काठमांडू । अपने न्यायाधीश पति के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दायर करने वाली पत्नी ने त्वरित कार्यवाही की मांग करते हुए रविवार की दोपहर को सुप्रीम कोर्ट परिसर में आत्मदाह का प्रयास किया है। सुरक्षाकर्मियों ने महिला को नियंत्रण में ले लिया है।
न्यायाधीश भुवन गिरी की पत्नी आरती गिरी रविवार की दोपहर को सुप्रीम कोर्ट परिसर में पहुंचीं और अपने ऊपर पेट्रोल डाल लिया। तभी कोर्ट की सुरक्षा में तैनात पुलिस वालों की नजर पड़ गई और उन्होंने महिला को खुद के शरीर में आग लगाने से पहले ही नियंत्रण में ले लिया। महिला जोर-जोर से अपने पति भुवन गिरी के खिलाफ नारेबाजी कर रही थी। उसने अपने पति को जेल भेजे जाने की मांग अपनी टी शर्ट पर प्रिंट करा रखी थी।
आरती गिरी ने अपने पति न्यायाधीश भुवन गिरी पर वैवाहिक बलात्कार का आरोप लगाया था। उस समय वह कपिलवस्तु में जिला न्यायाधीश पद पर तैनात थे, तब पुलिस ने न्यायाधीश गिरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से इंकार कर दिया था। बाद में कपिलवस्तु जिला अदालत के आदेश के बाद न्यायाधीश भुवन गिरी के खिलाफ 5 अप्रैल, 2023 को वारंट जारी किया गया था। 11 अप्रैल, 2023 को उनकी गिरफ्तारी हुई थी, लेकिन कुछ दिन बाद ही वो 2.75 लाख की जमानत पर रिहा हो गए थे।
न्यायाधीश की पत्नी का आरोप है कि पूरा तंत्र उनको बचाने में लगा है। बलात्कार जैसे आरोप के बावजूद उन्हें जमानत कैसे मिल गई। आरती गिरी ने अपने पति की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए दायर मुकदमे की जल्द सुनवाई किए जाने की बात कही है। महिला का कहना था कि यदि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देते हुए मुकदमे का फैसला जल्द नहीं किया तो वो बीच चौराहे पर खुद को जिन्दा जला लेगी।
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काठमांडू (नेपाल)। पूरी दुनिया में सीरियल किलर के नाम से कुख्यात चार्ल्स शोभराज नेपाल की सेंट्रल जेल से 19 साल बाद शुक्रवार को रिहा कर दिया गया। उसे 15 दिन के भीतर उसके देश फ्रांस भेजे जाने का आदेश भी दिया गया है।
चार्ल्स शोभराज 1986 में भारत की राजधानी दिल्ली की तिहाड़ जेल से फरार होने में सफल हो गया था। हालांकि बाद में भारतीय पुलिस ने गोवा में उसे गिरफ्तार कर लिया था। 1997 में भारत में सजा पूरी करने के बाद फ्रांस गए शोभराज को 2003 में नेपाल में गिरफ्तार किया गया था। दो पर्यटकों की हत्या के आरोप में 12 अगस्त 2004 को चार्ल्स शोभराज को नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने उम्र कैद की सज़ा सुनाई थी। बीते दिनों नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने शोभराज की बढ़ती उम्र के मद्देनजर उसे रिहा करने के आदेश दिये थे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई के 15 दिन के भीतर उसे उसके देश फ्रांस भेजने का आदेश भी दिया है।
शुक्रवार को शोभराज को नेपाल की सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया। उसने 19 साल इस जेल में बिताए हैं। चार्ल्स शोभराज की पत्नी निहिता बिस्वास ने कहा कि वे जल्द से जल्द शोभराज को फ्रांस में उसके परिवार के पास भेजने की कोशिश में हैं। निहिता ने बताया कि शोभराज के दिल की सर्जरी के बाद उसे कुछ समस्या हो रही है। ऐसे में उसे एक और सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। चार्ल्स शोभराज दर्जनों हत्याओं, चोरी और धोखाधड़ी के कई मामलों में शामिल रहा है और उसकी भारत, ग्रीस समेत दक्षिण एशिया के कई देशों में अलग-अलग मामलों में तलाश है।
काठमांडू (नेपाल ) । दुनिया के सबसे शातिर और खतरनाक सीरियल किलर में शुमार चार्ल्स शोभराज को नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया है। नेपाल की जेल में बंद शोभराज को बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने 19 साल बाद रिहा करने आदेश दिया है। कोर्ट ने फ्रेंच सीरियल किलर शोभराज को रिहाई के 15 दिन के भीतर नेपाल छोड़ने का भी आदेश दिया है।
चार्ल्स दो विदेशी पर्यटकों की हत्या के आरोप में साल 2003 से नेपाल की जेल में कैद है। वह 1976 से 1997 तक भारतीय जेल में भी सजा काट चुका है। नेपाल की सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को ‘बिकनी किलर’ के नाम से कुख्यात फ्रांसीसी ‘सीरियल किलर’ चार्ल्स शोभराज को उसकी सेहत के आधार पर रिहा करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सपना प्रधान मल्ला और न्यायमूर्ति तिलक प्रसाद श्रेष्ठ की संयुक्त पीठ ने 78 वर्षीय शोभराज को जेल से रिहा करने का फैसला सुनाया। कोर्ट ने शोभराज की उस याचिका पर फैसला सुनाया, जिसमें उसने दावा किया है कि वह उस जुर्म के लिए निर्धारित अवधि से अधिक का समय जेल में बिता चुका है।
शोभराज ने दावा किया कि वह 20 साल की सजा में से 17 साल पहले ही जेल में बिता चुका है और अच्छे चाल-चलन के कारण उसे रिहा करने की सिफारिश पहले ही की जा चुकी है। शोभराज को अगस्त, 2003 में काठमांडू के एक ‘कसीनो’ से पकड़ा था। भक्तपुर की जिला अदालत ने वर्ष 1975 में एक कनाडाई नागरिक लौरेंट कैरिएरे और एक अमेरिकी नागरिक कोनी जो ब्रोंजिच की हत्या के लिए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।