मुजफ्फरनगर । रतनपुर थाना क्षेत्र के फुलत गांव में अनुसूचित जाति के दो पक्षों के बीच हुए खूनी संघर्ष में तीन लोगों की मौत हो गई। मंगलवार की देर रात दो लोगों की मौत के बाद बुधवार को अस्पताल में तीसरे व्यक्ति की भी मौत हो गई। तिहरे हत्याकांड में पुलिस ने दोनों पक्षों के दस लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। बुधवार को मेरठ जोन के एडीजी ध्रुवकांत ठाकुर ने फुलत गांव का निरीक्षण किया और अधिकारियों से पूरे मामले की जानकारी ली।
फुलत गांव में अनुसूचित जाति के अंकित पुत्र राजू और पड़ोसी हरिमोहन की बेटी मीनाक्षी ने करीब दस माह पहले गांव से फरार होकर कोर्ट मैरिज कर ली थी। इस समय दोनों मेरठ में रह रहे थे। इसके बाद से ही दोनों पक्षों के बीच रंजिश शुरू हो गई। थाने में तहरीर भी दी गई थी। बाद में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया था। इसके बाद भी हरिमोहन पक्ष के लोगों ने अंकित को गांव में नहीं आने की चेतावनी दी थी। मंगलवार को अंकित अपने परिवार में सगाई समारोह में भाग लेने के लिए पहुंच गया। देर रात हरिमोहन पक्ष के लोगों ने अंकित को गांव में देख लिया। इस पर हरिमोहन और उसके दो बेटों रोहित व राहुल ने अंकित को घेर लिया। इसके बाद अंकित की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद राजू पक्ष के लोगों ने तीनों पिता-पुत्रों को गोलियों से भून दिया। जिसमें से रोहित की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि हरिमोहन और राहुल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से दोनों की गंभीर हालत को देखते हुए हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया। बुधवार को घायल राहुल की भी मौत हो गई। ऐसे में गांव में तिहरा हत्याकांड होने से हड़कंप मच गया।
गांव में नाई की दुकान चलाता था अंकित
फुलत गांव में मृतक अंकित नाई की दुकान चलाता था। उससे कुछ ही दूरी पर मीनाक्षी का घर था। यहां से दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग शुरू हो गया। परिजनों के विरोध के बाद दोनों गांव से फरार हो गए और कोर्ट मैरिज कर ली। इसके बाद से ही दोनों मेरठ में रह रहे थे।
एडीजी मेरठ जोन ध्रुवकांत ठाकुर ने बुधवार को मुजफ्फरनगर एसएसपी अभिषेक सिंह, एसपी देहात आदित्य बंसल, सीओ बुढ़ाना गजेंद्र पाल सिंह के साथ फुलत गांव जाकर हालात का निरीक्षण किया। एडीजी ने पुलिस अधिकारियों को पूरे मामले में कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बुधवार को राजू पुत्र फूल सिंह ने दूसरे पक्ष के हरिमोहन पुत्र धर्मपाल, मीना पत्नी हरिमोहन तथा उसके तीन बेटों राहुल, सचिन तथा रोहित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। दूसरे पक्ष की ओर से मृतक रोहित के चाचा गोर्वधन पुत्र धर्मपाल ने दूसरे पक्ष के राजू पुत्र फूल सिंह तथा उसके चार बेटों अंकित, बबलू, जोशी व मोनू के विरुद्ध मुकदमे दर्ज कराए। पुलिस ने पहले ही राजू, मोनू, गोवर्धन को हिरासत में ले चुकी है।
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मुजफ्फरनगर। जिले के बुढ़ाना थाने के तहत करीब आठ साल पहले हुए क़त्ल के मामले में अपर अवं सत्र जिला न्यायलय ने अभियुक्त संदीप को आजीवन कारावास और बीस हज़ार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है । दफा 25 के तहत संदीप पर ही दर्ज़ एक अन्य मुक़दमे में भी कोर्ट ने दो साल का कठोर कारावास और पांच हज़ार रूपये का अर्थ दंड लगाया।
मामला प्रेम प्रसंग का है। मुक़दमे में दिए तथ्यों के अनुसार युवक विनोद पुत्र भारत सिंह कश्यप का विवाह गाँव की एक युवती से तय हुआ था। दर्ज़ प्राथमिकी के अनुसार विनोद का जिस युवती से विवाह तय हुआ था उसको जिला बागपत के थाना बड़ौत निवासी युवक संदीप पुत्र रामेशं चंद्र भी पसंद करता था और विवाह करना चाहता था। जब संदीप को पता चला की उस युवती की शादी विनोद से तय हो गयी है तो वह आग बबूला हो गया। उसने कई बार विनोद को रिश्ता तोड़ने के लिए दबाव बनाया। लेकिन विनोद इसके लिए तैयार नहीं हुआ और अपनी शादी की तैयारी करता रहा। संदीप ने विनोद को कई बार धमकाया भी कि अगर उसने रिश्ता नहीं तोडा तो इसका अंजाम बहुत भयानक होगा।
प्राथमिकी के अनुसार 10 मार्च 2015 को विनोद अपने सगे भाई कर्मवीर और चचेरे भाई राजवीर के साथ विवाह से सम्बंधित खरीदारी के लिए बुढ़ाना बाजरा आया था। खरीदारी पूरी करने के बाद तीनों लोग घर जाने के लिए रामछैल तिराहे पर साधन की तलाश में खड़े थे। इसी बीच संदीप वहां आया और विनोद को बात करने के लिए किनारे बुलाया। संदीप ने विनोद को फिर समझाया कि अभी भी वक़्त है वह यह रिश्ता तोड़ दे। वह उसकी मंगेतर से बहुत प्यार करता है और किसी भी सूरत में उसकी शादी अपने अलावा किसी और से नहीं होने देगा। लेकिन विनोद उसकी धमकी से नहीं डरा और उसने रिश्ता तोड़ने से इंकार कर दिया। इससे गुस्साए संदीप ने विनोद के सीने में बिलकुल पास से गोली मार दी। गोली चलते ही बाजार में भगदड़ मच गयी। संदीप मौके का फायदा उठाते हुए वहां से भाग निकला और कुछ दूर पर पहले से स्टार्ट खड़ी मोटर साइकिल पर बैठकर फरार हो गया।
वारदात जानकारी मिलते ही थाने कि पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गयी और विनोद को तत्काल जीप में लेकर समीप के अस्पताल ले गए । लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों ने विनोद को मृत घोषित कर दिया। पोस्टमॉर्टम में विनोद की मौत का कारण बुलेट इंजरी और अत्यधिक रक्तस्राव बताया। दूसरी तरफ पुलिस ने तकाल एक्शन लेते हुए कई जगह छपे मारे और अंततः संदीप को गिरफ्तार कर लिया।
करीब आठ साल की कानूनी लड़ाई के बाद अंततः विनोद का परिवार को अदालत से न्याय पाने में कामयाब रहा। संदीप की तरफ से अपने मासूम साबित करने के सारे प्रयास विफल रहे। अपर एवं सत्र जिला न्यायलय की पीठासीन अधिकारी सीमा महरोत्रा ने संदीप को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा के साथ बीस हज़ार का जुरमाना लगाया। साथ आर्म्स एक्ट के उल्लंघन का दोषी मानते हुए दो साल का कठोर कारावास की सजा और पांच हज़ार का अर्थ दंड लगाया।
मुजफ्फरनगर के स्कूल में बच्चे को थप्पड़ मारे जाने की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने जतायी गंभीर चिंता
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में बच्चे को थप्पड़ मरवाने की घटना पर गंभीर चिंता जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सांप्रदायिक आधार पर स्कूल में बच्चे के साथ हिंसा स्वीकार नहीं की जा सकती है। जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इस घटना पर सरकार की अंतरात्मा हिल जानी चाहिए थी।
कोर्ट ने इस मामले की जांच आईपीएस अधिकारी से कराने का आदेश दिया और शिक्षा विभाग से रिपोर्ट तलब की। कोर्ट ने यूपी सरकार से बच्चे की शिक्षा दूसरे स्कूल में करवाने और उसकी मनोवैज्ञानिक काउंसिलिंग भी कराने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर को यूपी सरकार को नोटिस जारी किया था। सामाजिक कार्यकर्ता तुषार गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में वायरल वीडियो का हवाला देते हुए पुलिस को एफआईआर दर्ज कर जांच का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में मामले की समयबद्ध और स्वतंत्र जांच के निर्देश देने की भी मांग की गई है।
उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरनगर में एक महिला शिक्षक ने एक मुस्लिम बच्चे को उस क्लास के दूसरे बच्चों से पिटवाया था। इस घटना के बाद काफी बवाल मचा था। घटना के बाद से मुजफ्फरनगर का वो स्कूल सील कर दिया गया ।
नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में स्कूल में बच्चे की पिटाई का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सामाजिक कार्यकर्ता तुषार गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका पर जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच आज सुनवाई करेगी।
याचिका में वायरल वीडियो का हवाला देते हुए पुलिस को एफआईआर दर्ज कर समयबद्ध जांच के निर्देश देने की भी मांग की गई है। उल्लेखनीय है कि एक महिला शिक्षक ने एक मुस्लिम बच्चे को दूसरे बच्चों से पिटवाया था। इस पर काफी बवाल हो चुका है। फिलहाल इस स्कूल को सील कर दिया गया है।