पश्चिम मिदनापुर। पश्चिम मेदिनीपुर जिले में एक महिला ने शक की वजह से अपनी सगी बहन पर तेजाब फेंक दिया। उसे गंभीर हालत में घाटाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह सनसनीखेज घटना शनिवार देर रात पश्चिम मेदिनीपुर जिले के बीरसिंह ग्राम पंचायत के मोमराजपुर इलाके की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार घाटाल के मोमराजपुर के निवासी दो भाई असादुल अली और तस्लीम अली की शादी दासपुर इलाके की निवासी दो सगी बहनों रहीमा और अक्लिमा बीबी के साथ हुई थी। सूत्रों के मुताबिक पिछले कई दिनों से दोनों बहनों के बीच विवाद चल रहा था। आरोपित अक्लिमा बीबी को शक था कि उसकी शारीरिक बीमारी के चलते ससुराल वाले उसके पति तस्लीम अली की शादी कहीं और तय कर रहे हैं और इसमें उसकी बहन रहीमा की अहम भूमिका है।
इसे लेकर शनिवार सुबह से ही दोनों बहनों के बीच कहासुनी हो रही थी। दोनों का झगड़ा देर रात तक चलता रहा। इस बीच अक्लिमा अचानक घर से तेजाब ले आई और रहीमा बीबी के चेहरे पर उड़ेल दिया। रहीमा के चेहरे पर तेजाब गिरने से वह दर्द से चीख उठी। उसकी चीख सुनकर घर के अन्य सदस्य दौड़े । उसे गंभीर हालत में घाटाल अस्पताल ले जाया गया। सूचना मिलने के बाद घाटाल थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। अक्लिमा के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है।
NIKAH
मुरादाबाद। मुरादाबाद के थाना मझोला स्थित एक मदरसे में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा के साथ युवक द्वारा दुष्कर्म करने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़िता का आरोप है कि रेप के बाद आरोपित नाबालिग को अपने मामा के घर ले गया और जबरन निकाह कर भी लिया। मामले में पीड़िता के परिजनों ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से शिकायत कर आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई की गुहार लगाई। कप्तान के आदेश पर मझोला पुलिस ने युवक व उसके परिजनों समेत पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। थाना मझोला इंस्पेक्टर धनंजय सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही हैं, जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
जिला संभल के असमोली थाना क्षेत्र में रहने वाली किशोरी मझोला थानाक्षेत्र के आरटीओ आफिस के पास स्थित एक मदरसे में पढ़ती है। किशोरी की मां ने मझोला पुलिस को दी तहरीर में बताया कि 13 वर्षीय बेटी मदरसे के छात्रावास में ही रहती है। महिला का कहना है कि बीती 27 अक्टूबर को दोपहर करीब तीन बजे असमोली के गांव पैतिया माफी निवासी सुहेल खान मदरसा पहुंचा। इसके बाद वह बहाने से उनकी बेटी को अपने साथ ले गया। कुछ ही दूरी पर सुहेल का भाई अकरम, बहन शाहनूर, पिता कल्लू और सतराज भी मिल गए। इसके बाद सुहेल एक घंटे के लिए किशोरी को पास में स्थित कमरे पर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। बाद में सुहेल अपने परिवार वालों के साथ किशोरी को आरटीओ आफिस के पास स्थित मामा के घर ले गया। वहां सभी ने किशोरी का जबरदस्ती सुहेल से निकाह करा दिया। विरोध करने पर सुहेल की बहन शाहनूर ने छात्रा की जमकर पिटाई की। निकाह के बाद आरोपी किशोरी को लेकर कचहरी पहुंच गए। वहां एक वकील की मदद से कुछ कागजों पर किशोरी का हस्ताक्षर करा लिए। इसके बाद रात करीब 9 बजे उसे मदरसे में छोड़ दिया। बाद में पीड़िता ने फोन करके अपनी मां को पूरी आपबीती बताई। तब परिजन उसे मदरसे से घर ले गए।
पीड़ित किशोरी की मां ने बताया कि वह शिकायत करने आरोपित के घर गए मगर उसके परिजनों ने जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने थाने में शिकायत की, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। महिला ने एसएसपी हेमराज मीणा से मामले में गुहार लगाई थी। उनके आदेश पर मझोला पुलिस ने सुहेल खान, उसके पिता कल्लू, बहन शाहनूर और सरताज के खिलाफ दुष्कर्म, अपहरण, धमकी देने समेत अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट 18 साल से कम उम्र की मुस्लिम लड़की को निकाह की अनुमति देने वाले पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया है। जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हम मामले का परीक्षण करेंगे।
दरअसल, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें हाई कोर्ट ने 16 साल की मुस्लिम युवती की शादी को कानूनी तौर पर वैध करार दिया था। हाई कोर्ट ने मुस्लिम पर्सनल लॉ के आधार पर शादी को वैध करार दिया था। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का कहना है कि यह फैसला बाल विवाह निषेध कानून 2006 के विपरीत है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने मुस्लिम पर्सनल लॉ के आधार पर इस शादी को वैध करार देते हुए एक मुस्लिम जोड़े को सुरक्षा प्रदान की थी।
दरअसल, ये मामला कई कानूनी पचड़ों में उलझा हुआ है। पॉक्सो एक्ट के तहत 18 साल के कम उम्र की लड़की से शारीरिक संबंध बनाना अपराध है, भले ही वह लड़की सहमति से बनाया गया हो। शादी से जुड़े अधिकतर कानूनों में भी लड़की की शादी की उम्र 18 वर्ष रखी गई है लेकिन मुस्लिम पर्सनल लॉ में यौवन अवस्था हासिल कर चुकी लड़की के विवाह को सही माना गया है।