हजार टन के सामान के साथ गाजा की सीमा में दाखिल हो चुके हैं। इस दौरान उम्मीद जताई जा रही है कि विदेशी नागरिक गाजा छोड़कर इजिप्ट जाएंगे।
उधर मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वेस्ट बैंक में भी हिंसा शुरू हो गई है। पिछले 24 घंटे में 13 फिलिस्तीनियों और एक इजराइली की मौत हुई है। इजराइल में रूसी दूत का कहना है कि मॉस्को बंधकों को रिहा करने के लिए हमास के साथ बातचीत कर रहा है। इजराइली सेना ने वेस्ट बैंक शहर रामल्ला में एक ऑपरेशन में 14 फिलिस्तीनियों को गिरफ्तार किया है।
वहीं इजराइल ने मिस्र, जॉर्डन और मोरक्को में मौजूद अपने नागरिकों को जल्द से जल्द विदेशी भूमि छोड़ने को कहा है। साथ ही इजराइलियों को इन देशों में न जाने की भी सलाह दी गई है। इजराइल की नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी ने आशंका जताई है कि इन देशों में जंग की वजह से नाराज लोग इजराइलियों को अपना निशाना बना सकते हैं।
दूसरी तरफ, गाजा शहर के अल-कुद्स अस्पताल को खाली करने के आदेश दिए हैं। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक अस्पताल और आस-पास के इलाके में हजार से ज्यादा लोग मौजूद हैं। अस्पताल प्रशासन ने इसे खाली करने से इनकार कर दिया है। यहां इजराइली हमलों में बेघर हुए करीब 12 हजार लोग रह रहे हैं।
हमास ने 2 अमेरिकी नागरिकों को छोड़ा
हमास ने कतर की मध्यस्थता के बाद शुक्रवार रात 2 अमेरिकी नागरिकों को रिहा कर दिया। ये दोनों मां-बेटी जूडिथ और नताली हैं। जंग शुरू होने के बाद यह पहला मौका है जब किसी बंधक को छोड़ा गया है। हालांकि, 200 लोग अब भी हमास के कब्जे में हैं।हमास ने दोनों महिलाओं को रेड क्रॉस को सौंपा, इसके बाद रेड क्रॉस ने इन्हें इजराइल के हवाले कर दिया। हालांकि, गाजा में बमबारी जारी है।
वहीं, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सीसी के नेतृत्व में जंग रुकवाने के लिए एक सम्मेलन किया जा रहा है, लेकिन काहिरा में हो रहे समिट में हमास और इजराइल का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिकी संसद से से 105 अरब डॉलर का इमरजेंसी फंड रिलीज करने को कहा है। इनमें से 10.6 अरब डॉलर की मदद इजराइल को दी जाएगी। इसके अलावा 61.4 अरब डॉलर यूक्रेन को हथियार और दूसरे जरूरी सामान खरीदने के लिए दिए जाएंगे।
उधर, इजराइल पर हमास और हिजबुल्लाह के बाद यमन के हूती विद्रोही भी हमले करने लगे हैं। इजराइली सेना ने अब तक गाजा में जमीनी कार्रवाई शुरू नहीं की है।
इजराइली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने तेल अवीव में रक्षा समिति की बैठक में गाजा पट्टी में इजराइल के वॉर प्लान के बारे में बताया। उन्होंने कहा-हम सबसे पहले हमास की मिलिट्री केपेबिलिटी और सरकार चलाने की क्षमता को खत्म कर देंगे। दूसरे शब्दों में कहें तो हमास को जड़ से उखाड़ देंगे। इसके बाद गाजा में एक नई सुरक्षा व्यवस्था बनाएंगे।
रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा- जंग 3 चरण में होगी। हम पहले चरण में हैं। इसमें हम हवाई हमलों से हमास के ठिकानों को तबाह कर रहे हैं। जल्द जमीनी हमला करेंगे। पूरी तरह से उनका इंफ्रास्ट्रक्चर तबाह कर देंगे। दूसरे चरण में सैनिक छोटे-छोटे ऑपरेशन जारी रखते हुए हमास के सीक्रेट एजेंट्स को भी खत्म कर देंगे। इसके बाद तीसरे चरण में गाजा में नई सुरक्षा व्यवस्था बनाएं। इसमें इजरायल का कोई रोल नहीं होगा। अमेरिका और इजराइल की शर्त यह है कि मदद भेजने के पहले यह भी तय किया जाना चाहिए कि यह हमास के कब्जे में नहीं जाएगी।
अमेरिका और इजराइल की शर्त यह है कि मदद भेजने के पहले यह भी तय किया जाना चाहिए कि यह हमास के कब्जे में नहीं जाएगी।
इजराइल ने शमोना शहर भी खाली कराया
इजराइली सरकार ने उत्तरी शहर किरायत शमोना को खाली करा लिया है। यह लेबनान बॉर्डर से काफी करीब है। लेबनान से इजराइल पर लगातार रॉकेट और मिसाइल हमले हो रहे हैं। लिहाजा, नागरिकों को महफूज रखना जरूरी था।
एक इजराइली अफसर ने कहा- करीब दो किलोमीटर में रहने वाले 20 हजार लोगों को यहां से हटा दिया गया है। हिजबुल्लाह यहां हमले कर रहा है। हमारी फौज को जवाबी कार्रवाई करने के लिए यहां कुछ खास लोकेशन्स की भी जरूरत थी।
90 दिन तक बिना वीजा अमेरिका जा सकेंगे इजराइली
बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन ने जंग के बीच इजराइली नागरिकों को नई सुविधा दी है। 90 दिन तक इजराइली नागरिक बिना वीजा के अमेरिका जा सकेंगे। पहले यह स्कीम 30 नवंबर को शुरू की जाने वाली थी। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के मुताबिक- इस कदम से उन इजराइलियों को काफी राहत मिलेगी जो जंग से परेशान होकर अमेरिका जाना चाहते हैं।
पिछले महीने अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी एंड स्टेट डिपार्टमेंट ने 40 देशों के लोगों के लिए इस तरह के वीजा फ्री ट्रैवल को मंजूरी दी थी। इजराइलियों के लिए 30 नवंबर तारीख तय की गई थी। इस तारीख से ये ऑनलाइन अप्लाय कर सकते थे।
यरुशलम । इजराइल की चेतावनी के बाद गाजा से पलायन कर रहे लोगों पर हुए हवाई हमले में 70 लोगों की मौत हो गई है। यह दावा हमास के अधिकारियों ने किया है।
हमास के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि गाजा शहर से पलायन कर रहे लोगों के काफिलों पर इजराइल द्वारा किए गए हवाई हमलों में 70 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं।
इजराइल सेना ने संभावित जमीनी हमले से पहले निवासियों को शुक्रवार तड़के शहर खाली करने का आदेश दिया था।
इजराइली सेना ने गाजा पट्टी में की छापेमारी
इजराइली सेना ने कहा है कि उसके पैदल सैनिकों ने पहली बार गाजा पट्टी के भीतर घुसकर छापेमारी की। इजराइली सेना ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि उसके सैनिक हमास के आतंकवादियों से लड़ने, उनके हथियारों को नष्ट करने और हमास द्वारा रखे गए लापता बंधकों के बारे में सबूत खोजने के लिए गाजा में दाखिल हुए थे।
इजराइली सेना की यह घोषणा हालांकि, गाजा पर अपेक्षित जमीनी आक्रमण की शुरुआत नहीं मानी जा रही है।
लंदन । लंदन में इजरायल के दूतावास के बाहर हजारों फिलिस्तीन समर्थकों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने ‘फिलिस्तीन को आजाद करो’ के नारे लगाए। इस बीच इजरायल समर्थक भी पहुंच गए। इससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके अलावा सोमवार देररात लंदन के हाई स्ट्रीट केंसिंग्टन ट्यूब स्टेशन के पास फिलिस्तीन और इजरायल के समर्थक आपस में भिड़ गए। कुछ लोगों ने फिलिस्तीन के झंडे फहराते हुए इजरायल के खिलाफ नारेबाजी की। कुछ लोगों ने इजरायल दूतावास के बाहर आतिशबाजी की। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने दोनों गुटों के लोगों को अलग-अलग किया।
मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बयान जारी किया है कि तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने हमास का समर्थन करने वाले लोगों को आतंकवादी करार दिया है। सुनक ने एक्स पर कहा कि जो लोग हमास का समर्थन करते हैं, वह इस भयावह हमले के लिए जिम्मेदार हैं।