नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर 22 जनवरी को सुनवाई करेगा। आज उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए इस याचिका पर 22 जनवरी को सुनवाई करने का आग्रह किया, जिसके बाद कोर्ट ने 22 जनवरी को सुनवाई करने का आदेश दिया।
उद्धव ठाकरे गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा में विधायकों की अयोग्यता के मामले पर विधानसभा स्पीकर द्वारा दिए गए फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर द्वारा शिंदे गुट को असली शिवसेना करार देने के फैसले को चुनौती दी है। याचिका में स्पीकर द्वारा शिंदे गुट के 38 विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज करने को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
महाराष्ट्र के स्पीकर ने 10 जनवरी को अपने फैसले में कहा था कि जून 2022 में शिंदे गुट को 55 में से 37 विधायकों का समर्थन था। ऐसे में सुनील प्रभु को पार्टी का चीफ व्हिप नहीं माना जा सकता है। ऐसे में सुनील प्रभु को शिवसेना विधायक दल की बैठक बुलाने का हक नहीं था। जो बैठक बुलाई गई थी, उसमें भी व्हाट्स ऐप के जरिये 12 घंटे से भी कम का समय दिया गया था। स्पीकर ने कहा था कि भरत गोगावले को चीफ व्हिप और एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता के रूप में नियुक्ति सही थी।
उद्धव ठाकरे गुट ने 9 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर 7 जनवरी को हुई मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और स्पीकर राहुल नार्वेकर की मुलाकात पर आपत्ति जताई थी। हलफनामा में कहा गया था कि मुख्यमंत्री समर्थक विधायकों की अयोग्यता पर फैसला देने से पहले स्पीकर का उनसे मिलना गलत है।
KAPIL SIBBAL
नई दिल्ली । अनुच्छेद 370 पर सुनवाई के 15वें दिन सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच ने याचिकाकर्ता अकबर लोन की तरफ से जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी किए जाने पर सवाल किया। इस पर वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हममें से कोई भारत की संप्रभुता को चुनौती नहीं दे रहा। लोन सांसद हैं और उन्होंने संविधान की शपथ ली है। तब सुप्रीम कोर्ट ने सिब्बल से कहा कि उनसे कहिए कि संविधान के प्रति निष्ठा का हलफनामा दाखिल करें, क्योंकि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है।
दरअसल, कश्मीरी पीड़ितों के संगठन ‘रूट इन कश्मीर’ ने सांसद लोन पर आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उन्होंने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया था। वह अब अनुच्छेद 370 हटाने को चुनौती देने वाले प्रमुख याचिकाकर्ता हैं।
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अकबर लोन को भारत के संविधान के प्रति निष्ठा रखने को लेकर हलफनामा दाखिल करना चाहिए। उन्हें हलफनामे में बताना चाहिए कि वह जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद का विरोध करते हैं। वह कोई आम आदमी नहीं, बल्कि सांसद हैं। केंद्र का कहना है कि अगर कोर्ट इस पर कुछ नहीं करेगा, तो इससे दूसरों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।