रांची। कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर पहुंचे। वहां उन्होंने हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन से मुलाकात की। दोनों की मुलाकात की तस्वीर कांग्रेस के सोशल मीडिया एक्स पर भी ट्वीट किया। ट्वीट में लिखा गया है कि आज हम सभी एकजुट होकर न्याय की लड़ाई जारी रखेंगे, जनता की आवाज बुलंद करेंगे। नफरत हारेगी, आईएनडीआईए जीतेगा।
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रांची। झारखंड के सत्ता पक्ष के विधायक रविवार को हैदराबाद से रांची पहुंचे। रांची एयरपोर्ट से विधायक सीधे सर्किट हाउस के लिए रवाना हो गए।
रात में वहीं विश्राम करने के बाद सभी विधायक सोमवार को फ्लोर टेस्ट में शामिल होने पहुंचेंगे, जहां मुख्यमंत्री चंपई सोरेन अपनी सरकार का शक्ति प्रदर्शन करते हुए बहुमत सिद्ध करेंगे।
झारखंड के चंपई सोरेन सरकार की सोमवार को फ्लोर टेस्ट होना है। राज्य में राजनीतिक उठापटक के बीच गठबंधन के लगभग 37 विधायकों ने दो फरवरी को हैदराबाद के लिए उड़ान भरी थी। विधायकों को दो चार्टर्ड प्लेन से हैदराबाद भेजा गया था।
रांची। पाकुड़ से शुरू हुई कांग्रेस नेता राहुल गांधी की न्याय यात्रा कई जिलों से गुजरती हुई सोमवार को झारखंड की राजधानी रांची में प्रवेश करेगी। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने रविवार को कहा कि यात्रा बूटी मोड, बरियातू, हरमू होते हुए शहीद मैदान पहुंचेगी।
इसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी वहां जनसभा को संबोधित करेंगे। जनसभा में झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम सहित प्रदेश के तमाम पदाधिकारी कार्यकर्ता जिला अध्यक्ष मौजूद रहेंगे।
रांची। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन सरकार बहुमत साबित करेगी। इससे पहले रविवार को दो निर्दलीय विधायकों ने इस सरकार को समर्थन देने से इंकार कर दिया है।
तटस्थ रहने का मन बनाया : इनमें एक पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर (पूर्वी) विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक सरयू राय और दूसरे हजारीबाग जिले के बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक अमित कुमार यादव हैं। सरयू राय ने कहा है कि वह सोमवार को झारखंड विधानसभा में होने वाले विश्वास मत पर तटस्थ रुख अपनाएंगे। वह मतदान नहीं करेंगे। सरयू राय ने कहा कि महागठबंधन की सरकार ने उनसे अब तक समर्थन नहीं मांगा है और न ही उनसे संपर्क किया है। भाजपा या किसी अन्य विपक्षी दल ने भी उनसे संपर्क नहीं किया है। इसलिए उन्होंने तटस्थ रहने का मन बनाया है।
सरयू राय ने कहा कि चम्पई सोरेन अभी नए-नए मुख्यमंत्री बने हैं। उनके कामकाज को देखने के बाद ही उनकी सरकार के बारे में कोई आकलन कर पाएंगे। सदन में वह रचनात्मक भूमिका निभाएंगे। साथ ही कहा कि सत्ता या विपक्ष किसी को उनकी जरूरत नहीं है। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी पर सरयू राय ने कहा कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो नेता ने जान-बूझकर मक्खी को निगला।
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने अपने आसपास ऐसे लोगों को रखा, जो उनके लिए हानिकारक साबित हुए। विधायक ने कहा कि उन्हें कई बार सचेत किया गया लेकिन उनका कृत्य ‘पांव पर कुल्हाड़ी’ नहीं, ‘कुल्हाड़ी पर पांव’ मारने वाला रहा। सरयू राय ने झारखंड के नए मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन को भी सलाह दी है कि वे अलग लकीर खींचें। उन्होंने कहा कि चम्पई सोरेन कह रहे हैं कि हेमंत सोरेन ने विकास की लंबी लकीर खींची है लेकिन अब चम्पई सोरेन को अलग और लंबी लकीर खींचनी चाहिए। बरकट्ठा के निर्दलीय विधायक अमित कुमार यादव ने कहा कि उनका मत राज्यहित में होगा। वह सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे।
रांची (झारखंड)। राजभवन में चम्पाई सोरेन के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सत्ता पक्ष के सभी विधायक सर्किट हाउस से दो चार्टर्ड प्लेन से शुक्रवार को हैदराबाद भेज दिये गये।
विधायकों को टूटने से बचाने के लिए उन्हें हैदराबाद शिफ्ट किया गया है। अब सभी विधायक फ्लोर टेस्ट के दिन रांची पहुंचेंगे। पहला चार्टर्ड प्लेन दोपहर 01:35 बजे और दूसरा 01:45 बजे रवाना हुआ। कुल 36 विधायक चार्टर्ड प्लेन में रवाना हुए हैं।
रांची/नई दिल्ली। झारखंड के नये मुख्यमंत्री के रूप में शुक्रवार को चंपई सोरेन ने शपथ ली। उनके साथ आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार देर रात सरकार बनाने के लिए झामुमो विधायक दल के नेता चंपई सोरेन को आमंत्रित किया था।
बीती 31 जनवरी को झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उसी दिन उन्होंने राजभवन जाकर राज्यपाल को इस्तीफा देने के साथ चंपई सोरेन के नेतृत्व में नई सरकार बनाने का दावा भी महागठबंधन की तरफ से पेश कर दिया था।
हेमंत सोरेन को जमीन घोटाला मामले में ईडी की कार्रवाई के नाते सीएम पद छोड़ना पड़ा। वह अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सीएम बनाना चाहते थे पर उनके विधायक नहीं होने के कारण इसमें अड़चन आ रही थी। फिलहाल दो दिन के उहापोह के बाद राज्यपाल द्वारा चंपई सोरेन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के बाद झारखंड में झामुमो के नेतृत्व वाले महागठबंधन की सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया। इसी के बाद चंपई सोरेन की सरकार गठित हो गई है।
चंपई सोरेन पहली बार सन 1991 में बने थे विधायक
अब विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। चंपई सोरेन सन 1991 में पहली बार निर्दलीय विधायक चुने गये थे। उनको झारखंड का टाइगर भी कहा जाता है। अलग राज्य के आंदोलन में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। महागठबंधन की सरकार में झामुमो के साथी दल कांग्रेस आदि के कोटे से भी मंत्री बनाये जाएंगे।
झारखंड में नई सरकार को लेकर सस्पेंस बरकरार, चंपई सोरेन को अब तक राजभवन से नहीं मिला न्योता;
रांची। झारखंड में नई सरकार को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन विधायक दल के नए नेता चंपई सोरेन ने बुधवार की रात राजभवन पहुंचकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था, लेकिन इसपर राजभवन ने अब तक कोई रुख स्पष्ट नहीं किया है।
सियासी ऊहापोह की स्थिति के बीच गठबंधन के विधायकों को हैदराबाद या बेंगलुरू शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। सत्तारूढ़ गठबंधन के करीब 40 विधायक बुधवार रात से ही रांची के सर्किट हाउस में रुके हैं। उन्हें कहा गया है कि नई सरकार के गठन के साथ सभी विधायक एक साथ रहेंगे।
चर्चा है कि नई सरकार के गठन के लिए आमंत्रण मिलने तक इन्हें कांग्रेस शासित आंध्रप्रदेश या कर्नाटक में किसी रिजॉर्ट या सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि इनकी शिफ्टिंग के लिए चार्टर्ड प्लेन हायर किया गया है, लेकिन रांची में सुबह से छाए घने कोहरे की वजह से प्लेन अब तक यहां के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर आया नहीं है। प्लेन के पहुंचते ही विधायक बसों पर सवार होकर एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से हैदराबाद या बेंगलुरू के लिए रवाना होंगे।
विधायक दल के नए नेता चंपई सोरेन सहित गठबंधन के चार-पांच वरिष्ठ विधायक रांची में ही रहेंगे, ताकि राजभवन की ओर से आमंत्रण मिलते ही तुरंत नई सरकार के शपथ ग्रहण की तैयारी हो सके।
चंपई सोरेन ने सरकार बनाने का दावा करते हुए राज्यपाल को जो पत्र सौंपा है, उसपर 43 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। चार अन्य विधायकों यानी कुल 47 के समर्थन का दावा किया गया है। जिन चार विधायकों के हस्ताक्षर पत्र में नहीं हैं, वे फिलहाल राज्य के बाहर हैं।
राज्य में सरकार बनाने के लिए मैजिक नंबर 41 है। चंपई सोरेन ने कहा है कि उन्हें राजभवन से बुलावे का इंतजार है। एक संभावना यह भी जताई जा रही है कि राज्य में नई सरकार का गठन होने तक अल्पकाल के लिए राष्ट्रपति शासन लग सकता है।
रांची। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन गुरुवार सुबह ईडी ऑफिस पहुंचीं। ईडी के अधिकारियों ने जमीन घोटाले मामले में हेमंत सोरेन से बुधवार को करीब सात घंटे लगातार पूछताछ की थी।
ईडी के अधिकारी पूछताछ के लिए बुधवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। ईडी ने लंबी पूछताछ करने के बाद बुधवार शाम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के पूर्व हेमंत सोरेन ने राजभवन जाकर राज्यपाल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा सौंप दिया था।
रांची/दिल्ली। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लापता हो जाने के भारतीय जनता पार्टी के आरोपों के बीच मंगलवार को सीएम सामने आये। करीब 31 घंटे बाद सामने आये सोरेन को लेकर कई तरह की अटकलें लग रही थीं।
सामने आई जानकारी के अनुसार सीएम सोरेन रांची स्थित मुख्यमंत्री आवास में ही थे। वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि वह दोपहर में रांची पहुंचे हैं। सोमवार को उनके दिल्ली स्थित आवास पर ईडी पहुंची थी। वहां पर वह नहीं मिले थे। इसी के बाद तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं।
भाजपा नेताओं ने उनके लापता होने और पता बताने वाले को 11 हजार रुपये देने का ऐलान तक कर दिया। इन सारी अटकलबाजियों के बीच 30 जनवरी को दोपहर करीब दो बजे सीएम सोरेन के झारखंड की राजधानी में ही मौजूद होने की बात सामने आयी।
सोरेन विधायकों के साथ कर रहे हैं बैठक
सत्तारूढ़ झारखुड मुक्ति मोर्चा की तरफ से यह भी कहा गया कि सीएम 31 जनवरी को ईडी के सामने पेश होंगे। फिलहाल सीएम सोरेन विधायकों के साथ अभी बैठक कर रहे हैं।
रांची। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को झारखंड के लोगों से अपील की। साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खोजकर लाने वाले को 11 हजार रुपये का इनाम देने का ऐलान भी किया।
बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर लिखा कि हमारे राज्य के मुख्यमंत्री केंद्रीय एजेंसियों के डर के मारे पिछले करीब 40 घंटे से लोकलाज त्याग कर लापता हैं। चेहरा छिपाकर भागे-भागे फिर रहे हैं। यह न सिर्फ मुख्यमंत्री की निजी सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि झारखंड की साढ़े तीन करोड़ जनता की सुरक्षा, इज्जत, मान-सम्मान भी खतरे में है। बाबूलाल मरांडी ने लिखा है कि जो कोई भी बिना विलंब हमारे इस ‘होनहार’ मुख्यमंत्री को सकुशल खोजकर लायेगा, उसे मेरी तरफ से 11 हजार रुपये का इनाम दिया जायेगा।