बॉलीवुड अभिनेता और मॉडल अर्जुन रामपाल का जन्म 26 नवंबर 1972 को मध्य प्रदेश के जबलपुर में हुआ था। अर्जुन रामपाल ने अपने करियर की शुरुआत 17 वर्ष की उम्र में बतौर मॉडल की थी। उन्होंने साल 2001 में आई फिल्म ‘प्यार इश्क और मोहब्बत’ से बॉलीवुड में कदम रखा। इस फिल्म में वह सहायक अभिनेता के तौर पर नजर आए थे।
हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही लेकिन फिल्म में उनके अभिनय को काफी सराहा गया। इसके बाद अर्जुन को एक के बाद एक कई फिल्मों में अभिनय करने का मौका मिला। साल 2007 में आई फिल्म ‘ओम शांति ओम’ से उन्हें पहली कमर्शियल सक्सेस मिली। इस फिल्म में वह विलेन की भूमिका में नजर आए थे। इसी साल अर्जुन ने ऋतुपर्णो घोष की फिल्म में अमिताभ बच्चन और प्रीति जिंटा के साथ ‘द लास्ट लियर’ में अभिनय किया। यह फिल्म टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में पहली बार प्रदर्शित हुई। साल 2008 में आई फिल्म ‘रॉक ऑन’ में अर्जुन के अभिनय को काफी सराहा गया। इस फिल्म में अर्जुन ने जोसफ मैस्करेन्हास का किरदार निभाया था। फिल्म में उनके उत्कृष्ट अभिनय के लिए उन्हें नेशनल अवार्ड के साथ फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
Jabalpur
जबलपुर)। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का एक बड़ा फैसला सामने आया है। गुरुवार को हाई कोर्ट ने दो बालिग सहेलियों की इच्छा का सम्मान करते हुए उन्हें साथ रहने के लिए स्वतंत्र कर दिया। साथ ही कोर्ट ने इनमें से एक सहेली के पिता की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका निरस्त कर दी गई। कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया कि सहेलियों के बालिग होने के कारण वे अपने जीवन के निर्णय स्वयं लेने का पूरा अधिकार रखती हैं।
बताया गया कि हाई कोर्ट ने यह फैसला तीन दिन पहले दिया, लेकिन इसका खुलासा गुरुवार को हुआ है। शासकीय अधिवक्ता सुयश ठाकुर ने बताया कि याचिका पर सोमवार को मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने दोनों युवतियों को साथ रहने के लिए स्वतंत्र करते हुए पिता की याचिका को निरस्त कर दिया।
दरअसल, जबलपुर की दो लड़कियां बचपन में साथ खेलीं, पढ़ीं और बड़ी हुईं। यह दोस्ती प्यार में बदल गई। परिवार और समाज ने अंगुली उठाई, तो दोनों घर से भाग गईं। दोनों साथ रहना चाहती हैं। एक युवती की उम्र 18 और दूसरी की 22 साल है। 18 साल की युवती के पिता ने बेटी की कस्टडी के लिए हाई कोर्ट में दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगा दी। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ के समक्ष याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें आरोप लगाया गया कि 22 वर्ष आयु वाली युवती उनकी 18 वर्ष की आयु की बेटी को भगाकर भोपाल ले गई और उसने उसे जबरन बंधक बना रखा है। लिहाजा, मुक्त कराकर हवाले किया जाए। इस पर हाई कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए कि वह बंधक बनाकर रखी गई 18 वर्ष की युवती को मुक्त कराकर पेश करे। पुलिस ने युवती को भोपाल के एक छात्रावास से जबलपुर लाकर कोर्ट के समक्ष पेश किया। इस दौरान 22 वर्षीय सहेली भी कोर्ट रूम में मौजूद थी। कोर्ट ने दोनों सहेलियों को एक घंटे का समय देते हुए कहा कि आपस में चर्चा कर लें। एक घंटे बाद दोनों फिर से कोर्ट के समक्ष पेश हुईं।
कोर्ट के सामने 18 वर्षीय युवती ने अपने बयान में कहा कि उसे परिवार नहीं, एक-दूजे का साथ पसंद है। वह उसी के साथ रहना चाहती है। अनुचित आरोप लगाते हुए दायर की गई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका निरस्त कर दी जाए। अदालत ने दोनों सहेलियों की साथ रहने की इच्छा का सम्मान किया और युवती को बंधक बनाने के आरोप को खारिज करते हुए अदालत ने पिता की याचिका को निरस्त कर दिया।
यह है मामला
दोनों युवतियां जबलपुर से करीब 20 किमी दूर खमरिया इलाके में ईस्टलैंड में रहती हैं और दूर की रिश्तेदार और पड़ोसी भी हैं। 22 साल की युवती के माता-पिता का देहांत हो गया, इसलिए वह अकेली रहने लगी। रिश्तेदार और पड़ोसी होने की वजह से 18 साल की युवती के परिजन इसकी देखभाल करने लगे। 18 साल की युवती के पिता ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से रिटायर हैं। आरोप है कि नशे में आएदिन झगड़ा करते थे। युवती पिता की मार से बचने के लिए दूसरी युवती के घर चली जाती थी। धीरे-धीरे दोनों की दोस्ती गहराती गई और उनका रिश्ता मजबूत होता गया। इसके बाद दोनों युवतियां इसी साल 14 अगस्त को जबलपुर से भाग निकलीं। 16 अगस्त को पिता ने दोनों लड़कियों की गुमशुदगी दर्ज कराई। बाद में दोनों युवतियां जबलपुर से भोपाल आ गईं। और हॉस्टल में किराए से कमरा लेकर रहने लगीं।
जबलपुर। डिंडोरी, मंडला जिले के साथ ही बरगी बांध के जल ग्रहण क्षेत्र में बीते 2 दिनों में हुई बारिश से बांध का जलस्तर एक बार फिर बढ़ गया है। हालांकि बारिश बंद हो चुकी है, लेकिन बरगी बांध में पानी की आवक जारी है। जिसके कारण गुरुवार देर रात बरगी बांध 21 गेटों में से सात गेट खोल दिए गए हैं। बरगी बांध के 7 गेट खोले जाने के बाद नर्मदा नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार खोले गए 7 गेटों में से तीन गेट को डेढ़-डेढ़ मीटर, दो गेट को 1-1 मीटर और दो गेट आधा-आधा मीटर खोला गया है। इन गेटों के माध्यम से 1,375 क्यूमेक पानी को छोड़ा जा रहा है। जिसमें से 1,175 क्यूमेक पानी गेटों से और 2 सौ क्यूमेक पानी पावर हाउस से छोड़ा जा रहा है। बांध में पानी की आवक 913 क्यूमेक दर्ज की गई है। बांध से छोड़े जा रहे पानी के कारण नर्मदा नदी एक बार फिर उफान पर आ गई है। जिससे नर्मदा नदी का जलस्तर करीब 5 फीट तक बढ़ चुका है। जबलपुर के ग्वारीघाट, तिलवारा घाट, भेड़ाघाट सहित अन्य घाटों में जलस्तर बढ़ गया है।
उमरिया। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मां अपने डेढ़ साल के बच्चे को मौत के मुंह से निकाल लाई। अपने जिगर के टुकड़े के लिए मां बाघ से भिड़ गई। बाघ ने महिला को करीब-करीब दबोच ही लिया था, लेकिन उसने हार नहीं मानी। मां बच्चे के लिए बाघ से करीब 25 मिनट तक लड़ती रही। आखिरकार उसने मौत के मुंह से बच्चे को निकाल लिया।
बाघ के नाखून शरीर में घुसने से महिला की हालत गंभीर है। उमरिया स्वास्थ्य केंद्र से प्राथमिक उपचार के बाद महिला को जबलपुर भेज दिया गया। घटना बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के रोहनिया गांव की है। बताया जाता है कि अर्चना चौधरी सुबह अपने बेटे राजवीर के साथ किसी काम से बाहर निकली थी। इस बीच एक बाघ झाडिय़ों में छिपा बैठा था। वह लकड़ी-कांटे की फेंसिंग को फांदकर अंदर आ गया और राजवीर को पकड़ लिया। ये देख अर्चना ने होश नहीं खोया, बल्कि उसने पूरी हिम्मत से बाघ का सामना किया। बाघ ने उसे भी दबोच लिया और अपने नाखून उसके शरीर में घुसा दिए, लेकिन महिला लगातार चीखती रही और गांववालों को आवाज देती रही। बाघ से उसका संघर्ष करीब 25 मिनट तक चला।
जब गांववालों को आवाजें सुनीं तो सभी लाठी-डंडे लेकर मौके पर पहुंचे। इसके बाद बाघ मां.बेटे को छोड़कर जंगल में भाग गया। उसके जाने के बाद लोगों ने दोनों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा।