कोलकाता, । आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद शनिवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री जॉन बार्ला ने कोर्ट में सरेंडर किया है। तूफानगंज कोर्ट में उन्होंने शनिवार को आत्मसमर्पण किया। हालांकि बाद में अदालत ने उन्हें पांच सौ रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी।
कूचबिहार जिले में स्थित इस कोर्ट ने 2019 के लोकसभा चुनाव के समय बीडीओ कार्यालय परिसर में मोटरसाइकिल रैली निकाले जाने को लेकर दर्ज प्राथमिकी के मामले में मंत्री के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
भाजपा सांसद और केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री जॉन बार्ला पर आरोप है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रतिबंधित क्षेत्र में बार्ला के नेतृत्व में मोटरसाइकिल रैली निकाली गई थी। कोर्ट के मुताबिक चार अप्रैल 2019 को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए तूफानगंज में प्रखंड विकास कार्यालय परिसर में मोटरसाइकिल रैली निकाली गयी थी। जॉन बार्ला सहित रैली में भाग लेने वाले चार लोगों के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत स्थानीय बॉक्सिरहाट पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। तूफानगंज उप-मंडल अदालत ने इस मामले में बार्ला को समन जारी किया था और उनसे 15 नवंबर को कोर्ट में पेश होने को कहा था, लेकिन वह न तो अदालत में आए और न ही उनकी ओर से कोई वकील पेश हुआ। इसलिए अदालत की अवमानना के आरोप में शुक्रवार को बार्ला के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था
JHON BARLA
कोर्ट की अवमानना के मामले में केंद्रीय राज्यमंत्री जॉन बार्ला के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी
कोलकाता, । कूचबिहार जिले के तूफानगंज की स्थानीय कोर्ट ने भाजपा सांसद और केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री जॉन बार्ला के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के एक मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
दरअसल, 4 अप्रैल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान तूफानगंज में प्रखंड विकास कार्यालय परिसर में बार्ला के नेतृत्व में एक मोटरसाइकिल रैली निकाली गई थी। इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए जॉन बार्ला सहित चार लोगों के खिलाफ बॉक्सिरहाट पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। तूफानगंज उपमंडल कोर्ट ने इस मामले में बार्ला को समन जारी कर 15 नवंबर को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे, लेकिन बार्ला न तो कोर्ट में हाजिर हुए और न ही उनका कोई वकील पेश हुआ। इस पर कोर्ट ने अवमानना के आरोप में बार्ला के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए केन्द्रीय राज्यमंत्री बार्ला ने कहा कि वह बदले की राजनीति के शिकार हुए हैं।देश की कानूनी व्यवस्था के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है। पहले भी, मैंने 45 दिन सलाखों के पीछे बिताए थे। मेरे खिलाफ यह गिरफ्तारी वारंट राजनीतिक प्रतिशोध से जारी किया गया है।
इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि चूंकि कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है, इसलिए मामले में राजनीतिक प्रतिशोध का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा, ”कानून अपना काम करेगा।
उल्लेखनीय है कि बार्ला पश्चिम बंगाल से भाजपा के दूसरे लोकसभा सदस्य हैं, जिनके खिलाफ निचली कोर्ट ने महज 72 घंटे के अंतराल में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इससे पहले 14 नवंबर को अलीपुरद्वार की न्यायिक कोर्ट ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक के खिलाफ वर्ष 2009 में अलीपुरद्वार में दो आभूषण की दुकानों में चोरी के एक मामले में उनकी कथित संलिप्तता के संबंध में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।