नई दिल्ली ।असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा को भ्रष्ट बताना मनीष सिसोदिया के गले की फांस बना हुआ है। इस मामले में राहत पाने के सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मनीष सिसोदिया को झटका लगा है । सुप्रीम कोर्ट ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की तरफ से दाखिल मानहानि का मुकदमा रद्द करने की मनीष सिसोदिया की याचिका खारिज कर दी है।
सिसोदिया ने कहा कि मेरा मतलब यह नहीं था कि सरमा भ्रष्ट हैं। तब कोर्ट ने कहा कि अगर आप बहस को इतना नीचे ले जाते हैं तो आपको इसका नतीजा भुगतना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया से कहा कि या तो आप सरमा से माफी मांगें या मुकदमे का सामना करें।
दरअसल, कुछ महीने पहले सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हिमंत बिस्व सरमा पर आरोप लगाया था कि कोरोना के दौरान उन्होंने राज्य के लिए पत्नी की फर्म से महंगे दाम पर पीपीई किट खरीदी थी। इस आरोप के बाद हिमंत बिस्व सरमा ने असम में उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया था। इसी के बाद सिसोदिया ने मानहानि का मुकदमा रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
HEMANT VISHWA SARMA
गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को कहा कि केंद्र असम के आदिवासी उग्रवादियों के साथ जल्द ही शांति समझौते पर हस्ताक्षर करेगा।सरमा ने कहा कि सितंबर में आदिवासी उग्रवादियों के साथ शांति समझौते पर केंद्र द्वारा हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा, “केंद्र इस महीने के भीतर असम के आदिवासी उग्रवादी समूहों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर सकता है।”
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पहल पर आदिवासी उग्रवादियों के साथ शांति प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि जिन आदिवासी उग्रवादियों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने हैं, उनमें ऑल आदिवासी नेशनल लिबरेशन आर्मी, आदिवासी कोबरा मिलिटेंट ऑफ असम, बिरसा कमांडो फोर्स, संथाल टाइगर फोर्स और आदिवासी पीपुल्स आर्मी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ये उग्रवादी समूह लंबे समय से सरकार के साथ युद्धविराम में हैं और निर्दिष्ट शिविरों में रह रहे हैं।