नई दिल्ली । बहुचर्चित कंझावला केस के सातवें आरोपित अंकुश खन्ना को दिल्ली के रोहिणी कोर्ट ने जमानत दे दी है। अंकुश खन्ना केस के एक आरोपित अमित खन्ना का भाई है। अंकुश खन्ना को छोड़कर बाकी छह आरोपित अभी पुलिस हिरासत में है।
अंकुश खन्ना को 6 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने 6 जनवरी को छठे आरोपित आशुतोष भारद्वाज को तीन दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। आशुतोष भारद्वाज को 6 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आशुतोष भारद्वाज उस कार का मालिक है, जिस कार से घसीटते हुए अंजलि की मौत हुई थी।
आशुतोष पर आरोप है कि उसने आरोपितों को बचाने की कोशिश की। इस मामले का सातवां आरोपित अंकुश खन्ना एक आरोपित अमित खन्ना का भाई है। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में पता चला कि अमित कार चला रहा था और उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। एफआईआर के मुताबिक दीपक ने शुरुआत में पुलिस को बताया था कि वो कार चला रहा था और मनोज मित्तल उसके बगल वाली सीट पर था।
पुलिस ने इस मामले में 2 जनवरी को आरोपितों मनोज मित्तल, दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्णा और मिथुन को गिरफ्तार किया था। इन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी कार से स्कूटी सवार युवती को टक्कर मारी। इसके बाद वे उसे 13 किलोमीटर तक घसीटते हुए ले गए। इस दौरान युवती कार में ही फंसी रही। युवती की सारी हड्डियां चकनाचूर हो गईं और उसके तन पर एक भी कपड़ा नहीं बचा। युवती के दोनों पैर, सिर व शरीर के अन्य हिस्से बुरी तरह कुचल गए। पुलिस ने गिरफ्तार किये गए पांच आरोपितों को 2 जनवरी को कोर्ट में पेश किया।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा था कि 31 दिसंबर की रात को हादसा हुआ। 13 किलोमीटर तक बॉडी को गाड़ी से घसीटा गया। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि सीसीटीवी फुटेज निकाला है, जिसमें पेट्रोल पंप और मुरथल का सीसीटीवी फुटेज नहीं मिल सका है। मेडिकल जांच में आरोपितों के शराब पीने की पुष्टि हुई है। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ लापरवाही से वाहन चलाने से मौत का मामला दर्ज किया था लेकिन बाद में भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) भी जोड़ दी।
KANJHAWAL CASE
नई दिल्ली । रोहिणी जिले के कंझावला इलाके में युवती का निर्वस्त्र अवस्था में शव मिलने के बाद मृतक युवती का परिवार सामने आया है। मृतक युवती के परिजन इस मामले में पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं। वहीं परिजन इस मामले में युवती के साथ अनहोनी होने की आशंका भी जता रहे हैं और निष्पक्ष रूप से जांच के साथ न्याय की गुहार लगा रहे हैं। वहीं गुस्साए परिजनों के साथ स्थानीय लोगों ने सोमवार सुबह सुल्तानपुरी थाने का घेराव किया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की।
वहीं परिजनों की मानें तो मृतक युवती अपने घर में अकेली कमाने वाली थी, जिसके सहारे पूरा परिवार का गुजारा हो रहा था। अब उसकी अचानक मौत के बाद परिवार बेसहारा हो गया है। वहीं परिवार, पुलिस के व्यवहार और उसकी कार्यशैली से भी नाखुश दिखाई दे रहा है और पुलिस प्रशासन पर लापरवाही का आरोप भी लगा रहा है। इतना ही नहीं, परिजन पुलिस के दुर्घटना वाले बयान को सिरे से नकारते हुए युवती के साथ अनहोनी की भी आशंका जता रहे हैं। उनका कहना है कि जिस अवस्था में युवती का शव बरामद हुआ है, वो उसके साथ कुछ गलत होने की ओर भी इशारा कर रहा है, लेकिन पुलिस इस पूरे मामले में लीपापोती करने का प्रयास कर रही है।
उक्त मामले में पुलिस ने पांच आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। वहीं परिजनों का कहना है कि उन्हें न्याय चाहिए। परिजनों ने शासन और प्रशासन से गुहार लगाई है कि वो इस मामले में सख्त कार्रवाई करें और आरोपितों को सख्त से सख्त सजा दिलाएं।
वहीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कंझावला केस पर दिल्ली पुलिस से कुछ कुछ प्रश्न किए हैं।
क्या लड़की के साथ यौन शोषण किया गया था?, कितने किलोमीटर तक गाड़ी से लड़की को घसीटा गया, क्या पूरे रास्ते में कोई चेक पोस्ट या पीसीआर मौजूद नहीं थी, घटनास्थल से हुई पीसीआर कॉल पर क्या त्वरित कार्रवाई की गई, न्यू ईयर के मद्देनजर सुरक्षा की क्या खास तैयारी की गई थी और क्या आरोपित लड़कों पर पहले भी कोई मुकदमा था।