वाराणसी । सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने की सफाई 20 जनवरी (शनिवार) को होगी। सफाई के लिए सुबह 9 से 11 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। सफाई के दौरान दोनों पक्षों के दो-दो प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।
वाराणसी के जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने गुरुवार को पत्रकारों को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को लेकर जिला प्रशासन ने हिंदू और मुस्लिम पक्ष के लोगों से बातचीत की है। इस दौरान तय हुआ कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार दोनों पक्षों के प्रतिनिधि सील वजूखाने की सफाई के दौरान मौजूद रहेंगे। कोई भी प्रतिनिधि वजूखाने की जाली के अंदर प्रवेश नहीं करेगा। सिर्फ सफाईकर्मी अंदर प्रवेश कर एहतियात बरतते हुए साफ-सफाई का काम करेंगे। साफ-सफाई के दौरान सुरक्षा के व्यापक प्रंबध रहेंगे। सील वजूखाने में किसी को भी अनधिकृत रूप से प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। बैठक में हिन्दू पक्ष, प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के पदाधिकारी और पुलिस अफसर मौजूद रहे।
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प्रयागराज । ज्ञानवापी परिसर में गैर हिन्दुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग सम्बन्धी दाखिल जनहित याचिका वापस लिए जाने के आधार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर एवं न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मंगलवार को दिया।
वाराणसी की अदालत में श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की अनुमति के लिए मुकदमा दाखिल करने वाली राखी सिंह, जितेंद्र सिंह बिसेन व अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका में कहा गया था कि श्रृंगार गौरी केस में जब तक वाराणसी की अदालत का फैसला नहीं आ जाता, तब तक परिसर में गैर हिन्दुओं का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए और ज्ञानवापी परिसर में मिले हिंदू प्रतीक चिन्हों को संरक्षित रखने का आदेश दिया जाए।
कोर्ट का कहना था कि याची ने वाराणसी कोर्ट में सिविल वाद दायर कर रखी है। वह जो कुछ आदेश हाईकोर्ट से लेना चाह रही है, वह सब कुछ वाराणसी लोवर कोर्ट में भी अर्जी दाखिल कर मांग कर सकती हैं। कोर्ट ने याची के इस कथन पर कि वह अपनी बात लोवर कोर्ट वाराणसी में रखेगी इस आधार पर उसके द्वारा याचिका वापस लेने पर खारिज कर दिया।
वाराणसी । इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देश पर ज्ञानवापी परिसर में सुरक्षा की अभेद्य किलेबंदी के बीच लगातार पांचवें दिन मंगलवार को भी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) टीम का सर्वे कार्य शुरू हो गया है। सर्वे के लिए निर्धारित समय सुबह 8 बजे एएसआई की टीम ज्ञानवापी पहुंच गई। माना जा रहा है कि व्यासजी के तहखाना के साथ गुंबद का सर्वे होगा।
सूत्रों के मुताबिक पांचवें दिन एएसआई की टीम व्यास जी के तहखाने के मलबे की जांच के साथ गुंबदों पर बनी कलाकृतियों की कार्बन कापी, परिसर में मिले ताखे, गुंबदों की दो सीढ़ियों के पास बने कलश नुमा नक्काशी का स्कैनिंग, गुंबद आदि का सर्वे करेगी। सर्वे दोपहर 12.30 बजे लंच और नमाज के लिए रोका जाएगा। अपराह्न 2.30 बजे से दोबारा सर्वे शुरू होकर शाम 05 बजे तक चलेगा।
इसके पहले एएसआई टीम ने पश्चिमी दीवार का सर्वे किया था। दीवार पर बने निशान, रंगाई-पुताई में इस्तेमाल सामग्री, ईंट-पत्थर के टुकड़े व दीवार बनाने में प्रयोग होने वाली सामग्री के नमूने बतौर साक्ष्य जुटाए। मिट्टी के नमूने भी लिए। इसके जरिये भवन निर्माण की अवधि, उम्र आदि की जानकारी हासिल की जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि एएसआई टीम ने ज्ञानवापी के गुंबदों की शुरुआती बनावट एवं निर्माण की जानकारी ली है। गुंबदों की थ्रीडी मैपिंग कराई गई। कंगूरों (गुंबद के ऊपरी हिस्से) की प्राचीनता का अध्ययन किया गया। दीवार और गुंबद के बीच निर्माण में समानता नहीं मिली है। इसकी थ्रीडी मैपिंग, फोटो व वीडियोग्राफी कराई गई। एएसआई की 58 सदस्यीय टीम चार अलग अलग टीमों के रूप में हिस्सों में बंटकर सर्वे कार्य में जुटी हुई है। माना जा रहा है कि बुधवार से ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) तकनीक से सर्वे शुरू हो सकता है। इसके लिए आईआईटी कानपुर की विशेषज्ञों की टीम मंगलवार रात तक वाराणसी पहुंच सकती है। उधर, सर्वे से जुड़ी जानकारी साझा करने पर जिला प्रशासन के तेवर सख्त हैं। अफसरों ने कहा है कि मामला अदालत में विचाराधीन है। गोपनीय रिपोर्ट अदालत में जमा कराई जानी है। ऐसे में किसी भी तरह की बयानबाजी से बचना होगा।
वाराणसी । ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ने लगातार तीसरे दिन रविवार को सर्वे की प्रक्रिया पूरी की। सुबह लगभग 9 बजे से शुरू हुए सर्वे में एएसआई टीम ने मुस्लिम पक्ष से चाबी लेकर व्यास तहखाना खुलवा कर पैमाइश की। टीम ने दीवारों की 3-डी फोटोग्राफी, स्कैनिंग करने के बाद तीनों गुंबदों की गहनता से जांच और माप की ।
दोपहर में लंच ब्रेक और नमाज के लिए सर्वे कार्य कुछ देर रोका गया। इसके बाद अपरान्ह दो बजे सर्वे कार्य फिर शुरू किया गया। इस दौरान वादी और प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ताओं की भी मौजूदगी रही। सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर के आंतरिक हिस्से की मैपिंग और स्कैनिंग के साथ ही फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी का काम भी हुआ।
सर्वे में जांच पड़ताल के लिए किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है। न ही कहीं खोदाई हुई है। इसके पहले लंच ब्रेक के दौरान वादी पक्ष के अधिवक्ता कचहरी जाने के लिए ज्ञानवापी से बाहर आए तो उन्होंने मीडिया कर्मियों को बताया कि सब कुछ सामान्य तरीके से चल रहा है। सर्वे में सभी पक्ष सहयोग कर रहे हैं। सर्वे में व्यास तहखाने का ताला खुलवाने के बाद सफाई करवाई गई । टीम ने इमारत और तहखाने की थ्री-डी इमेजिंग के लिए ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) की मदद ली । सर्वे की प्रक्रिया पूरी करने के बाद वादी हिन्दू पक्ष ,मुस्लिम पक्ष और उनके अधिवक्ता के साथ ही एएसआई की टीम काशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर चार से शाम पांच बजे बाहर निकली।
सर्वे को लेकर अफवाह फैलाने का आरोप
ज्ञानवापी परिसर में पिछले तीन दिनों से चल रहे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई )टीम के सर्वे में प्रतिवादी पक्ष ने दो दिन सहयोग दिया है। सर्वे में शामिल मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मुमताज अहमद का आरोप है कि सोशल मीडिया से झूठ फैलाया जा रहा है। सर्वे में कोई मूर्ति या त्रिशूल नहीं मिला है। एक चैनल से बातचीत में अधिवक्ता ने कहा कि सर्वे में मेरा प्रतिनिधि मौजूद है। उसने कोई भी साक्ष्य मिलने की बात नहीं कही है। प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए, कानून व्यवस्था बनाए रखना उनका कर्तव्य है। अगर अफवाह पर रोक नहीं लगी तो हमलोग सर्वे से अलग हो जाएंगे। मुस्लिम पक्ष वादी और वादी पक्ष के अधिवक्ताओं के बयान को लेकर भी नाराज है।
वाराणसी । इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद लगातार दूसरे दिन शनिवार को भी कड़ी सुरक्षा के बीच ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) टीम ने सर्वे शुरू किया। मस्जिद परिसर में एएसआई टीम सुबह लगभग आठ बजे पहुंची। टीम के मस्जिद परिसर में पहुंचने के साथ प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता एजाज मकबूल,अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के पदाधिकारी भी आए। दूसरे दिन भी एएसआई टीम ने रेडिएशन के जरिये सर्वे कार्य को आगे बढ़ाया। सर्वे के लिए टीम अपने साथ सैंपल बैग, चार्ट पेपर, बाल्टी, कुदाल, छाता, कुछ केमिकल लेकर पहुंची है।
हिंदू पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन भी दूसरे दिन सर्वे में शामिल होने पहुंचे। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि इमेजिंग, मैपिंग और साफ-सफाई हुई है। सारी प्रक्रिया आधुनिक तकनीक से हो रही है। सर्वे में कितना समय लगेगा, अभी ये कहना मुश्किल है। एएसआई टीम ये पता लगाएगी कि ढांचा कितना पुराना है। क्या कुछ नया निर्माण हुआ है। जीपीआर किया जाएगा। हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने कहा है कि उम्मीद है लोग सर्वेक्षण में सहयोग करेंगे। हम चाहते हैं कि मामला सुलझ जाए। जल्द ही सर्वेक्षण से सबकुछ साफ हो जाएगा।
दूसरे दिन के सर्वे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था की किलेबंदी की गई है। ज्ञानवापी के गेट नंबर चार से लेकर आसपास पुलिस और आरएएफ की टुकड़ी तैनात की गई है। गौरतलब हो कि ज्ञानवापी परिसर में पहले दिन के सर्वे में सात घंटे से ज्यादा समय तक परिसर की आकृति तैयार की है। माप-जोख भी की गई। सर्वे के लिए ज्ञानवापी परिसर को चार ब्लॉक में बांटा गया है। चारों तरफ सीसीटीवी लगाए हैं। वीडियोग्राफी भी की जा रही है। ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार की बारीक स्कैनिंग की जा रही है। ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार विधि से सर्वे की कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी। माना जा रहा है कि दो दिन के सर्वे में पूरे परिसर की पैमाइश हो जाएगी। अब तक पश्चिमी दीवारों के निशान, दीवार पर सफेदी का चूना, ईंट में राख और चूने की जुड़ाई समेत मिट्टी के कई नमूने जुटाए गए हैं। इन्हें जांच के लिए लैब भेजा जाएगा।
वाराणसी। गुरुवार को आये हाईकोर्ट के फैसले के बाद एएसआई की टीम ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वे दोबारा शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार जुमे की नमाज़ के दौरान सर्वे का काम रोक दिया जायेगा। हालांकि सर्वे को रुकवाने के लिए मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट गया हुआ है।
ज्ञानवापी परिसर का सर्वे शुक्रवार से फिर से शुरू हो गया है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद आज दोबारा सर्वे शुरू हो रहा है। सुबह सात बजे से ए एसआई की टीम सर्वे का काम शुरू करने ज्ञानवापी के अंदर पहुंच गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी। अदालत ने सेशन कोर्ट के आदेश का तत्काल पालन करते हुए सर्वे शुरू करने का ऑर्डर दिया। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि सर्वे के दौरान किसी तरह की खुदाई नहीं होगी। इस बीच हाईकोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर के आसपास हलचल बढ़ गई है।
ज्ञानवापी पर सुरक्षा टाइट, सर्वे में आईआईटी कानपुर की टीम कर रही मदद
ज्ञानवापी और काशी विश्वनाथ के 500 मीटर के दायरे में करीब 1600 जवान सुरक्षा में तैनात हैं। पुलिस भी अलर्ट पर है, बैरिकेडिंग बढ़ाई गई है। गेट नंबर पांच के पास से सर्वे की टीम अंदर गई। पिछली बार भी टीम यहीं पर जमा हुई थी। इस बार भी ये टीम इसी गेट से अंदर गई है। बता दें कि पिछली बार मुस्लिम पक्ष ने सर्वे का बहिष्कार किया था। आज सर्वे के दौरान वादी पक्ष के सदस्य और उनके वकील साथ हैं। इसके साथ-साथ सरकारी वकील भी सर्वे के दौरान मौजूद हैं। ए एसआई की टीम के साथ आईआईटी कानपुर की टीम भी मदद कर रही है जो ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रेडार की मदद से सर्वे करा रही है, ताकि ज्ञानवापी परिसर में बिना किसी ड्रिलिंग या खुदाई के सर्वे किया जा सके।
मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से की सर्वे रुकवाने की मांग
वहीं मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से ए एसआई के सर्वे पर रोक लगाने की मांग की है। मुस्लिम पक्ष ने मुख्य न्यायाधीश की बेंच में मेंशनिंग करते हुए मांग की है कि सर्वे पर रोक लगनी चाहिए। मुस्लिम पक्ष ने याचिका में कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश ईमेल कर दिया गया। मुस्लिम पक्ष की याचिका से पहले ही श्रृंगार गौरी मुकदमे की मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट पिटीशन दाखिल कर दी है। राखी सिंह की याचिका में कहा गया है कि मुस्लिम पक्ष की याचिका पर किसी फैसले से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए। इतना ही नहीं इस केस में बौद्ध समाज की भी एंट्री हो गई है। गुरु सुमित रतन भंते ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनका दावा है कि ज्ञानवापी उनका मठ है। उन्होंने कहा कि देश में तमाम ऐसे मंदिर हैं, जो बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं।